क्या योगी आदित्यनाथ की फिर से जीत नोएडा जैसे मिथकों को तोड़ रही है?

 दरअसल, 37 साल बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है बीजेपी, यानि, जो काम, डॉ. संपूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्त, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह और मायावती भी नहीं कर सके, वो योगी आदित्यनाथ ने कर दिया.

403 सीटों वाली विधानसभा में, 273 सीटों पर कमल खिलना केवल बीजेपी की प्रचंड जीत नहीं हैं बल्कि, ये जीत है नोएडा जैसे मिथकों पर. जीत है मिथ्याओं पर. ये जीत है बीते दशकों की परंपराओं पर. दरअसल, 37 साल बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है बीजेपी, यानि, जो काम, डॉ. संपूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्त, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह और मायावती भी नहीं कर सके, वो योगी आदित्यनाथ ने कर दिया. 41 फीसदी वोट शेयर के साथ, बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है. इसका श्रेय और सेहरा सीएम योगी के सिर ही बंधता है. वहीं यूपी की जीत से गदगद दिखे पीएम मोदी. पीएम मोदी की मानें तो विकास की नाव पर फिर से यूपी वाले सवार हुए हैं. इस जीत की सारथी बनी हैं महिलाएं. 10 मार्च के महाभवंर में, मटियामेट हो गया. कांग्रेस और बसपा का सारा सियासी भूगोल आंकड़े बताते हैं कि, करीब 122 सीटों पर सपा-बसपा के उम्मीदवार एक ही जाति-धर्म के थे

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