अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग आज:पंजाब चुनाव में हुई शर्मनाक हार पर मंथन; सुखबीर बादल की प्रधानगी पर भी सवाल

पंजाब चुनाव में हुई करारी हार पर शिरोमणि अकाली दल(बादल) आज मंथन करेगा। इसके लिए चंडीगढ़ में कोर कमेटी की मीटिंग होगी। यह मीटिंग शिअद के पार्टी मुख्यालय में होगी। अहम बात यह है कि अब सुखबीर बादल के अकाली दल प्रधान रहने पर भी सवाल उठने लगे हैं। पूरा चुनाव उनकी मैनेजमेंट पर ही लड़ा गया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि खुले तौर पर नेता इससे बच रहे हैं लेकिन मंथन की बंद कमरा मीटिंग में यह बात उठ सकती है।

प्रकाश सिंह बादल के बाद सुखबीर अकाली दल की कमान संभाल रहे हैं
प्रकाश सिंह बादल के बाद सुखबीर अकाली दल की कमान संभाल रहे हैं

सुखबीर की अगुवाई में लगातार 2 चुनाव हारे अकाली
सुखबीर बादल की अगुवाई अकाली दल को रास नहीं आ रही। 2017 के बाद 2022 में लगातार दूसरी बार सुखबीर ने पार्टी की अगुवाई की। इसके बावजूद दोनों बार वह बुरी तरह से चुनाव हार गए। खासकर इस बार कांग्रेस के खिलाफ एंटी इनकंबेसी होने के बावजूद वह आम आदमी पार्टी को नहीं रोक पाए।

  • 2017 में अकाली दल ने सिर्फ 15 सीटें जीती। उनका वोट शेयर भी 9.4% गिरकर 25.2% पर आ गया।
  • 2022 में अकाली दल के खाते सिर्फ 3 सीटें आई। उनका वोट शेयर पिछली बार के मुकाबले 18.38% पर आ गया।

खुद सुखबीर भी हारे, 5 बार के CM बादल को भी मिली हार
इस बार के चुनाव में अकाली दल की शर्मनाक हार हुई। खुद सुखबीर बादल जलालाबाद से चुनाव हार गए। उनके पिता और 5 बार के सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल भी अपने गढ़ लंबी से हार गए। इसके अलावा अकाली दल के कई दिग्गज चुनाव हार गए।

भाजपा से गठबंधन न तोड़ते तो 9 सीटें और जीत जाते
अकाली दल को सुखबीर बादल के भाजपा से गठबंधन तोड़ने की भी मार पड़ी। इस बार उनका गठजोड़ रहता तो वह 9 सीटें और जीत सकते थे। पंजाब में बलाचौर, डेरा बाबा नानक, डेरा बस्सी, गढ़शंकर, गुरदासपुर, जालंधर कैंट, जालंधर सेंट्रल, लुधियाना सेंट्रल और सुजानपुर ऐसी सीटें रहीं, जहां अगर अकाली-भाजपा के वोट मिला दिए जाएं तो वह जीतने वाले से अधिक रहे।

चंदूमाजरा बोले-मंथन करेंगे
अकाली दल के सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पार्टी की चुनाव में यह हालत क्यों हुई‌?, इसके बारे में मंथन करेंगे। सुखबीर पर उठ रहे सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इससे पहले अकाली दल कई बार सत्ता में भी रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *