कांग्रेस-आप को विधायकों के BJP में जाने का डर … इस बार पहले से ही मजबूत किलेबंदी, लाखों-करोड़ों का लालच भी विधायकों को तोड़ नहीं पाएगा
पहली घटना
गोवा : साल 2017
विधानसभा की 40 में से 17 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन सरकार 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने बनाई। भाजपा ने इंडिपेंडेंट विधायकों और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करके ऐसा किया। 2022 चुनाव के पहले कांग्रेस के 17 में से महज 2 विधायक ही पार्टी में रह गए थे। 15 भाजपा में शामिल हो गए।
दूसरी घटना
मणिपु
कांग्रेस ने क्या किया : 22 जनवरी को सभी कैंडीडेट्स को मंदिर, मस्जिद और चर्च ले जाया गया और वहां भगवान, अल्लाह और यीशु मसीह के सामने शपथ दिलवाई गई कि चुनाव में जीतने के बाद वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे। गोवा में पार्टी के सीनियर ऑब्जर्वर पी चिदंबरम के सामने विधायकों ने शपथ ली कि हम किसी भी हाल में कांग्रेस को नहीं छोड़ेंगे।
आप ने क्या किया : इस मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कांग्रेस से भी ज्यादा अलर्ट है। 2 फरवरी को केजरीवाल खुद गोवा पहुंचे थे और उन्होंने सभी कैंडीडेट्स से एफिडेविड साइन करवाया, जिसमें यह लिखा है कि नतीजों के बाद वे दूसरी पार्टी ज्वॉइन नहीं करेंगे।
राज्य- मणिपुर
कांग्रेस ने क्या किया : सिर्फ गोवा ही नहीं, बल्कि मणिपुर में भी कांग्रेस ने कैंडीडेट्स को पार्टी न छोड़ने का प्रॉमिस दिलवाया। 10 दिन पहले कांग्रेस भवन में सभी कैंडीडेट्स को बुलाया गया और उनसे ये वादा लिया गया कि जीतने के बाद वे किसी भी हाल में कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। इस प्रोग्राम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व CM सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता शामिल थे।
राज्य- पंजाब
कांग्रेस ने क्या किया : पंजाब विधानसभा क्षेत्र अमृतसर नॉर्थ में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील दत्ती ने बताया कि, बाहर के जो कैंडीडेट्स पार्टी से इस बार टिकट मांग रहे थे, उनसे यह प्रॉमिस लिया गया है कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे। हालांकि, पंजाब में सभी कैंडीडेट्स के साथ ऐसा नहीं किया गया।
नोट : दल-बदल रोकने के लिए इसके खिलाफ कानून बनाया जा चुका है। क्या है दल-बदल कानून और नेता इसका तोड़ कैसे निकाल लेते हैं, यह पूरी कहानी इस लिंक पर क्लिक करके पढ़िए।