सीलमपुर-जाफराबाद हिंसा: उपद्रवियों ने निहत्थे पुलिस वाले को बुरी तरह पीटा

नई दिल्ली: देश राजधानी दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में नागरिक संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर उपद्रवियों ने मंगलवार को काफी उत्पात मचाया है. उपद्रवियों ने कलस्टर और डीटीसी बसों के साथ स्कूल बस को भी निशाना बनाया है. पुलिस वालों ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने उन्हें भी निशाना बनाने से नहीं चूके. इस उपद्रव का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि उपद्रवी एक निहत्थे पुलिस वाले को लात-घुंसों के साथ लाठी से मार रहे हैं. भीड़ के सामने पुलिस वाला लाचार दिख रहा है.

एडिशनल डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट आरपी मीणा ने बताया कि आज (मंगलवार) सुबह 11 बजे जाफराबाद सीलमपुर इलाके में पहले 50 से 60 लोग इकट्ठा हुए थे. उसके बाद भीड़ बढ़ती गई, जिसके बाद जाफराबाद चौक और मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास करीब 2 से 3000 लोग इकट्ठा हो गए.

उन्होंने बताया, ‘सीलमपुर टी पॉइंट पर पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की. उन्होंने हमारी बात मान भी ली. वे गलियों में जा रहे थे, उसी वक्त कूछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. पुलिसकर्मियों को चोट आई है. आम लोगों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई है. भीड़ ने पुलिस बूथ में आग लगा दी. क्या ये सब प्लानिग के तहत किया गया, इसकी जांच की जा रही है. भीड़ की ओर से जमकर पत्थरबाजी की गई. फुटेज मिले हैं. हमारे पास मोबाइल कैमरे थे. आज हमें बिना बताए ये प्रदर्शन शुरू हुआ. हवाई फायरिंग जरूर हुई आंसू गैस के गोले छोड़े गए पर किसी को भी फायरिंग से गोली नहीं लगी है. लोग कानून का पालन करें.’

हमलावरों ने स्कूल बस में की तोड़फोड़
दिल्ली पुलिस का कहना है कि हिंसा की शुरुआत एक स्कूल बस पर हमले से हुई. हमलावरों ने पथराव करके बस के शीशे चकनाचूर कर दिए. इसके बाद भीड़ ने राहगीरों को निशाना बनाना शुरू किया. उपद्रवियों के हमले से बचने के लिए राहगीरों ने वाहन छोड़कर मौके से जान बचाने के लिए भागना शुरू कर दिया. इलाके में हिंसा की खबर फैलते ही उपद्रवियों की भीड़ बढ़ती गई. भीड़ ने उत्तर पूर्वी जिला डीसीपी कार्यालय के आसपास जमकर पथराव किया. जाफराबाद थाने के बाहर पार्किं ग में खड़े वाहनों को आग लगा दी.

5 कंपनी सीपी रिजर्व फोर्स तैनात
हिंसक प्रदर्शन में मंगलवार को एक डीसीपी (जिला पुलिस उपायुक्त) जख्मी हो गए. हालात को काबू में करने के लिए आनन-फानन में इलाके में पांच कंपनी सीपी रिजर्व फोर्स तैनात कर दिया गया है. सीपी रिजर्व फोर्स दिल्ली पुलिस कमिश्नर के अधीन ऐसी ही आपात स्थितियों में काम करने वाला बल होता है.

दिल्ली पुलिस का कहना है कि हिंसा फैलने के बाद काफी देर तक उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ही भीड़ से जूझती रही. हालात जब काबू नहीं आए तो पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए शाहदरा तथा पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस से मदद मांगी गई.

इसके बाद दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष से सीपी रिजर्व फोर्स की पांच कंपनी यानी करीब 300 जवान तुरंत मौके पर बुला लिए गए. फिलहाल इलाके में शांति होने तक सीपी रिजर्व पुलिस फोर्स की तैनाती जारी रहेगी.

इलाके में फैली हिंसा के शुरुआती दौर में आम लोगों और कुछ पुलिस वालों के जख्मी होने की खबर आई. जब हालात काबू हुए तो पता चला कि शाहदरा जिले के डीसीपी अमित शर्मा भी भीड़ के गुस्से का शिकार बन गए. उनके सिर में पत्थर की चोट बताई जा रही है.

घायलों में से कुछ को सरकारी अस्पतालों में और कुछ को आसपास मौजूद निजी अस्पतालों में दाखिल किया गया है. हिंसा में हुए नुकसान और घायलों की सही संख्या का फिलहाल पता नहीं चल पाया है. लेकिन मौके पर जो हालात थे, उससे इतना तय है कि पथराव में काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिसमें पुलिस, आम जनता और उपद्रवी भी शामिल हैं. कई उपद्रवियों को पुलिस मौके से पकड़ने में भी कामयाब रही है.

 

पकड़े गए उपद्रवियों को पुलिस ने अलग-अलग थानों में बंद कर रखा है. साथ ही पुलिस का खुफिया तंत्र भी इस हिंसा के बाद इलाके में सजग हो गया है. पकड़े गए उपद्रवियों की सही संख्या फिलहाल नहीं पता लग पाई है.

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