MP पुलिस गजब है…:

MPTET के वायरल स्क्रीनशॉट मामले में व्हिसल ब्लोअर आनंद को गिरफ्तार किया, उसी अपराध में कांग्रेस नेता मिश्रा को छोड़ा …

व्हिसल ब्लोअर आनंद राय की गिरफ्तारी पर क्राइम ब्रांच भोपाल की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने 17 मार्च को सीएम के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम की शिकायत पर आनंद राय के साथ केके मिश्रा के खिलाफ धारा 419, 469, 470, 500, 504, 120बी भादवि 3 (1), क्यूआर 3(2) 5 क एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में केके मिश्रा को 1 अप्रैल को थाने से नोटिस तामील करा रिहा कर दिया गया। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। जबकि, आनंद राय को उसी केस में दिल्ली से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें 1 दिन की रिमांड पर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।

आनंद राय ने अपनी गिरफ्तारी के लिए पहले भी आशंका जाहिर की थी। उन्होंने दैनिक भास्कर से 6 अप्रैल को कहा था कि केके मिश्रा को उसी धारा में पुलिस ने नोटिस तामील कर छोड़ दिया। जबकि मुझे इसका फायदा नहीं दिया। जबकि मैं 2 अप्रैल को क्राइम ब्रांच पहुंचा था। उन्होंने 48 घंटे के अंदर अपनी गिरफ्तारी की आशंका भी जाहिर की थी। कहा था कि मुझे 48 घंटे हिरासत में रखकर सस्पेंड करने की योजना है। बतादें, स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को डॉक्टर आनंद राय का निलंबन आदेश जारी किया था। इधर, डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने कहा कि केके मिश्रा ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने स्क्रीन शॉट सिर्फ वायरल किए हैं। जबकि आनंद राय ने उन्हें क्रिएट किया है।

सात साल से कम सजा की धाराएं
आनंद राय और केके मिश्रा पर सात साल से कम सजा की धाराएं हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद पुलिस सात साल से कम सजा के अपराध के आरोपियों की अमूमन गिरफ्तारी नहीं करती है। उन्हें थाने में नोटिस तामील कर छोड़ दिया जाता है। केके मिश्रा ने भी अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर क्राइम ब्रांच को पत्र सौंपा था। इसके बाद उन्हें नोटिस तामील कर छोड़ दिया गया। पुलिस जब उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस देगी तब वह हाजिर हो जाएंगे। जबकि सामान धारा होने के बावजूद आनंद राय को जमानत नहीं दी गई।

कुछ इस तरह के स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए थे।
कुछ इस तरह के स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए थे।

यह है पूरा मामला
लक्ष्मणसिंह मरकाम जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय में उपसचिव के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत दर्ज करते हुए आरोप लगाते हुए कहा था कि आनंद राय ने सार्वजनिक रूप से मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से गलत और भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर जारी की थी। 26 मार्च को उन्होंने एकबार फिर फेसबुक पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए मेरा नाम कथित पेपर लीक मामले से जोड़ा था। आनंद राय ने लिखा, ‘वर्ग 3 का पेपर, लक्ष्मण मरकाम के मोबाइल तक कैसे पहुंचा। इसकी जांच होनी चाहिए। व्यापमं के कई अभ्यर्थियों के वॉट्सएप ग्रुप पर यह फोटो उपलब्ध कराई गई। इस घोटाले की CBI जांच होनी चाहिए। कुछ दिनों पहले राजस्थान में इसी तरह REET घोटाला हुआ था।’

मरकाम के मुताबिक, उन्होंने अपने फोन से किसी प्रकार का टैक्स्ट मैसेज, फोटो या स्क्रीनशॉट मप्र प्राथमिक शिक्षा पात्रता वर्ग-3 की परीक्षा के संबंध में किसी भी व्यक्ति को नहीं भेजा। आनंद राय ने मेरे नाम का दुरुपयोग कर यह कूटरचित स्क्रीनशॉट तैयार कराया है।

पेपर का स्क्रीनशॉट किया था वायरल
मरकाम का कहना है कि उनके ऊपर शिक्षक पात्रता परीक्षा का पर्चा लीक करने का आरोप सोशल मीडिया के मार्फत लगाया गया। साथ ही केके मिश्रा ने भी फेसबुक पर समानांतर कूट रचित स्क्रीनशॉट पोस्ट किया और मुझ पर प्रश्न-पत्रों को लीक करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह कूटरचना आनंद राय व केके मिश्रा ने उनकी छवि खराब करने, आमजन के साथ छल करने और देश के नौजवानों को भ्रमित कर आक्रोशित करने के उद्देश्य से की गई है। पुलिस ने आनंद राय व केके मिश्रा के खिलाफ धारा 419, 469, 470, 500, 504, 120बी भादवि 3 (1), क्यूआर 3(2) 5 क एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। दोनों को जवाब देने के लिए नोटिस भी जारी किया था।

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