गैस के उपयोग की मनमर्जी:होटल, ढाबों, ठेलों और दुकानों पर खुले आम हो रहा घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग
सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरक नार कर शहर में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवासायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसके बाद भी अध का का द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
शहर के किसी भी होटल, ढांवों, ठेलों, रेस्त्रां और दुकनों में व्यवासायिक के बजाए घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लगे हुए नजर आ रहे हैं। नगर में 18 हजार रसोई गैस कनेक्शन हैं जबकि व्यवासयिक गैस सिलेंडर कनेक्शन मात्र 15 हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है निर्धारित नियमों को किस हद तक अनदेखी की जा रही है।
यहां बता दें सरकारी व्यव स्था के तहत 5 किलोग्राम एवं 14.2 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर घरेलू उपयोग के लिए है। आमतौर पर 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर घरों में उपयोग होता है। जबकि 19 किलो वाला गैस सिलेंडर व्या वसाय करने वालों के लिए है। वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर 1 हजार 31 रुपए और व्यवासयिक सिलेंडर 2 हजार 465 रुपए का है। इनकी कीमत में अंतर होने की बजह से कारो बारी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं।
होटलों की जांच से परहेज करते हैं अधिकारी
होटल, ढांवों, रेस्त्रां में सिलेंडर के उपयोग, साफ- सफाई की बात हो या फिर खाद्य सामग्री की जांच यह कभी कभार ही देखने को मिलती है। इसकी वजह से कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही कारोबारी व्यवसायिक सिलेंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं। घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हैं। होटलों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण आम उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर भी नहीं मिल पा रहे है।
रिफलिंग के कारोबार पर भी नहीं अंकुश
रसोई गैस न केवल व्यवसायिक उपयोग हो रहा है बल्कि इसकी रीफिलिंग की प्रक्रिया भी कई जगह चल रही है। इस कारण दुर्घटना घटित होने की आशंका रहने लगी है। कालाबाजारी व रिफिलिंग का अवैध कारोबार मिलीभगत से हो रहा है। खुले बाजार में बिकने वाले छोटे साइज के एलपीजी सिलेंडर पूरी तरह अवैध हैं।
ऐसे सिलेंडरों का इस्तेमाल एलपीजी की रिफिलिंग के लिए नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वाले पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है। लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं हो रही है। जिससे गैर का अवैध कारोबार लगातार चल रहा है।
कार्ययोजना बन रही, शीघ्र होगी कार्रवाई
घरेलू गैस का व्यवसायिक कार्य में इस्तेमाल होना नियम विपरीत है। यह सब गैस एजेंसियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। यह आम उपभोक्ताओं के साथ हकमारी है। इसके लिए जिला स्तर से कार्ययोजना बनाई जा रही है। शीघ्र ही अभियान चलाकर इसपर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। –अजय अष्ठाना, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी