सरकारी दफ्तरों में:10 साल में महिला अफसरों और कर्मचारियों की संख्या में 7 फीसदी का इजाफा

राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के पूर्व चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा के मुताबिक राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण की नीति और महिला आरक्षण में बढ़ोतरी इसकी खास वजह है।

प्रदेश के सरकारी विभागों में महिला कर्मचारियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। 10 साल में महिला अधिकारी और कर्मचारियों की तादाद में 7% से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है। आकस्मिक निधि से वेतन प्राप्त महिला कर्मचारियों की संख्या में तो 2 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई।

यह बेहतर स्थिति भी तब है, जबकि लंबे अरसे से सीधी भर्ती पर रोक लगी है। पिछले 6 साल से प्रमोशन भी नहीं हो रहे हैं। इन 10 वर्षों में महिला शिक्षकों की तादाद में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। 10 साल पहले इनकी संख्या 85 हजार थी, जो अब बढ़कर 1.27 लाख हो गई है। इसकी वजह यह है कि महिलाओं के लिए 50% पद रिजर्व रखे गए।

भोपाल में पुरुष अधिकारियों की संख्या घटी

यूनियन लीडर एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के जितेन्द्र सिंह के मुताबिक इन 10 सालों में क्लास-1 कैडर में पुरुष अधिकारियों की संख्या बढ़ने के बजाए घटी है। 2010 में इनकी संख्या 1240 अब 1096 रह गई।

महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की वजह

राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के पूर्व चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा के मुताबिक राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण की नीति और महिला आरक्षण में बढ़ोतरी इसकी खास वजह है। कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या भी दोगुनी रफ्तार से बढ़ी है।

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