7 न्यूट्रिएंट्स जो आपके लिए जरूरी … ये शरीर को जिंदा रखते हैं, जानिए किन फूड्स से कर सकते हैं इनकी कमी को पूरा

अच्छी सेहत के लिए शरीर में सभी न्यूट्रिएंट्स का होना जरूरी है। यह तभी मुमकिन है जब आप पोषण से भरपूर डाइट का सेवन करें। इसके लिए ये जानना जरूरी है कि हमारी बॉडी में किस न्यूट्रिएंट की कमी सबसे ज्यादा होती है और कौन से खाने से इनकी पूर्ति की जा सकती है।

आइए जानते हैं उन 7 न्यूट्रिएंट्स के बारे में, जिनकी डेफिशिएंसी होना काफी कॉमन है..

1. आयरन

माहवारी का अनुभव करने वाली 30% महिलाओं को आयरन की कमी होती है।
माहवारी का अनुभव करने वाली 30% महिलाओं को आयरन की कमी होती है।

आयरन रेड ब्लड सेल्स का जरूरी कॉम्पोनेंट है। ये हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर ऑक्सिजन को हमारे शरीर के सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है।

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 25% से ज्यादा लोग आयरन की कमी से जूझते हैं। साथ ही 47% प्री स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को इसकी कमी होती है। माहवारी का अनुभव करने वाली 30% महिलाओं और 42% युवा प्रेग्नेंट महिलाओं को आयरन की कमी होती है।

आयरन डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- रेड मीट, ऑर्गन मीट, शेलफिश, सार्डिन, राजमा, सीड्स, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।

2. आयोडीन

आयोडीन डेफिशिएंसी बच्चों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
आयोडीन डेफिशिएंसी बच्चों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

आयोडीन एक तरह का मिनरल है, जिसकी कमी से थाइरॉयड हॉरमोन का प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में होता है। थाइरॉयड हॉरमोन्स ब्रेन फंक्शन, शरीर के विकास और हड्डियों को मेंटेन करने के लिए जरूरी होते हैं।

आयोडीन डेफिशिएंसी बच्चों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इससे मानसिक विकलांगता और असामान्य विकास होता है।

आयोडीन डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- सीवीड, फिश, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, आयोडीन युक्त नमक आदि।

3. विटामिन D

भारत में लगभग 76% लोग विटामिन D डेफिशिएंसी के शिकार हैं।
भारत में लगभग 76% लोग विटामिन D डेफिशिएंसी के शिकार हैं।

विटामिन D का प्रोडक्शन त्वचा पर मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल से होता है। इसका सबसे बड़ा सोर्स सूरज की रोशनी है। यानी जो लोग भूमध्य रेखा से दूर रहते हैं, उनमें इस न्यूट्रिएंट की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है। इस वजह से उन्हें विटामिन D के सप्लिमेंट लेने की सलाह दी जाती है।

भारत में लगभग 76% लोग विटामिन D डेफिशिएंसी के शिकार हैं। बच्चों में ये डेफिशिएंसी आम है। इसके लक्षणों में कमजोर मांसपेशियां और हड्डियां होना शामिल हैं। साथ ही विटामिन D की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर और कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन D डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- कॉड मछली के लिवर का तेल, फैटी फिश, अंडे का योक आदि।

4. विटामिन B12

80 से 90% वेजिटेरियन और वीगन डाइट फॉलो करने वालों को विटामिन B12 की कमी होती है।
80 से 90% वेजिटेरियन और वीगन डाइट फॉलो करने वालों को विटामिन B12 की कमी होती है।

विटामिन B12 एक बहुत ही जरूरी विटामिन है। यह खून बनाने में काम आता है। इससे दिमाग और नर्वस सिस्टम की फंक्श्निंग सही होती है। इसका मतलब शरीर के सभी सेल्स को ठीक से काम करने के लिए विटामिन B12 की जरूरत होती है।

स्टडीज के अनुसार, 80 से 90% वेजिटेरियन और वीगन डाइट फॉलो करने वालों को विटामिन B12 की कमी होती है। इसके अलावा, 20% एडल्ट्स में उम्र के साथ-साथ इस विटामिन का एब्जोर्पशन कम हो जाता है। इसका सबसे कॉमन लक्षण एनीमिया की बीमारी है।

विटामिन B12 डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- शेल फिश, ऑर्गन मीट, मीट, अंडे, मिल्क प्रोडक्ट्स आदि।

5. कैल्शियम

नाखूनों पर सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी का लक्षण है।
नाखूनों पर सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी का लक्षण है।

कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी है। इसके बिना दिल, मांसपेशियां और नसें काम नहीं कर सकतीं। कैल्शियम की कमी का सबसे बड़ा लक्षण हड्डियां कमजोर होना है।

कैल्शियम डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- बोन वाली फिश, डेयरी प्रोडक्ट्स, डार्क ग्रीन सब्जियां आदि।

6. विटामिन A

विटामिन A डेफिशिएंसी से दृष्टि कमजोर होती है।
विटामिन A डेफिशिएंसी से दृष्टि कमजोर होती है।

विटामिन A हेल्दी स्किन, दांत, हड्डियां और सेल मेम्ब्रेन मेंटेन करने के लिए जरूरी हैं। ये आंखों के रंग और दृष्टि के लिए भी जरूरी है।

वेस्टर्न डाइट का सेवन करने वाले 75% लोगों को इसकी कमी नहीं होती। विटामिन A डेफिशिएंसी विकासशील देशों में एक कॉमन समस्या है।

विटामिन A डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- ऑर्गन मीट, फिश लिवर ऑयल, शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।

7. मैग्नीशियम

पैर हिलाने की बीमारी मैग्नीशियम डेफिशिएंसी का लक्षण है।
पैर हिलाने की बीमारी मैग्नीशियम डेफिशिएंसी का लक्षण है।

यह हड्डियों और दांतों की सही संरचना के लिए जरूरी है। इसकी कमी से टाइप-2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, दिल की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।

मैग्नीशियम डेफिशिएंसी के लक्षण हैं माइग्रेन, दिल की धड़कन का असामान्य होना, मांसपेशियों में दर्द, पैर हिलाने की बीमारी, थकान आदि।

मैग्नीशियम डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स- डार्क चॉकलेट, साबुत अनाज, नट्स, हरी, पत्तेदार सब्जियां आदि।

(Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। डाइट में बदलाव करने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें।)

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