डिप्टी सीएम से लेकर विधायक तक को भगाया गया था … यूपी के जिन 9 नेताओं को जनता ने गांव से दौड़ाया उनमें से 4 विधायक बन गए, केशव प्रसाद के साथ खेला हो गया

यूपी में बीजेपी ने एक बार फिर से प्रचंड बहुमत हासिल करके सत्ता हासिल कर ली। लेकिन जब पार्टी के नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे उस वक्त उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। कई ऐसे नेता था जिन्हें गांव में घुसने ही नहीं दिया गया। आइए उन 8 सीटों के रिजल्ट को बताते हैं जहां से बीजेपी के 9 नेताओं को 10 दिन के भीतर भगाया था।

1- कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से हार गए हैं। उन्हें सपा गठबंधन की पल्लवी पटेल ने हरा दिया। पल्लवी को 1,06,278 वोट और केशव प्रसाद को 98,941 वोट मिले। यहां बसपा के मुंसाब अली को 10,073 वोट मिले हैं।

कब नारेबाजी हुई: केशव प्रसाद मौर्य 22 जनवरी को सिराथू के गुलामीपुर में प्रचार करने पहुंचे तो महिलाओं ने घेरकर नारेबाजी शुरू कर दी। केशव प्रसाद उन्हें चुप करवाने की कोशिश करते रहे लेकिन महिलाएं चुप नहीं हुई।

यह फोटो केशव प्रसाद के ट्विटर हैंडल से मिली है।
यह फोटो केशव प्रसाद के ट्विटर हैंडल से मिली है।

सुरेंद्र चौधरी प्रयागराज जिले से MLC हैं। 29 जनवरी को केशव प्रसाद मौर्य के लिए सिराथू प्रचार करने गए थे। अफजलपुर वारी गांव के लोगों ने उन्हें गांव में घुसने से पहले ही रोक लिया। सुरेंद्र ने लोगों को समझाते हुए कहा था, “भइया मेरी सुन लो भाजपा ने राममंदिर बनाया है” लोग नहीं माने और आखिर में सुरेंद्र को वापस लौटना पड़ा।

2. जालौन की उरई विधानसभा सीट
बीजेपी प्रत्याशी गौरी शंकर ने सपा प्रत्याशी दयाशंकर वर्मा को 37,648 वोटों से हरा दिया। गौरीशंकर को 1,28,644 वोट मिला था। इसी सीट पर बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र प्रताप को 38,638 वोट मिले।

कब नारेबाजी हुई: 29 जनवरी को बीजेपी के विधायक गौरी शंकर वर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने उनके ही सामने नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों ने कहा, “पांच साल में न गांव की सड़क बनी और न ही नल मिला।” विधायक जी ने सफाई देते हुए कहा था कि “2 शराबी थे वही विरोध कर रहे थे बाकी सब हमारे साथ हैं।”

गौरीशंकर शर्मा को जनता ने यह कहते हुए लौटा दिया कि आपने क्षेत्र में सड़क नहीं बनवाया इसलिए आपको वोट नहीं दिया जाएगा।
गौरीशंकर शर्मा को जनता ने यह कहते हुए लौटा दिया कि आपने क्षेत्र में सड़क नहीं बनवाया इसलिए आपको वोट नहीं दिया जाएगा।

3. बुलंदशहर की स्याना सीट
स्याना सीट पर बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र सिंह लोधी ने रालोद के दिलनवाज खान को 89,657 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया। उन्हें 1,49,125 वोट मिले। दिलनवाज खान को 59,468 वोट मिले। बसपा के सुनील कुमार को 36,193 मिले हैं।

कब नारेबाजी हुई: 25 जनवरी को बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह लोधी प्रचार करने पहुंचे तो लोग हूटिंग करने लगे। गांव के लोगों ने कहा, गांव में न सड़क बनी है न ही नल लगवाया गया। अब वोट मांगने आएंगे तो विरोध करेंगे ही। विधायक ने लोगों के सामने हाथ जोड़ा और वहां से चले गए थे।

4. मुजफ्फरनगर की खतौली सीट
बीजेपी के विक्रम सिंह सैनी ने 16,345 वोटों से चुनाव जीत लिया है। उन्हें 1,00,651 वोट मिला। राष्ट्रीय लोकदल के राजपाल सिंह सैनी को 84,306 वोट मिले हैं। इस सीट पर बसपा के करतार सिंह बढ़ाना को 31,412 वोट मिले हैं।

कब नारेबाजी हुई: भाजपा के विधायक विक्रम सैनी 20 जनवरी को मनव्वरपुर गांव में प्रचार करने पहुंचे तो लोग मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। सैनी लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे थे पर लोग नहीं माने। 29 जनवरी को उन्हें चांद समंद गांव में घेर लिया गया। उनकी गाड़ी का एक शीशा तोड़ दिया गया। विधायक ने अपने ही क्षेत्र के लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।

5. मेरठ की सिवालखास सीट
सिवालखास सीट पर रालोद के गुलाम मोहम्मद ने बीजेपी के मनिंदर पाल को 9,182 वोटों से हरा दिया है। उन्हें 1,01,749 वोट मिले। मनिंदर को 92,567 वोट मिले हैं। बसपा के टिकट पर लड़े मुकर्रम अली को 29,958 वोट मिला है।

कब नारेबाजी हुई: बीजेपी विधायक मनिंदर पाल 21 जनवरी को पथौनी गांव में प्रचार करने गए थे। लोग जयंत चौधरी जिंदाबाद का नारा लगाने लगे। मनिंदर पाल के समर्थक और जयंत के समर्थकों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। विधायक ने विवाद से किनारा किया और खुद ही गांव से वापस चले गए।

6. संभल की असमोली सीट
इस सीट पर सपा की पिंकी सिंह ने बीजेपी के हरेंद्र कुमार को 25,206 वोटों से हरा दिया। पिंकी को 1,11,652 वोट मिले। इसी सीट पर बसपा के रफातुल्ला को 42,512 और एआईएमआईएम कैंडिडेट शकील अहमद को 13,024 वोट मिला।

कब नारेबाजी हुई: बीजेपी प्रत्याशी हरेंद्र सिंह रिंकू प्रचार करने के लिए 21 जनवरी को शकरपुर गांव पहुंची थी। गांव वालों ने वापस जाओ का नारा लगा दिया। गांव वालों ने कहा, “बीजेपी ने गाजीपुर बॉर्डर पर हम लोगों के लिए कील लगाई थी, आंसू गैस गोले छोड़े, हम नहीं भूले हैं, कभी वोट नहीं देंगे।”

7. फिरोजाबाद की जसराना सीट
जसराना सीट पर बेहद नजदीकी मुकाबले में सपा प्रत्याशी सचिन यादव ने बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह को 836 वोट से हरा दिया। सचिन को 1,08,289 वोट मिले। महेंद्र को 1,07,453 वोट मिले। बसपा के सूर्य प्रताप सिंह को 16,955 वोट मिले।

कब नारेबाजी हुई: बीजेपी प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह की पत्नी ज्योति किरण राजपूत क्षेत्र में प्रचार करने पहुंची तो विरोध होने लगा। उनके सामने अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगे। मानवेंद्र ने कहा था कि “ऐसी हरकत ठीक नहीं, हम यहां से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और विरोधी ऐसा कर रहे हैं।”

मानवेंद्र सिंह की पत्नी को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था।
मानवेंद्र सिंह की पत्नी को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था।

8. फिरोजाबाद की टूंडला सीट
बीजेपी प्रत्याशी प्रेम पाल सिंह धनगर ने सपा के राकेश बाबू को 47,691 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया। इस सीट पर बसपा के टिकट पर उतरे अमर सिंह को 40,977 वोट मिले हैं।

कब नारेबाजी हुई: बीजेपी प्रत्याशी प्रेमपाल धनगर के खिलाफ उनकी ही पार्टी ने नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। 29 जनवरी को नारखी में सर्वसमाज की बैठक हुई तो लोगों ने कहा, “बाहरी प्रत्याशी नहीं चाहिए, प्रेमपाल अपने कार्यकर्ताओं को नहीं पहचानते।”

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