राजस्थान: गहलोत सरकार ने लिया फैसला, RTE की आय सीमा फिर होगी 2.50 लाख

जयपुर: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही शिक्षा में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. शिक्षा पर छिड़ी सियासत के बीच कांग्रेस सरकार भी शिक्षा में बडे बदलाव की तैयारी में जुटी हुई है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने स्कूली शिक्षा को लेकर बड़े बदलाव के संकेत भी दिए है.

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ साथ शिक्षा में बदलाव का ट्रेड तेज हो गया है. लेकिन राजस्थान सरकार शिक्षा की ऐसी कार्ययोजना बनाने वाली है, जिसके बाद पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं हो सकेगा.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि अब शिक्षा पर राजनीति नहीं हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी. इसके साथ साथ बीजेपी सरकार में हुए राइट टू एजूकेशन में भी बदलाव की तैयारी गहलोत सरकार ने कर ली है. कांग्रेस सरकार फिर से राइट टू एजूकेशन में पेरेट्स की आय सीमा एक लाख से बढाकर ढाई लाख सालाना करेगी.

बता दें, पिछली गहलोत सरकार ने ढाई लाख रूपए की सीमा तय की थी, लेकिन वसुंधरा राजे सरकार के सत्ता में आने पर आय सीमा एक लाख कर दी. लेकिन कांग्रेस सरकार अब फिर से आय सीमा ढाई लाख करेगी. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भी भेज दिया है. निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए गहलोत सरकार बडे फैसले लेगी. लेकिन सरकार की कार्रवाई में कोर्ट का आर्डर रोडा बनता हुआ दिखाई दे रहा है.

दरअसल, कोर्ट ने अपने एक आदेश में ये कहा था कि निजी स्कूलों पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर सकती. इस फैसले को लेकर अब सरकार ने एजी से बात की है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारी चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर सकता. इसलिए सरकार ने इस संबंध में एजी से राय ली है. आने वाले दिनों में सरकार निजी स्कूलों पर कार्रवाई कर सके, ऐसी कोशिश सरकार की रहेगी.

भगवा साईकिल पर बढती सियासत के बीच शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है. उनका कहना है कि फाइलों में साईकिल का रंग आरेंज था, लेकिन जमीन पर बीजेपी ने इसका रंग भगवा कर दिया. जिससे तीन साल में बंटने वाली साढ़े दस लाख साईकिलों पर 8.50 करोड ज्यादा खर्च हुआ.इसके साथ साथ डोटासरा ने केंद्र की शिक्षा नीति को भी जमकर कोसते हुए कहा कि सभी राज्यों की अलग अलग भौगोलिक स्थिति होती है, हर स्टेट की अलग अलग पॉलिसी होती है ,इसलिए जिस पर हमे आपत्ति होगी, उसको लेकर हमारी सरकार विरोध भी करेगी.

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