Gwalior EOW raid … दो साल पहले विभाग ने दे दी थी क्लीन चिट

Gwalior EOW raid: प्रशांत सिंह परमार पर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर खासे मेहरबान हैं।

तड़के तीन बजे तक चली छापेमार कार्रवाई शिक्षक के बैंकाक भागने की मिली सूचना

Gwalior EOW raid: ग्वालियर । सरकारी सहायक शिक्षक होने के बावजूद 30 से अधिक डीएड, बीएड और नर्सिंग कालेज का संचालन करने वाले प्रशांत सिंह परमार पर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर खासे मेहरबान हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस आरोप के चलते ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) की टीम ने बीते रोज छापेमारी की है, उस मामले में विभागीय अफसर दो साल पहले ही उसे क्लीन चिट दे चुके हैं। वर्ष 2020 में जांच की खानापूर्ति कर कमेटी ने रिपोर्ट दी कि कालेजों का संचालन प्रशांत की पत्नी शशि परमार करती हैं। प्रशांत का इन कालेजों से कोई ताल्लुक नहीं है। उसे सिर्फ बिना अनुमति विदेश यात्रा का दोषी पाया गया था, जबकि छापे में कई कालेज के दस्तावेज प्रशांत के नाम पर ही मिले हैं।

प्रिशांत के चार ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की टीम को छापेमारी में 25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता चल चुका है। इस मामले में अब स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इसका कारण यह है कि गत तीन वर्षों में विभागीय अफसरों के पास साक्ष्यों के साथ शिकायतें की गई कि प्रशांत कई कालेजों का संचालन कर रहा है, लेकिन अफसरों ने हर बार टालमटोल का रवैया अपनाया। सिथौली निवासी दीपक सिंह चौहान ने वर्ष 2019 में प्रशांत के खिलाफ शिकायत की, जिस पर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने एक जांच कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने रिपोर्ट में उसका कालेजों से कोई संबंध नहीं होना बताया। प्रशांत महाराजपुरा प्राइमरी स्कूल में पदस्थ है।

शिकायतकर्ता दीपक सिंह चौहान का कहना है उसने आरटीआइ के तहत परमार की हाजिरी से संबंधित रजिस्टर की फोटो कापी की मांग की। स्कूल के प्राचार्य कल्याण सिंह राजपूत ने फोटो कापी कराने के लिए प्रशांत को ही रजिस्टर दे दिया और बाद में यह रजिस्टर गायब कर दिए गया। इसे कानूनी रूप देने के लिए परमार ने पुरानी छावनी थाने में 11 नवंबर 2021 को आवेदन दिया कि रजिस्टर रास्ते में कहीं गिर गया है, पुलिस उसे ढूंढकर उचित कार्यवाही करे।

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