2022 चुनाव में ‘महिला मंत्रियों की शक्ति’ … कांग्रेस के गढ़ में नीलिमा ने जमाया कब्जा, गुलाब देवी के क्षेत्र में फिर खिला कमल, रेखा आर्य तीसरी बार जीतीं

यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। 2022 विधानसभा चुनाव में उन नेताओं पर भी नजर थी, जो सरकार में मंत्री रहे हैं। नतीजों ने इस भ्रम को चकनाचूर कर दिया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री या कुर्सी के प्रमुख दावेदारों को ही चुनाव में कोई बड़ा फायदा मिल पाता है। खास बात यह है कि इस साल महिला मंत्रियों ने चुनावी दंगल में विरोधियों के जमकर छक्के छुड़ाए हैं। जहां यूपी सरकार की उच्च शिक्षा मंत्री नीलिमा कटियार ने कांग्रेस के पुराने गढ़ में कब्जा जमाया। वहीं, उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य अल्मोड़ा की वीआईपी सीट सोमेश्वर से तीसरी बार जीती हैं। जानिए, दिग्गजों को हराने वाली महिला मंत्रियों के बारे में….

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

कल्याणपुर: कांग्रेस के पुराने गढ़ में नीलिमा ने जमाया कब्जा
कानपुर नगर जिले की कल्याणपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने वर्तमान विधायक नीलिमा कटियार को उतारा था। इस सीट पर सबकी निगाहें सुबह से शाम तक टिकी रहीं। प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा मंत्री नीलिमा कटियार ने 21 हजार मत से जीत दर्ज की है। उन्होंने सपा के सतीश निगम को एक बार फिर करारी शिकस्त दी है।

साल 2017 विधानसभा चुनाव में नीलिमा कटियार ने सतीश कुमार निगम को 23,342 वोट के अंतर से हराया था। इस सीट पर किसी समय प्रेमलता कटियार का दबदबा हुआ करता था। नीलिमा उन्हीं की बेटी है। प्रेमलता कटियार यहां से लगातार पांच बार विधायक रह चुकी हैं। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले कल्याणपुर विधानसभा में अब राजनीतिक समीकरण बदल चुका है।

  

उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा मंत्री नीलिमा कटियार ने सपा के सतीश निगम को एक बार फिर करारी शिकस्त दी है।

चंदौसी:​​​​​​​ ​​​​​​​पांचवी बार विधायक बनीं गुलाब देवी
संभल जिले की चंदौसी विधानसभा सीट से योगी सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी जीत गईं हैं। वह इस साल पांचवी बार विधायक बनी हैं। गुलाब देवी ने सपा प्रत्याशी विमलेश कुमारी को 35420 वोटों से जीत हासिल की। वहीं, सपा प्रत्याशी को 76975 वोट मिले हैं।

चंदौसी सीट से विधायक बनीं गुलाब देवी ने 2022 में शानदार जीत दर्ज की है। शिक्षक रहीं गुलाब देवी की तीन बेटियां हैं। वह साल 2002 और 2017 में भी विधायक बनी थीं।

योगी सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी इस साल पांचवी बार विधायक बनी हैं।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव

अल्मोड़ा: सोमेश्वर से रेखा आर्य तीसरी बार जीतीं
उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य अल्मोड़ा की वीआइपी सीट सोमेश्वर से तीसरी बार जीती हैं। उन्होंने कांग्रेस के राजेंद्र बरकोटी को 4940 मतों से हराया। रेखा आर्य सोमेश्‍वर से भाजपा के ट‍िकट पर दो बार व‍िधायक न‍िर्वाच‍ित हो चुकी हैं। वह तब सुर्खियों में आईं थी जब वो एक अनोखे अंदाज में उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची थीं।

साल 2012 में उन्‍होंने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी के अजय टम्‍टा के सामने न‍िर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई। साल 2014 में उप-चुनाव में रेखा कांग्रेस के ट‍िकट पर व‍िधायक बनीं। साल 2016 में रेखा कांग्रेस को छोड़ भाजपा में आ गई। इसके बाद साल 2017 चुनाव में जीत हासिल की थीं। इस विधानसभा से रेखा आर्य तीसरी बार जितने में सफल रही।

रेखा आर्य तब सुर्खियों में आईं थी जब वो एक अनोखे अंदाज में उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची थीं।

गोवा विधानसभा चुनाव

तालेइगाओ: भाजपा की​​​​​​​ जेनिफर ने लहराया परचम
गोवा की तालेइगाओ विधानसभा सीट पर भाजपा की जेनिफर मोन्सेरात ने कब्जा जमाया है। वह गोवा की राजस्व, आईटी और श्रम एवं रोजगार मंत्री हैं। उन्होंने तालेइगाओ विधानसभा सीट से कांग्रेस के टोनी रोड्रिग्स, आप पार्टी के सेसिल रॉड्रिग्स, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के सुभांगी सावंतॉ, आरजीपी के जोसेफ रॉनकॉन को पछाड़ते हुए जीत हासिल की है।जेनिफर ने कांग्रेस के टोनी आल्फ्रेडो रोड्रीगीज को करीब 2 हजार मतों के अंतर से हराया।

साल 2017 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जेनिफर ने भाजपा के दत्ताप्रसाद मधुकर नाइक को पटखनी दी थी। जेनिफर को कुल 11,534 वोट मिले थे जबकि दत्ताप्रसाद को 8,679 मत ही मिले थे। साल 2019 में जेनिफर ने भाजपा का दामन थामा। 2002 और 2007 में जेनिफर के पति ने तालेइगाओ सीट से ही विधायक चुने गए थे।

जेनिफर मोन्सेरात ने कांग्रेस के टोनी आल्फ्रेडो रोड्रीगीज को करीब 2 हजार वोट के अंतर से हराया।

मणिपुर विधानसभा चुनाव
कन्‍गपोकपी : भाजपा की नेमचा किपगेन 5396 वोट से ​​​​ जीतीं

कन्‍गपोकपी विधानसभा सीट से नेमचा किपगेन ने जेडीयू उम्मीदवार को 5396 वोट के अंतर से हराया। किपगेन मणिपुर की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। साल 2017 विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा ने कन्‍गपोकपी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नेमचा किपचेन ने निर्दलीय उम्मीदवार खारगा तमांग को करारी शिकस्त दी थी।

साल 2012 विधानसभा चुनाव में नेमचा किपचेन ने मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के खाडगा बहादुर को कांटे की टक्कर से हराया था।

नेमचा किपगेन ने जेडीयू उम्मीदवार शीषिम गुरुंग सोशिम गुरुंग को 5396 वोट के अंतर से हराया।

पंजाब विधानसभा चुनाव

दीनानगर​​​​​​​: अरुणा ने 1% वोटों से जीतकर लगाई हैट्रिक
पंजाब की राजनीत‍ि में अरुणा चौधरी क‍िसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में हलका दीनानगर से कांग्रेस की ओर से अरुणा चौधरी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में थीं। यहां आम आदमी पार्टी की ओर से शमशेर सिंह, भाजपा की ओर से रेनू कश्यप, बसपा-अकाली गठबंधन की ओर से कमलजीत चावला व संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से कुलवंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया था। अरुणा चौधरी ने 1% वोटों से जीतकर हैट्रिक लगाई।

अरुणा पंजाब की कै‍ब‍िनेट मंत्री रह चुकी हैं। उन्‍हें राजस्‍व मंत्रालय का प्रभार द‍िया गया था। चन्‍नी सरकार में अरुणा को दोबारा कैब‍िनेट मंत्री बनाया गया था। 4 बार व‍िधायक रह चुके अरूणा के ससुर जय मुन‍ि चौधरी भी पंजाब के जाने माने नेताओं में शुमार थे।

पंजाब की कै‍ब‍िनेट मंत्री रह चुकी अरुणा चौधरी ने विधानसभा चुनाव में हलका दीनानगर से कांग्रेस की ओर से जीत की हैट्रिक लगाई।

मलेरकोटला: चुनावी दंगल में हार गईं रजिया सुल्ताना
मलेरकोटला विधानसभा से तीन बार की कांग्रेस विधायक रहीं रजिया सुल्ताना को इस बार हार का सामना कराना पड़ा। मलेरकोटला मुस्लिम बहुल इलाका होने के चलते इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने सीट‍िंग एमएलए रजिया सुल्तान को फ‍िर से चुनावी दंगल में उतारा था। इसके अलावा पंजाब लोक कांग्रेस ने फरज़ाना आलम खान,आम आदमी पार्टी ने मोहम्मद जमील उर रहमान और श‍िरोमण‍ि अकाली दल ने नुसरत अली खान को चुनावी दंगल में उतारा था।

मलेरकोटला से कांग्रेस ने सीट‍िंग एमएलए रजिया सुल्तान को फ‍िर से चुनावी दंगल में उतारा था।

रजिया ने पिछले साल कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। वह सुल्तान पूर्व IPS अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी हैं। इससे पहले 2002 और 2007 में उन्होंने इस सीट से चुनाव जीता था। साल 2012 में मलेरकोटला सीट पर अकाली दल की एफ निसारा खातून ने 50 फीसद वोट हास‍िल क‍िए थे। वहीं, कांग्रेस की रजिया सुल्ताना सिर्फ 5,200 वोटों के अंतराल से खातून से हार गई थी। वह मुस्लिम समुदाय से पंजाब कांग्रेस की इकलौती बड़ी नेता हैं। उन्होंने कुरान की बेअदबी पर आवाज उठाई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *