सीएम को शिकायत-बिल्डरों के पक्ष में रिपोर्ट ?
सीएम को शिकायत-बिल्डरों के पक्ष में रिपोर्ट, प्रशासन बोला-जांच करेंगे
प्रशासन की ओर से राजस्व निरीक्षक ने जांच की और रिपोर्ट में जमीन को निजी बताया है। इसी जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से लेकर वरिष्ठ अफसरों को शिकायत की है जिसमें आरोप लगाया है कि प्रशासन की जांच रिपोर्ट बिल्डरों व भू-माफिया के पक्ष में दी गई है।
- राजस्व निरीक्षक प्रदीप मैकले ने सौंपी है रिपोर्ट
- प्रशासन ने पुराने रिकार्ड निकलवाकर जांच का दावा किया था
ग्वालियर। शहर के जीवाजी क्लब के पीछे चेतकपुरी नर्सरी-नाला की जमीन को लेकर प्रशासन की जांच रिपोर्ट कटघरे में हैं। इस जमीन को लेकर बिल्डरों की शिकायत की गई थी जिसमें प्रशासन ने पुराने रिकार्ड निकलवाकर जांच का दावा किया था।
इस मामले में पुराना रिकार्ड अभी भी टटोला नहीं गया है, इसलिए इस जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इस मामले की निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इस जांच रिपोर्ट को क्रास चेक कराएंगे, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके।
शिकायतकर्ता कैलाश अग्रवाल ने बताया है कि ग्वालियर शहर की करोड़ों की बेशकीमती शासकीय नहर, बाग, उद्यान की भूमि ग्राम ललितपुर तहसील व जिला ग्वालियर के भूमि सर्वे क्रमांक 243, 244, 245, 246, 247 एवं अन्य शासकीय सर्वे नंबरों की (मिसिल बंदोबस्त संवत 1997 वर्ष 1940) में शासकीय भूमि को अतिक्रमित कर टाउनशिप बनाई जा रही है।
भूमाफियाओं को उक्त क्षेत्र के तहसीलदार एवं आरआइ द्वारा आवेदक की पूर्व में की गई शिकायत पर कोई जांच न कर एवं न ही मिसिल बंदोबस्त एवं शासकीय रिकार्ड का अवलोकन किया गया। आरआइ प्रदीप मैकले द्वारा माफिया को लाभ देने के उद्देश्य से बिना दस्तावेजों के अवलोकन पक्ष में रिपोर्ट दी गई है।
अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से बिना किसी न्यायालयीन आदेश से खुर्दबुर्द करने एवं उक्त शासकीय जमीन पर प्लाटिंग का कार्य कर अवैध रूप से विक्रय किये जा रहे उक्त शासकीय भूमि ग्राम ललितपुर तहसील व जिला ग्वालियर जीवाजी क्लब के पीछे भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा राजस्व विभाग एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ग्वालियर से बिना विकास अनुज्ञा प्राप्त कर अवैध रूप से शासकीय भूमि पर कार्य किया जा रहा है।
माफियाओं के पास नगर निगम ग्वालियर से कोई अनुमति प्राप्त नहीं हैं और उक्त भूमि का डायवर्सन एवं संबंधित सक्षम विभागों से कोई अनुमति प्राप्त नहीं हैं भूमि पर अवैध रूप से कार्य किया जा रहा हैं और भूमि पर लगे हरे भरे पेड़ों की कटाई भी माफियाओं द्वारा की गई हैं।
अप्रैल में हुई लिखित शिकायत, अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं
- आवेदक द्वारा पूर्व में प्रमुख सचिव राजस्व , आयुक्त ग्वालियर संभाग, कलेक्टर ग्वालियर, आयुक्त ग्वालियर को 18 अप्रैल 2024 को लिखित शिकायत की गई थी लेकिन राजनीतिक दवाब के कारण उक्त करोड़ों रूपयों की शासकीय भूमि की जांच तहसीलदार के सुपुर्द कर दी।
- जांच के दौरान आवेदक को एवं उसके दस्तावेजों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया, एकतरफा भूमाफिया को लाभ देने के उद्देश्य से पुराने रिकार्ड का अवलोकन न कर एक पक्षीय रिपोर्ट बिना आवेदक को सुने भूमाफिया के पक्ष में तहसीलदार को सौंप दी।
- इस मामले में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सर्वे नंबर 244 जो मिसिल बंदोबस्त वर्ष 1940 में बाग के रूप में शासकीय दर्ज है, सर्वे नंबर 245 जो कि नहर के रूप में शासकीय दर्ज है, 247 नहर के रूप में शसकीय दर्ज है एवं उसके बावाजूद भी मिसिल बंदोबस्त के वर्ष 1940 की स्थिति में उक्त समस्त सर्वे नम्बर शासकीय है। यहां यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि क्या नहर, नदी, नाले, एवं बाग की जमीन व भूमि निजी हो सकती है।
जीवाजी क्लब के पीछे वाली ग्राम ललितपुर की जमीन के मामले में राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें निजी जमीन बताई जा रही है। इस रिपोर्ट की जांच करा रहे हैं इसमें पूर्व में कुछ आदेश व रिकार्ड शामिल नहीं है। राजस्व निरीक्षक ने किस आधार पर जांच की यह हम दिखवा रहे हैं।
रमाशंकर सिंह नायब तहसीलदार, लश्कर