भोपाल। जिले में जमीनी संबंधी विवाद के प्रकरण कलेक्ट्रेट स्थित कलेक्टर और अपर न्यायालय में पहुंचते हैं। इससे पहले यह( प्रकरण शहर की विभिन्न तहसीलों में चलते हैं, जब यहां से न्याय नहीं

मिलता है तो पीड़ित न्याय की आस लेकर कलेक्टर न्यायालय में गुहार लगाता है।ऐसे में जब कलेक्टर न्यायालय से ही पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा तो फिर निचले स्तर पर उसके साथ क्या व्यवहार होता होगा इसक अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल भोपाल के कलेक्टर कार्यालय में ही पिछले छह महीने से 2,635 प्रकरण लंबित हैं, जिन पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। कलेक्टर और एडीएम कार्यालय में कुल 4,808 प्रकरण दर्ज हुए थे, जिनमें से महज 5.57

प्रतिशत प्रकरणों का ही निराकरण किया जा सका है।

जिले में कलेक्ट्रेट, एसडीएम और तहसील कार्यालय में अब तक कुल 14 हजार 824 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इनमें सीमांकन, बंटवारा और नामांतरण के प्रकरण शामिल हैं। इनमें से कुल 2,934 मामलों का ही निराकरण किया जा सका है। वहीं इनमें से तीन महीने से नौ हजार, छह महीने से एक हजार 700 और छह महीने से अधिक समय से चार सौ से अधिक प्रकरण लंबित हैं।

न्यायालय का नाम – कुल प्रकरण – निराकृत प्रकरण – तीन माह से लंबित – छह

महीने से लंबित – छह महीन से अधिक लंबित

कलेक्टर – 4204 – 29 – 987 – 619 – 2569

एडीएम उत्तर – 340 – 127 – 102 – 71 – 40

एडीएम दक्षिण – 151 – 76 – 57 – 07 – 11

एडीएम मुख्यालय 1 – 17 – 02 – 12 – 02 – 01

एडीएम मुख्यालय 2 – 99 – 51 – 37 – 04 – 07

कुल प्रकरण – 4808 – 268 – 1202 – 703 – 2635

प्रकरण का नाम – कुल पंजीकृत – कुल निराकृत – तीन माह से लंबित – छह माह

से लंबित – छह महीने से अधिक लंबित

नामांतरण – 12,252 – 2,578 – 8,145 – 1,140 – 343

सीमांकन – 1780 – 259 – 1013 – 478 – 28

बंटवारा – 792 – 97 – 452 – 173 – 71

कुल – 14,824 – 2934 – 9610 – 1791 – 442