Madhya Pradesh: मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य को बताया मूलभूत जरूरत, कहा-पश्चिमी विचार व्यापार पर आधारित है

विद्या भारती की भूमिका को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, लेकिन, देश में स्कूलों के एक विशाल नेटवर्क का संचालन करने वाली विद्या भारती फायदे के बारे में बात नहीं करती है. यह संस्था हर भारतीय तक शिक्षा पहुंचाने के लिए काम करती है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन  में कहा कि शिक्षा के बारे में प्रचलित पश्चिमी विचार व्यवसाय उन्मुख हैं. वे भारतीय शिक्षा प्रणाली को तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का क्षेत्र मानते हैं. मोहन भागवत उज्जैन में सम्राट विक्रमादित्य भवन के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे. यह भवन आरएसएस की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती का क्षेत्रीय कार्यालय होगा. इसका उपयोग शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और शोध केंद्र के रूप में किया जाएगा. अपने संबोधन के दौरान भागवत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य अब भोजन, कपड़े और आवास के साथ बुनियादी आवश्यकताओं में शुमार हो चुके हैं. लोग अपने बच्चों के लिए खुद भूखे रह कर और किराये के आवास में रह कर भी उन्हें अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाते हैं.

शिक्षा और स्वास्थ्य अब बुनियादी सुविधा

 

उन्होंने कहा, शिक्षा के बारे में पश्चिमी व्यापार उन्मुख विचार इन दिनों प्रचलित हैं. वे भारतीय शिक्षा प्रणाली को तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर मानते हैं. उन्हें यह फायदा कमाने का क्षेत्र लगता है और आपूर्ति बढ़ा कर वह लाभ कमा सकते हैं.

विद्या भारती भारतीय तक शिक्षा पहुंचाने का करती है काम

विद्या भारती की भूमिका को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘लेकिन, देश में स्कूलों के एक विशाल नेटवर्क का संचालन करने वाली विद्या भारती फायदे के बारे में बात नहीं करती है. यह संस्था हर भारतीय तक शिक्षा पहुंचाने के लिए काम करती है.’

सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के मालवा प्रांत सचिव प्रकाश धनगर ने कहा कि नए केंद्र में 20 हजार शिक्षकों को हर साल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही यहां पर शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर शोध भी किए जाएंगे.

समाज से गांव के विकास पर भागवत ने दिया जोर

इसे पहले सोमवार को अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने हिंदू समाज को संगठित करने और बांटने वाले विषयों को खत्म करने के काम पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा एक जलाशय, एक मंदिर और एक श्मशान की विचारधारा के माध्यम से किया जा सकता है. संघ प्रमुख ने 2025 तक के लिए तैयार किए गए ब्लू प्रिंट का हवाला देते हुए कार्यकर्ताओं को कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता और ग्राम विकास में काम करने की आवश्यकता भी बताई.

संघ प्रमुख भागवत सोमवार को इस्कान मंदिर में मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण संत्र के अंतिम दिन चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि समाजों में बंटे विभिन्न विषयों को खत्म करने के लिए हमें एकजुट होना होगा.

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