धर्म, बाहुबल और रियासतों के गढ़ की 10 हॉट सीटें … सिराथू में बेटे को आशीर्वाद या बहू को मिलेगी मुंह-दिखाई? कुंडा में 7वीं बार जीत पाएंगे राजा भैया?

उत्तर प्रदेश में आज 12 जिलों की 61 सीटों पर वोटिंग है। अवध और पूर्वांचल मे होने वाले पांचवें चरण में अयोध्या, प्रयागराज और चित्रकूट जैसी धार्मिक नगरी में भाजपा के हिंदुत्व कार्ड की परीक्षा है। वहीं, मंत्री, बाहुबली और राजघरानों की प्रतिष्ठा का इम्तिहान है। इस चरण मे दर्जनों सीटें ऐसी है जहां सत्ता और विपक्ष के धुरंधर मैदान में हैं। इन सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।

आइए आपको पांचवें चरण की 10 सबसे हॉट सीटों के बारे में बताते हैं…

1-सिराथू में बेटा VS बहू

सिराथू में डिंपल यादव और जया बच्चन ने पहली चुनावी रैली करके पल्लवी पटेल के लिए वोट मांगे।
सिराथू में डिंपल यादव और जया बच्चन ने पहली चुनावी रैली करके पल्लवी पटेल के लिए वोट मांगे।

इस फेज में सबसे ज्यादा चर्चाओं में कौशांबी की सिराथू सीट है। एक तरफ केशव मौर्य खुद को यहां का बेटा बता रहे हैं। वहीं सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही पल्लवी पटेल खुद को बहू बताकर अपने लिए मुंह दिखाई में वोट मांग रही है। बीजेपी कार्यकर्ता केशव मौर्य को भविष्य का सीएम बताकर जाति का चक्रव्यूह चकनाचूर करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, पल्लवी जातीय समीकरण में वोटरों को अपने पाले में लाने की कवायद में हैं। पल्ल्वी, मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन है। इस सीट की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यहां डिंपल यादव और जया बच्चन खुद प्रचार करने गई।

2-कुंडा के किंग राजा भैया VS गुलशन यादव

राजा भैया 7वीं बार कुंडा से चुनाव मैदान में हैं।
राजा भैया 7वीं बार कुंडा से चुनाव मैदान में हैं।

कुंडा यूपी की वो विधानसभा सीट है, जो राजा भैया के कारण सुखियों में रहती है। वे यहां से लगातार 6 विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 7वीं बार मैदान में हैं। राजा भैया जेल में रहे या बाहर..यहां हमेशा उनका दबदबा रहा है। 2002 के बाद पहली बार सपा ने यहां से राजा भैया के मुकाबले गुलशन यादव को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात ये है कि गुलशन कभी राजा भैया के बहुत करीबी थे। कुछ समय पहले दोनों के बीच दूरियां इतनी बढ़ीं कि चुनावी मैदान में दोनों आमने-सामने हैं। गुलशन यादव का प्रचार करने के लिए खुद अखिलेश यादव गए थे।

3-अयोध्या के गोसाईगंज में बाहुबली VS बाहुबली की पत्नी

पति खब्बू तिवारी जेल गए तो भाजपा ने उनकी पत्नी आरती तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है।

अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा में एक बार फिर दो बाहुबलियों की सियासी वर्चस्व की जंग है। इस सीट से सपा की ओर से बाहुबली माने जाने वाले अभय सिंह मैदान में हैं तो भाजपा ने बाहुबली खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को टिकट दिया है। साल 2017 के चुनाव में भी बाहुबली खब्बू तिवारी और अभय सिंह आमने-सामने थे, लेकिन खब्बू ने करीब 11 हजार मतों से बाजी मार ली थी। इस बार अभय का मुकाबला खब्बू तिवारी के बजाय उनकी पत्नी आरती तिवारी से है। खब्बू फर्जी डिग्री मामले में जेल में है। अयोध्या में राम मंदिर के कारण भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय है।

4-इलाहाबाद में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह VS ऋचा सिंह

इलाहाबाद में अतीक अहमद को लेकर चुनाव लड़ा जा रहा है।
इलाहाबाद में अतीक अहमद को लेकर चुनाव लड़ा जा रहा है।

प्रयागराज में 12 विधानसभा सीटें है। यहां पश्चिम सीट पर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का मुकाबला सपा प्रत्याशी और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह से है। बाहुबली अतीक अहमद इस सीट पर चुनावी मुद्दा बन चुके हैं। अतीक की करोड़ों की संपत्ति पर योगी सरकार ने बुलडोजर चलवाया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ऋचा सिंह को अतीक अहमद का मुखौटा बताकर प्रचार कर रहे हैं।

5-गोंडा में बाहुबली के बेटे VS भतीजा

गोंडा में बाहुबली सांसद बृज भूषण शरण के बेटे प्रतीक मैदान में हैं।
गोंडा में बाहुबली सांसद बृज भूषण शरण के बेटे प्रतीक मैदान में हैं।

गोंडा सदर सीट से एक बार फिर दो छत्रपों में लड़ाई है। एक तरफ इलाके के ठाकुर छत्रप और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण भाजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचने की तैयारी में हैं। वहीं, दूसरी तरफ इलाके के दबंग ठाकुर नेता माने जाने वाले सपा के पूर्व मंत्री रहे विनोद कुमार सिह उर्फ पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह। 2017 के चुनाव में ये दोनों आमने-सामने थे, हालांकि तब सूरज चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार पंडित सिंह के निधन के बाद सूरज के साथ सहानुभूति भी दिख रही है। वहीं बसपा भी लड़ाई में नही है, लिहाजा दोनों में मुकाबला आमने-सामने का है।

6-इलाहाबाद दक्षिण में मंत्री नंदी VS सपा

नंदी का प्रचार करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता पहुंचे हैं।
नंदी का प्रचार करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता पहुंचे हैं।

उत्तर प्रदेश की संगम नगरी इलाहाबाद की दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी योगी सरकार में मंत्री रहे नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ है। इस सीट पर 2017 में भाजपा ने 15 साल बाद जीत दर्ज की थी और बड़ी वजह थे बसपा से भाजपा में शामिल होने वाले नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’। उनके पार्टी बदलने के निर्णय से सीट के समीकरण बदल गए थे। एक बार फिर नंदी इस सीट से भाजपा की ओर से मुकाबले मे हैं। जबक‍ि सपा ने रईश चन्द्र शुक्ला को साइक‍िल का स‍िंबल द‍िया है। बसपा के ट‍िकट पर देवेंद्र मिश्र नगरहा मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने अल्पना निषाद को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा के केशरी नाथ त्र‍िपाठी 5 बार व‍िधायक रह चुके हैं। उन्होंने सीट पर 2002 तक अपना कब्जा कायम रखा था। साल 2007 के चुनावों में भाजपा के केशरी नाथ त्र‍िपाठी, कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी और बसपा के नंद गोपाल गुप्‍ता नंदी के मैदान में थे। जबकि बसपा के नंद गोपाल ने सबको हराकर जीत हासिल की थी।

7- प्रतापगढ़ के पट्टी में मोती सिंह VS राम सिंह पटेल
अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा से की थी। योगी सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को इस बार यहां से कड़ी टक्कर सपा के राम सिंह पटेल दे रहे हैं। लगातार 1996 से लेकर 2012 तक विधायक रहे हैं। उनका इस क्षेत्र में दबदबा है। 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा ने यहां से कुख्यात डकैत ददुआ के भाई बालकुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया था लेकिन मोती सिंह ने जीत दर्ज की । साल 2012 के विधानसभा चुनाव में राम सिंह पटेल ने राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह को 156 मतों से शिकस्त दिया और जीत की हैट्रिक को तोड़कर समाजवादी साइकिल विधानसभा पट्टी में चला दी। 2017 के विधानसभा चुनाव में पटेल लगभग 1400 मतों से हार गए और एक बार फिर 2022 में मोती सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

8-अयोध्या में सपा के पवन VS वेद से मुकाबला

अयोध्या सीट भाजपा के लिए बेहद अहम है। यहां सपा प्रत्याशी पवन पांडेय जातीय समीकरण से जीत की कोशिशों में लगे हैं।
अयोध्या सीट भाजपा के लिए बेहद अहम है। यहां सपा प्रत्याशी पवन पांडेय जातीय समीकरण से जीत की कोशिशों में लगे हैं।

राम की नगरी अयोध्या का चुनावी मुकाबला भी दिलचस्प है। एक तरफ राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो दूसरी तरफ भाजपा अयोध्या में विकास चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। सीम योगी यहां रोड-शो कर कहते हैं कि राम की नगरी रामभक्तों की सरकार बनाएगी तो वही दूसरी तरफ अयोध्या सदर से सपा प्रत्याशी पवन पांडेय जातीय समीकरणों के रथ पर सवार होकर चुनावी संग्राम में परचम की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, इस सीट से खुद सीएम योगी के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने मौजूदा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता पर भरोसा जताया है।

9- बाराबंकी के दरियाबाद में सतीश शर्मा VS अरविंद सिंह गोप
यहां से भाजपा ने अपने विधायक सतीश चंद्र शर्मा को फिर मैदान में उतारा है। मुकाबले में सपा की ओर से अरविंद सिंह गोप है। अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके गोप की सीट रामनगर से बदलकर दरियाबाग की है। सतीश शर्मा बाराबंकी में RSS, जनसंघ और भाजपा का स्थापित करने वाले अवधेश शर्मा के पौत्र हैं। वहीं, राजनीति से निकलकर चुनावी राजनीति में आए अरविंद सिंह गोप दो बार हैदरगढ़ और 2012 में रामनगर से चुनाव जीत सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे हैं।

10-अमेठी में राजा VS प्रजापति

अमेठी सीट में इस बार राजघराने के संजय सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है।
अमेठी सीट में इस बार राजघराने के संजय सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है।

अमेठी सीट में इस बार राजघराने के संजय सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है। 2017 में यहां से संजय सिंह की पत्नी रह चुकी गरिमा सिंह यहां से भाजपा विधायक रहीं हैं। इस बार पार्टी ने संजय को टिकट दिया है। सपा ने इस सीट पर रेप केस में जेल में बंद सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी को टिकट दिया है। महाराजी अपने बेटियों के साथ प्रचार में जुटी हुई है। कांग्रेस ने आशीष शुक्ला को मैदान में उतारा है। अमेठी में प्रचार खत्म होने से चंद घंटे पहले राहुल और प्रियंका ने चुनावी सभा की थी। संजय सिंह कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। राजघराने के होने के कारण उनकी इस क्षेत्र में पकड़ है। वह पहले कांग्रेस में थे, 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे।

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