पहली बार.. खरगोन दंगे के विलेन की तस्वीरें … तलवार लेकर दौड़ा इरफान, वसीम ने SP को गोली मारी, जानिए दंगा भड़काने वाले गुंडे कौन थे…

खरगोन में रामनवमी के जुलूस में दंगाइयों ने ऐसी आग लगाई कि पूरा शहर जल उठा। दंगे के चार ऐसे विलेन को पुलिस ने खोज निकाला है, जिन्होंने दंगा भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इनमें दो उपद्रवियों को भड़का रहे थे, जबकि दो तलवार और कट्टा लहरा रहे थे। एक ने तो एसपी को गोली तक मार दी थी। पुलिस ने दो आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।  ……….. दंगे के इन्हीं चार विलेन की कुंडली सामने लेकर आया है।

प्रभारी एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि जिन दो आरोपी नवाज और मोहसिन पर रासुका लगाई गई है, वो आदतन अपराधी हैं। दोनों के खिलाफ पूर्व में भी मारपीट, पत्थरबाजी और शांतिभंग करने के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने फिलहाल नवाज के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में 8 केस और मोहसिन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में 10 केस दर्ज किए हैं। दोनों आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं। इसके अलावा वसीम उर्फ मोहसिन ने एसपी सिद्धार्थ चौधरी पर कट्‌टे से फायर किया था, जबकि इरफान खान ने भीड़ पर तलवार से हमला किया था।

नवाज और मोहसिन की दंगे में ये भूमिका रही
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि जिन दो आरोपी नवाज और मोहसिन के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई है, वे दोनों दंगों के दौरान एक्टिव थे। दोनों ने उपद्रवियों को भड़काने के साथ ही दंगों के दौरान अहम रोल अदा किया। रामनवमी पर हुए दंगों में दोनों आरोपी अन्य उपद्रवियों के संपर्क में थे और उन्हें भड़का रहे थे, इसलिए इन दोनों पर पुलिस ने जांच के बाद रासुका की कार्रवाई की है।

वसीम ने दंगे के दौरान एसपी को मारी थी गोली
एसपी के प्रधान आरक्षक गनमैन एसएएफ प्रथम वाहिनी गिलदार पिता रायसिंह सोलंकी (45) ने FIR दर्ज कराई है। जिसमें गनमैन ने बताया कि वसीम उर्फ मोहसिन पिता जानू संजय नगर मुबावाली गली ने कट्‌टे से फायर किया था। इरफान खान संजय नगर ने भीड़ पर तलवार से हमला किया था। रिपोर्ट के मुताबिक उस दिन संजय नगर के त्रिवेणी चौक में पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना मिली। शाम 7 बजे वहां पहुंचे तो दोनों समुदाय के 300-400 आक्रोशित लोग एक-दूसरे पर पत्थरबाजी कर रहे थे। अनियंत्रित भीड़ ने आमजन और पुलिस पर सामने से पत्थर और पेट्रोल बम फेंके।

इरफान ने भीड़ पर तलवार से हमला किया था
गिलदार सिंह ने बताया कि दंगे वाले दिन एसपी और बल ने दोनों पक्षों के लोगों को भगाने के लिए आंसू गैस छोड़ी, तभी वर्ग विशेष का व्यक्ति भीड़ में से सफेद कपड़े पहने सिर पर सफेद कपड़ा बांधे हाथ में तलवार लिए भीड़ में घुस आया। वह तलवार से लोगों पर वार करने लगा। भीड़ को बचाने के लिए मैं, एसपी, ड्राइवर, रीडर व अन्य बल भीड़ में घुसे और उसकी तलवार पकड़कर छीनने का प्रयास किया। एसपी के हाथ में चोट लगी। वह व्यक्ति तलवार छुड़ाकर भीड़ की तरफ भागा, तभी भीड़ में से किसी व्यक्ति ने कट्टे से फायर किया, जिसका एक छर्रा एसपी के बाएं पैर में लगा और खून निकलने लगा।

10 अप्रैल काे ऐसे भड़का था दंगा
रामनवमी पर 10 अप्रैल को निकले जुलूस में उपद्रवियों ने पथराव कर दिया था। शहर के तालाब चौक से शुरू हुआ पथराव व आगजनी का सिलसिला रात होने तक आधे शहर में फैल गया। देखते ही देखते हालात बेकाबू हाे गए। दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। आधे शहर में अलग-अलग कई स्थानों पर पथराव, पेट्रोल बम फेंकने, आगजनी, वाहन जलाने और लूटपाट करने की घटनाएं हुईं। पथराव के दौरान टीआई बनवारी मंडलोई, एक पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे। हालात को काबू में करने पहुंचे पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी पर भी उपद्रवियों ने गोली चला दी, जो उनके पैर में लगी। इस घटना के बाद से प्रशासन ने यहां कर्फ्यू लगा दिया। घटना के बाद आयुक्त डॉ. पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता खरगोन पहुंचे थे।

रामनवमी पर हुए दंगे में पुलिस ने अब तक 63 FIR दर्ज की है। जबकि 153 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 104 फरार आरोपियों पर 10-10 हजार का इनाम नाम घोषित किया है।

रामनवमी के दिन दंगाइयों को भगाने के लिए पुलिस को लाठी भांजना पड़ी थी। दंगाई पत्थर, तलवार और पेट्रोल बम से हमला कर रहे थे।
रामनवमी के दिन दंगाइयों को भगाने के लिए पुलिस को लाठी भांजना पड़ी थी। दंगाई पत्थर, तलवार और पेट्रोल बम से हमला कर रहे थे।
खरगोन में दंगाइयों ने पत्थरबाजी के साथ आगजनी भी की थी। शीतला माता मंदिर के आसपास के कई घरों को आग लगा दी थी।
खरगोन में दंगाइयों ने पत्थरबाजी के साथ आगजनी भी की थी। शीतला माता मंदिर के आसपास के कई घरों को आग लगा दी थी।
दंगाइयों ने चंद मिनटों में कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। इस दिन करीब 70 फेमिली को घर छोड़कर जाना पड़ा था।
दंगाइयों ने चंद मिनटों में कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। इस दिन करीब 70 फेमिली को घर छोड़कर जाना पड़ा था।

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