ग्वालियर … 181 पर बंपर शिकायतें … सीएम हेल्पलाइन पर 9164 शिकायतें पेंडिंग हुईं इनमें से 3074 शिकायतें कई महीनों पुरानी
जनसुनवाई, शिविर व अफसरों से सीधी मुलाकात के बाद भी आम आदमी के काम नहीं हो रहे हैं। इसी कारण सीएम हेल्पलाइन मतलब 181 पर बंपर शिकायतें पहुंच रही हैं। पिछले 10 दिन में 53 अफसरों को नोटिस के बाद जिले की रैंक प्रदेश स्तर पर 49 से 27वें नंबर पर पहुंच गई है पर इसके बाद भी पोर्टल पर 9164 शिकायतें लंबित हैं।
इनमें से 3074 शिकायतें महीनों से पेंडिंग हैं। कुछ आवेदकों के मुताबिक उन्हें शिकायत किए हुए दो से तीन साल तक हो गए हैं। कुछ शिकायतें पहले फोर्स क्लोज हो चुकी थीं पर आवेदक के संतुष्ट न होने पर इन्हें फिर से खोल दिया गया। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रैंक में पहले की तुलना में सुधार की पुष्टि की। उन्होंंने कहा कि ऐसा पक्षकारों को बुलाकर उनकी बात सुनने और निराकरण से हुआ है। आगे जिले की रैंक फिर खराब न हो इसलिए लिए वे हर सप्ताह समीक्षा करेंगे।
सीएम हेल्पलाइन… पुरानी शिकायतों का बुरा हाल
- 1004 दिन- रिछारीखुर्द के प्रेम नारायण ने अपनी जमीन का रिकॉर्ड कम्प्युटर में सुधरवाने के लिए तीन साल पहले सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। प्रेम नारायण ने कहा कि काम तो आज तक हुआ नहीं है, बिचौलियों के चक्कर में 40 हजार और चले गए।
- 926 दिन- घाटीगांव की बैजंती ने सीमांकन के लिए आवेदन किया। काम नहीं हुआ तो सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। परिजन अनिल शर्मा ने कहा, आज 926 दिन हो गए हैं। राजस्व अमला कहता है कि नक्शा गलत है। मैं चाहता हूं कि वे लिखकर दे दें तो आगे कार्रवाई करूं।
- 365 दिन- मुरैना के जितेंद्र राठौर का आधार ग्वालियर के हरिसिंह के नाम पर लिंक हो गया है। उसे मुरैना में राशन नहीं मिल रहा है। जितेंद्र ने कहा कि 20 अप्रैल 2021 को शिकायत की थी, ग्वालियर में खाद्य विभाग अभी तक मैरी समस्या का निपटारा नहीं कर पाया है।
ये हैं सर्वाधिक शिकायत वाले 5 विभाग
पुलिस की 1237 शिकायतें: चोरी, मारपीट,संबंधित थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने के मामले सर्वाधिक हैं। सात साल तक सजा वाले मामले में पुलिस आरोपी को नोटिस देती है,पक्षकार समझता है कि कार्रवाई नहीं हुई। राजस्व की 913 शिकायतें: इनमें सर्वाधिक नामांतरण, बंटवारा व अभिलेख अमल तथा अतिक्रमण न हटने की हैं। जबकि निराकरण की रफ्तार कम है। इसलिए आवेदनों की पेंडेंसी जिले में अधिक है। पानी की 657 शिकायतें: सर्वाधिक शिकायतें पानी सप्लाई को लेकर हैं। स्मार्ट सिटी, प्रकाश, सफाई, सीवर को लेकर भी काफी शिकायते हैं। गर्मी के कारण पानी संबंधी शिकायतें और बढ़ेंगी। निराकरण धीमा होने से संख्या कम नहीं हो रही है। फूड विभाग की 646 शिकायतें: इनमें सर्वाधिक पात्रता पर्ची न मिलने, परिवार के कुछ और सदस्यों के नाम जुड़वाने तथा आधार सीडिंग न होने से राशन न मिलने की रहती हैं। इस विभाग में नयी शिकायतों के दर्ज होने व निपटारे दोनों की रफ्तार बराबर है। जेयू की 555 शिकायतें: इनमें 90 फीसदी रिजल्ट, अंक सूची में गड़बड़ी को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हुई हैं। चूंकि सिस्टम में कुछ कमी है और जेयू से जुड़े कॉलेज व छात्रों की संख्या अधिक होने से यह स्थिति बनी है। नोट-उक्त आंकड़े 20 अप्रैल की स्थिति में हैं।
53 को नोटिस के बाद रैंक 49 से 27 पर
पिछले एक सप्ताह से सीएम हेल्पलाइन में जिले की गिरती रैंक ने विभागों को परेशान कर रखा था। स्थिति सुधारने के लिए ही अधिक पेंडेंसी व लापरवाही के आरोप में कलेक्टर ने 53 अफसरों को नोटिस जारी किए। शुक्रवार को 52 जिलों की रैंक में जिला 27 वे नंबर पर था जबकि एक सप्ताह पहले रैंक 49 तक पहुंच गई थी।
यह सब नोटिस के बाद विभागों के एक्टिव होने व शिकायत करने वाले पक्षकारों को बुलाकर उन्हें काम करने का भरोसा देकर फोर्स क्लोजिंग के कारण हुआ है। फोर्स क्लोज वाली शिकायतों से जुड़े पक्षकारों को अफसरों ने यहां तक भरोसा दिया है कि यदि उनका काम नहीं होता है तो वे फिर से 181 पर शिकायत करने के लिए स्वतंत्र हैं।