ग्वालियर .. पहले कोरोना अब बदलाव से थमेगी आरओबी की रफ्तार…:विवेकानंद नीडम आरओबी के डिजाइन में रेलवे ने किया फेरबदल अब देरी से पूरा होगा प्रोजेक्ट

ग्वालियर में लंबे समय से अटकी विवेकानंद नीडम रेलवे ओवर ब्रिज की सौगात में अभी और भी समय लग सकता है। पहले कोरोना ने काम अटकााया था अब रेलवे ने डिजाइन में फेरबदल कर दिया है। रेलवे को रेलवे लाइन के ऊपर 60 मीटर के हिस्से पर गार्डर लांचिंग करना थी, लेकिन अब रेलवे सेंटर से दोनों तरफ 18-18 मीटर गार्डन लांचिंग करेगा।

मतलब 36 मीटर का हिस्सा ही रेलवे कवर करेगा। इससे 24 मीटर हिस्से का काम लोक निर्माण विभाग के सेतु संभाग शाखा पर अतिरिक्त भार हो जाएगा। इससे प्रोजेक्ट पूरा होने में बिलंव होगा। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है।
मार्च 2020 में पूरा होना था काम
विवेकानंद आरओबी की स्वीकृति साल 2017 में मिली थी। तब ग्वालियर से नरेन्द्र सिंह तोमर सांसद थे। उनके कार्यकाल में ही इसका शिलान्यास हुआ और वर्कऑर्डर में इसके निर्माण पूरा होने की टाइम लिमिट 31 मार्च 2020 तय की गई थी, लेकिन पहले अपने धीमी रफ्तार और बाद में कोरोना के ब्रेक से यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। अब रेलवे ने डिजायन में बदलाव किया है जिसके बाद यह प्रोजेक्ट और लंबर खिंच सकता है।

यह है पूरा प्रोजेक्ट
ग्वालियर में रेलवे लाइन पर विवेकानंद नीडम के पास 42.80 करोड़ रुपए की लागत से 967 मीटर लंबे और 18 मीटर चौड़े रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में रेलवे का पार्ट 60 मीटर का था। उसे रेलवे लाइन के ऊपर गार्डर लांचिंग कर पुल कवर करना था। पर अब रेलवे ने प्रोजेक्ट के डिजायन में बदलाव करते हुए अपने लिए 36 मीटर का हिस्सा काम के लिए सिलेक्ट किया है। जिसमें वह सेंटर से दोनों तरफ 18-18 मीटर तक गार्डर लॉचिंग करेगी। इसके बाद शेष बचा 24 मीटर पुल का भार पीडब्ल्यूडी के सेतु संभाग शाखा कराएगा।

टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है

इस मामले में उत्तर मध्य रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर एनएस यादव का कहना है कि हिन्दुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन को विवेकानंद नीडम आओबी का काम मिला है। एचएससीएल पब्लिक सेक्टर यूनिट है और अब ये अपनी प्रक्रिया कर रही है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। जबकि इस मामले में सेतु संभाग शाखा के अधीक्षण यंत्री एके जैन का कहना है कि नीडम आरओबी में हमने पहले से ही स्पान व पियर्स छोड़ रखे हैं। जब रेलवे पटरियों के पास काम पूरा कर लेगा उसके बाद हम उसे जोड़ेंगे, इसके लिए टाइम एक्सटेंशन भी लेना पड़ेगा।

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