जम्मू-कश्मीर के पहले UPSC टॉपर का दर्द … सर्विस में लौटना चाहते हैं पूर्व IAS शाह फैसल; बोले- मैंने जो गलतियां कीं, उन्हें सही करूंगा

सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में जाने वाले पूर्व IAS शाह फैसल ने सर्विस में लौटने के संकेत दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहले UPSC टॉपर रहे शाह ने बुधवार को एक बाद एक ट्वीट किए। इनमें उन्होंने अपने आदर्शवाद के बारे में बात की, जब उन्होंने 2019 में राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

शाह ने ट्वीट किया, ‘पिछले आठ महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) में मैं टूट गया था। मैंने लगभग सब कुछ खो दिया, जो मैंने कईं सालों की मेहनत से बनाया था, चाहे वो नौकरी हो, दोस्त हो या प्रतिष्ठा हो। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया है, लेकिन मैंने उम्मीद नहीं खोई।’

उन्होंने लिखा, ‘मुझे अपने आप पर विश्वास है कि मैंने जो गलतियां की थीं, उन्हें सही करूंगा। जीवन मुझे एक और मौका देगा। मैं बीते हुए 8 महीनों को पूरी तरह से मिटाना चाहता हूं। असफलताएं हमें मजबूत बनाती हैं। मैं 39 साल का हो गया हूं और नई शुरुआत के लिए उत्साहित हूं।’

हालांकि, फैसल ने यह नहीं बताया कि ‘एक और मौका’ से उनका क्या मतलब है। माना जा रहा है कि वह एक IAS अधिकारी के रूप में या जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार के रूप में सरकारी सेवा में लौट सकते हैं। फैसल के साथ काम कर चुके दोस्तों और सहयोगियों ने उनके सर्विस में लौटने के फैसले का समर्थन किया है।

‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ पार्टी की लॉन्चिंग में जवाहर लाल नेहरू स्टूडेंट यूनियन की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद भी शामिल हुई थीं।

खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई
शाह फैसल ने साल 2009 में UPSC की परीक्षा में टॉप किया था। उन्होंने देश में बढ़ती इन्टॉलरेंस को लेकर जनवरी 2019 में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। वह सरकार से कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं को गंभीर नहीं लेने से नाराज थे। हालांकि, सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। फिर मार्च 2019 में शाह ने खुद की पार्टी ‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ बनाई। साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना भी बनाई।

केंद्र सरकार के लिए बदला नजरिया
फैसल ने सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले का भी विरोध किया था। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, रिहाई के बाद, फैसल ने राजनीति छोड़ दी और वापसी करने के संकेत देने लगे। बीते कुछ महीनों में उनकी सोच बदल गई है। अब वे सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन करते नजर आते हैं। वे PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों को शेयर करते हैं।

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