सीएम शिवराज ने कहा- अपराधियों का जाति-धर्म नहीं होता, दुष्कर्मियों का जुर्म ही ऐसा कि उसे रौंदने को बुलडोजर चलाना जरूरी
सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर चंबल के डाकुओं से लेकर दुष्कर्म के अपराधियों तक, स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाने, लाड़ली लक्ष्मी-2 लाने और कश्मीरी पंडितों जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दैनिक भास्कर की स्थानीय संपादक उपमिता वाजपेयी से खास बातचीत की…
- बुलडोजर से अपराधियों के घर गिराने पर
दुष्कर्म के आरोपियों को डराने के लिए एक्स्ट्राऑर्डिनरी कदम उठाना जरूरी है। उनका अपराध ही ऐसा है। इसलिए हमने उनके घरों पर बुलडोजर चलाए। जितने भी लोग कमजोर लोगों की तरफ बढ़ेंगे मैं उनके मकान खोदकर मैदान बना दूंगा। साल 2005 में जब मैं सीएम बना तो चंबल में डाकुओं का आतंक था। मैंने तय कर लिया था कि उसे खत्म करना है, ऐसा ही इन दुष्कर्मियों के साथ करूंगा, क्योंकि अपराधियों का कोई जाति-धर्म नहीं होता।
- हर दिन एक पौधा लगाने पर
जब कोई काम हर दिन किया जाता है तो वह तपस्या-साधना बन जाता है। मेरे इस हर दिन पौधा लगाने के अभियान की बदौलत 20 लाख पेड़ लगाए गए हैं। लोग हमें पेड़ लगाकर उसकी तस्वीर लेकर भेज रहे हैं। उन्हें तस्वीर सिर्फ लगाते वक्त नहीं, बल्कि 30 दिन बाद और फिर 80 दिन बाद भी भेजना है। ताकि ये मालूम हो कि वो उस पौधे की देखभाल भी कर रहे हैं।
- 2 साल की चुनौतियों पर
कोविड के बीच 23 मार्च 2020 की रात जब शपथ ली और रात को मैंने जानकारी ली तो मालूम हुआ कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद थी। विकास से जुड़ीं कई योजनाएं जो हमारी सरकार ने शुरू की थीं, कांग्रेस ने उन्हें बंद कर दिया था। िपछले दो साल में कई बार ये वक्त आया जब लॉकडाउन था, टैक्स नहीं मिल रहे थे। ये सभी बड़ी चुनौतियां थीं।
- सरकार के अधूरे कामों पर
हमारे प्रदेश में शिक्षा को लेकर काफी काम करने की जरूरत है। पहले गुरुजी होते थे, उनकी सैलरी 500 रुपए थी। इतनी सैलेरी में क्वालिटी के लोग मिलना संभव नहीं था। अब टीचर की सैलरी 45-55 हजार है। हम सीएम-राइज स्कूल बना रहे हैं।
स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाने की भी तैयारी है। हमने योजनाओं पर पैसा दिया है, लेकिन ऐसी संस्थाओं की जरूरत है जो जल्दी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके दे। जैसे अस्पताल बनने में 3 साल क्यों लगे। उन्हें 1.5 साल में तैयार हो जाना चाहिए। हम इंजीनियरिंग की ऐसी ही संस्था तैयार करने जा रहे हैं।
- उप्र के बाद मप्र-गुजरात में चुनावों पर
मप्र में फिलहाल चुनावों की कोई खास चर्चा नहीं है। पचमढ़ी में हमारी कैबिनेट बैठक है। मंत्रियों से मैंने सुझाव मांगे हैं, ताकि हम लगातार सामाजिक न्याय से जुड़े काम करते रहें। हम नए नियम और योजनाओं पर वहां चर्चा करेंगे। लाड़ली लक्ष्मी-2 लाने जा रहे हैं। उसमें क्या नया करें, राज्य की सड़कों, हाईवे को लेकर भी योजनाओं पर वहां बात होगी।
- कश्मीर फाइल्स पर
इस फिल्म के जरिये देश ने कश्मीरी पंडितों की सच्चाई जानी है। हमने उनका दर्द शेयर किया है। कश्मीर में वक्त बदल रहा है और सभी चाहते हैं कि पंडित वहां लौट जाएं। एक दिन आएगा जब ऐसा मुमकिन होगा।