खरगोन पुलिस की लापरवाही से भड़का दंगा … इंटेलिजेंस ने 10 दिन पहले ही कर दिया था अलर्ट; जो 7 स्पॉट बताए, वहीं हुआ उपद्रव

खरगोन दंगों में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। राम नवमी से 10 दिन पहले ही इंटेलिजेंस ने वहां बिगड़ते हालातों की पूरी जानकारी IG और SP को भेज दी थी। इंटेलिजेंस की गोपनीय रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि तालाब चौक और जामा मस्जिद सहित वहां के 7 स्थानों पर स्पेशल सिक्योरिटी रखी जाए। स्पेशल सिक्योरिटी के तहत वहां तीन स्तरों पर सुरक्षा प्रबंध करने कहा गया था। पहली लेयर में ज्यादा से ज्यादा पुलिस बल की तैनाती, दूसरी लेयर में हाईराइज सर्विलांस और तीसरी लेयर में मोबाइल सर्विलांस करना होता है। अब सवाल ये है कि जब पुलिस को भी पता था कि हालात ठीक नहीं हैं, तो वहां सुरक्षा तैयारियों क्यों नहीं की गई?

खास बात ये है कि लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरगोन दंगों के इनपुट नहीं मिलने को लेकर इंटेलिजेंस के अफसरों को फटकार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने एडीजी इंटेलिजेंस से इस बात का जवाब भी मांगा था कि दंगों से पहले सूचना क्यों नहीं मिली? शिवराज ने एडीजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार से पूरा एक्शन प्लान भी मांगा था।

राम नवमी के दिन यहां के सबसे संवेदनशील तालाब चौक में जुलूस पर पथराव के बाद यहां के हालात बिगड़े थे और दंगों की आंच पूरे शहर में फैल गई थी। इंदौर रेंज के आईजी राकेश गुप्ता भी मानते हैं कि रामनवमी पर हम खरगोन को लेकर विशेष सतर्क थे। हमने खरगोन ही नहीं खंडवा काे भी अतिरिक्त सुरक्षा पहुंचाई थी। उन्होंने कैसे उसका इस्तेमाल किया, ये तो एसपी ही बता सकते हैं।

क्या होती है स्पेशल सिक्योरिटी

  • फर्स्ट लेयर– ज्यादा से ज्यादा पुलिस बल की तैनाती।
  • सेकंड लेयर– हाईराइज सर्विलांस यानी ऊंची बिल्डिंगों से और ड्रोन से क्षेत्र की निगरानी।
  • थर्ड लेयर– यहां पुलिस मोबाइल वैन से क्षेत्र में निगरानी रखती है।

यहां होनी थी स्पेशल सिक्योरिटी

  • तालाब चौक– सबसे सेंसेटिव एरिया है। यहीं सामने मस्जिद है। गौशाला मार्ग, काजीपुरा में शीतला माता मंदिर रोड पर दंगे हुए। पथराव हुए और घरों में आग लगाई।
  • जामा मस्जिद– मस्जिद के पीछे इमलीपुरा का हिस्सा है। यहां एक ही समुदाय के लोग ज्यादा हैं। कहा जा रहा है कि वहां छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम रखे गए थे।
  • गुरुवा दरवाजा– गुरुव समाज बहुल इलाका। चौराहे पर शिव, हनुमान, माता के पांच से छह मंदिर हैं। बेहद घनी बस्ती। ठीक सामने मुस्लिम बहुत बस्ती सहकार नगर।
  • कलाली कुंआ – तालाब चौक, गुरुव मोहल्ला से संकरे रोड से एक किलोमीटर दूर तक का रास्ता। हिंदू-मुस्लिम दोनों परिवार बसे हैं।
  • झंडा चौक – भावसार मोहल्ले, सराफा को जोड़ने वाला चौराहा। यहां किले के नीचे मुस्लिम बहुल इलाका। दूसरी तरफ पुरानी घनी हिंदू बस्ती का इलाका।
  • धान मंडी मस्जिद– इससे लगे बफर एरिया पठानवाड़ी, भावसारी और मरवाड़ी में उस दिन दंगाइयों ने उपद्रव किए थे।
  • कहारवाड़ी – इस हिस्से के लिए भी इंटेलिजेंस ने पहले से अलर्ट किया था। यहां भी आसपास के हिस्सों में पहले से गड़बड़ी की आशंका थी।

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