खरगोन जिला जेल ओवरलोड; दूसरे जेलों में कर रहे शिफ्ट … 136 पुरुष और 20 महिला कैदियों की क्षमता, 510 कैदियों जेल में बंद, बाल अपचारियों का सुपुर्दनामा खारिज

खरगोन दंगे में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर जिला जेल में बंद किया है। 156 आरोपियों की क्षमता वाले जिला जेल में 510 कैदी और बंदी हो चुके हैं। इस वजह से आरोपियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है। जिला जेल में 136 पुरुष और 20 महिला कैदियों की क्षमता है। कैदियों के लिए पांच बैरक हैं।

जेलर लव सिंह काटिया ने वरिष्ठ अफसरों को जेल ओवरलोड हाेने की जानकारी देते हुए बंदियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए अपील की है। इसके बाद महेश्वर उपजेल में 20, कसरावद उपजेल में 20 और बड़वाह उपजेल में 20 बंदियों को शिफ्ट किया है। पिछले साल जब कलेक्टर अनुग्रहा पी ने दौरा किया था, तब 378 कैदी थे। और आज जेल में 510 कैदी बढ़ गए हैं। हालांकि, जेलर का कहना है कि नई बैरक बनाई जा रही है। कुछ दिनों में परेशानी कम हो जाएगी।

पिछले साल कलेक्टर ने जेल का किया था निरीक्षण।
पिछले साल कलेक्टर ने जेल का किया था निरीक्षण।

मनोवैज्ञानिक तौर पर बुरा प्रभाव पड़ता है

शहर में 10 अप्रैल को हुए उपद्रव में पुलिस ने 14 नाबालिगों को भी चिन्हित किया है। उनपर धारा 147, 148, 149, 436 में कार्रवाई कर मामले किशोर न्यायालय को भेजे हैं। किशोर न्यायालय बोर्ड के आदेश पर उन्हें बाल सुधार गृह खंडवा भेजा। 8 बाल अपचारियों के सुपुर्दनामे की अर्जी लगाई थी। जिसे किशोर न्याय बोर्ड ने खारिज कर दिया। बोर्ड के सदस्य बसंत सोनी और सीमा जोशी ने आवेदन निरस्त किया था। बोर्ड का मानना था कि बाल अपचारी बाहर आते हैं तो उनकी जान को खतरा रहता है। शहर में अभी भी कर्फ्यू का माहौल है। उनपर मनोवैज्ञानिक तौर पर बुरा प्रभाव पड़ने की भी आशंका है। उनके हित को

अधिवक्ता अलताफ बैग मिर्जा का कहना है कि किशोर न्याय बोर्ड में 8 बाल अपचारियों के सुपुर्दनामे का आवेदन दाखिल किया था। मामले में बुधवार को सेशन कोर्ट में अर्जी लगाएंगे।

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