परिवहन मंत्री और आयुक्त के खिलाफ झूठी शिकायत मामले में आया नया मोड़

परिवहन आयुक्त के पीए ने किया सरेंडर, पूछताछ में मंत्री की शिकायतों से मुकरा, दो घंटे चला सवालों का दौर… जवाब में बोला- ड्राइवर बताएगा किसने रची साजिश

ग्वालियर। परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त की शिकायत झूठे नाम से करने के हाईप्रोफाइल मामले में उस वक्त नया मोड़ आया जब आयुक्त के वांटेड पीए सत्यप्रकाश ने क्राइम ब्रांच में समर्पण कर दिया। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने दो घंटे तक पूछताछ की, लेकिन उसने अपने जवाब में सिर्फ इतना कहा कि उसे नहीं मालूम कि किसके नाम से शिकायत हुई, किसने उसे पोस्ट किया? उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। इस दौरान आरोपी ने उल्टे सवाल किया कि 15 दिन में उसके खिलाफ कोई सबूत मिला हो तो बताओ। इसके बाद उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया।

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सत्यप्रकाश के सामने आने और घटनाक्रम की जानकारी से साफ इनकार करने से मामला फिर उलझ गया है। पुलिस का कहना है सत्यप्रकाश को नोटिस पर रिहा किया गया है। उससे कुछ जानकारियां मांगी गई हैं। एपीसोड के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए तकनीकी साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है।

इस तरह हुआ उजागर

सिंधिया नगर निवासी धर्मवीर कुशवाह ने 11 अप्रैल को पुलिस में शिकायत कर बताया था कि उसके नाम से परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत और परिवहन आयुक्त मुकेश जैन की नौ शिकायतें की गई हैं। इन शिकायतों में मंत्री व आयुक्त पर परिवहन नाकों से 50 करोड़ से ज्यादा की वसूली करने का आरोप लगाते हुए इस काली कमाई को उपचुनाव में खर्च किया जाना बताया गया था। इसके अलावा परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाए गए थे। इन शिकायतों से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कुशवाह ने बताया कि 4 अप्रैल की रात मोबाइल पर रेलवे स्टेशन के एमबीसी काउंटर से स्पीड पोस्ट का मैसेज आया। तब उसे साजिश का मालूम चला। धर्मवीर के नाम से 9 शिकायतों में से रीकॉल करने पर 6 मिल गईं।

हाईप्रोफाइल मामले के मास्टरमाइंड का पता करने क्राइम ब्रांच ने एमबीसी सेंटर के सीसीटीवी खंगाले। उसमें परिवहन आयुक्त के पीए सत्यप्रकाश शर्मा का ड्राइवर अजय सालुंके स्पीड पोस्ट करता दिखा। उसे राउंडअप किया तो अजय ने खुलासा किया पीए सत्यप्रकाश उसे लिफाफे पोस्ट करने के लिए देता था। उसे नहीं पता कि लिफाफे के अंदर क्या है। सत्यप्रकाश उसका अधिकारी है, इसलिए उसके आदेश का पालन कर रहा था। इसी आधार पर सत्यप्रकाश को आरोपी माना गया था।

पीए बोला- ड्राइवर ही बताएगा इस मामले का मास्टरमाइंड कौन

प्रकरण में नामजद होने पर अंडरग्राउंड सत्यप्रकाश शर्मा का 15 दिन तक कोई सुराग नहीं लगा। मंगलवार को वह अचानक क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गया। उसे गिरफ्तार कर दो घंटे तक पूछताछ की गई। उसने पुलिस से कहा वह शिकायत क्यों करेगा। उसे मंत्री और आयुक्त से क्या लेना देना। यह उसे फंसाने की साजिश है। सीसीटीवी में उसका ड्राइवर अजय सालुंके स्पीड पोस्ट करता दिखा है, उससे ही पूछताछ की जाए कि वह उसका नाम क्यों और किसके कहने पर ले रहा है।

इन बिदुंओं पर पड़ताल

– ड्राइवर अजय सालुंके के मोबाइल की डिटेल फिर सर्च होगी
– स्पीड पोस्ट वाले दिन सालुंके, सत्यप्रकाश की लोकेशन जांची जाएगी।
– दोनों के कॉल डिटेल से पता लगाएंगे आखिरी बार कब और कितनी देर बातचीत हुई।

परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त की झूठै नाम से शिकायत करने में आरोपी परिवहन आयुक्त के पीए ने मंगलवार को सरेंडर किया। उससे दो घंटे पूछताछ की गई। फिर उसे नोटिस देकर छोड़ा गया। इस मामले में तकनीकी साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है। केस में और भी कुछ नाम सामने आ सकते हैं।
राजेश दंडौतिया एएसपी, क्राइम ब्रांच

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