क्या राजनीति में शेयर बाजार जितना रिटर्न मिलता है? जवाब पंजाब के विधायकों की बढ़ती संपत्ति में छिपा है
एडीआर की रिपोर्ट में ज्यादा कमाई करने वाले विधायकों में बादल के बाद अमन अरोड़ा (AAP), अमरिंदर सिंह (राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री) और अंगद सिंह (कांग्रेस) के नाम हैं. इन सभी उम्मीदवारों ने पिछले पांच वर्षों में अपनी नेट वर्थ में 10 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज कराई है.
अगर आप कभी ये जानना चाहें कि राजनीति कितने फायदे का सौदा है तो एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के ताजा विश्लेषण को जरूर पढ़ें. इसकी रिपोर्ट में 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में दोबारा चुनाव लड़ने वाले विधायकों की संपत्ति (Property Of legislators) के नए आंकड़े बताए गए हैं. ये नंबर बताते हैं कि पैसे के मामले में पॉलिटिक्स आपको शेयर बाजार जितना रिटर्न दे सकती है.
लेकिन सावधान रहें, क्योंकि ये हर किसी के बस की बात भी नहीं है! हमने पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले शेयरों और इतनी ही अवधि में पंजाब के पूर्व विधायकों की संपत्ति में हुए इजाफे की तुलना की. जिससे जाहिर हुआ है कि इस अवधि के दौरान राज्य के कई विधायक अपनी संपत्ति को खासा बढ़ाने में सफल रहे हैं.
विधायकों की संपत्ति और शेयर बाजार के रिटर्न की तुलना को ऐसे समझें
फरवरी 2017 में अडानी एंटरप्राइजेज के एक शेयर की कीमत लगभग 64 रुपये थी जो फरवरी 2022 में 2000 रुपये को पार कर गई है. दूसरे शब्दों में समझें तो इस शेयर पर रिटर्न करीब 3000 फीसदी या पांच साल पहले के मुकाबले 30 गुना है. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में तलवंडी साबो से आम आदमी पार्टी विधायक प्रोफेसर बलजिंदर कौर की संपत्ति में भी ऐसा ही इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार 2017 में उनकी संपत्ति 3 लाख रुपये थी, जो फरवरी 2022 में एक करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
पिछले पांच वर्षों में शीर्ष शेयर मूल्य बनाम पंजाब के सबसे अधिक कमाई करने वाले विधायकों की तुलना
इसी तरह, 2017 की तुलना में आम आदमी पार्टी के विधायक कुलवंत सिंह की संपत्ति में 529 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है. यानी पिछले पांच साल में उनकी प्रॉपर्टी आठ गुना बढ़ी है. पिछले कार्यकाल के दौरान उनकी संपत्ति 2 लाख रुपये थी जो अब 17 लाख रुपये हो चुकी है. उनकी प्रॉपर्टी ग्रोथ की तुलना वैभव ग्लोबल के स्टॉक के रिटर्न से की जा सकती है. इस कंपनी के शेयर की कीमत 2017 में 85 रुपये थी जो 2022 में बढ़कर 428 रुपये हो चुकी है. इस लिस्ट में तीसरी पोजिशन पर बाबा बकाला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक संतोख सिंह हैं. एडीआर रिपोर्ट के अनुसार उनकी संपत्ति 36 लाख रुपये से बढ़कर 1 करोड़ रुपये से अधिक हो गई यानी इसमें 343 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस बढ़त की तुलना पीएंडजी हेल्थ लिमिटेड के शेयर से की जा सकती है जिसने इसी अवधि के दौरान 3600 रुपये से अधिक की छलांग लगाई है.
लेकिन यहां आंकड़ों का एक और दिलचस्प खेल देखिए. ये सभी वे विधायक हैं जिनके एसेट्स का ग्रोथ पर्सेंट सबसे ज्यादा है. लेकिन जिन लोगों ने वास्तव में बहुत सारा पैसा कमाया है, रिपोर्ट में उन लोगों के नाम की एक अलग लिस्ट बनाई गई है.
पंजाब विधानसभा में पांच सबसे ज्यादा कमाई करने वाले विधायक
इस लिस्ट में टॉप पर जलालाबाद सीट से सुखबीर सिंह बादल हैं. रिपोर्ट से जाहिर हुआ है पिछले पांच वर्षों में उनकी प्रॉपर्टी में 100 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है. साथ ही उनकी वर्तमान कुल संपत्ति लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी गई है. सूची में अगला नाम भटिंडा शहरी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मनप्रीत सिंह बादल का है जिन्होंने अपनी संपत्ति में 32 करोड़ रुपये से अधिक वृद्धि दिखाई है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी वर्तमान कुल संपत्ति 72 करोड़ रुपये है.
एडीआर की रिपोर्ट में ज्यादा कमाई करने वाले विधायकों में बादल के बाद अमन अरोड़ा (AAP), अमरिंदर सिंह (राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री) और अंगद सिंह (कांग्रेस) के नाम हैं. इन सभी उम्मीदवारों ने पिछले पांच वर्षों में अपनी नेट वर्थ में 10 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज कराई है.
विधायकों की संपत्ति में कुल वृद्धि
एडीआर रिपोर्ट का विश्लेषण बताता है कि 78 विधायकों में से 77 प्रतिशत ने अपनी कुल संपत्ति में बढ़त दर्ज कराई है. विधायकों की प्रॉपर्टी में इस बढ़ोतरी की रेंज 2 प्रतिशत से लेकर लगभग 2954 प्रतिशत तक है. दूसरी ओर, 21 विधायकों ने पिछले पांच वर्षों में अपनी संपत्ति में कमी का उल्लेख किया है.
पंजाब में विधायकों की संपत्ति में वृद्धि का प्रतिशत
एडीआर रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, फिर से चुनाव लड़ने वाले 101 विधायकों में से छह ने अपनी संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 200 प्रतिशत या उससे अधिक की ग्रोथ दर्ज कराई है. दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे 12 विधायकों ने इसी अवधि के दौरान अपनी संपत्ति कम से कम दोगुनी होने की सूचना दी है. वहीं रिपोर्ट से ये भी सामने आया है कि 45 विधायकों ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान संपत्ति में 0 से 50 प्रतिशत की वृद्धि बताई है.