2020 में इलाज की कमी से सबसे ज्यादा मौतें …. 81.16 लाख लोगों की जान गई, इनमें से 45% को इलाज ही नहीं मिला
देश में 2020 में हुई कुल मौतों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी की है। सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) 2020 के नाम से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में देश में कुल 81.16 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 45% लोगों को कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिला था। इलाज के अभाव में यह अब तक की सबसे अधिक मौतें हैं। साल 2019 में यह आंकड़ा देश भर में हुई मौतों का 34.5% था।
बता दें कि 2020 की शुरुआत में कोरोना की वजह से कई अस्पतालों के 80 से 100% बेड्स रिजर्व थे। इस वजह से नॉन-कोविड पेशेंट्स को इलाज ही नहीं मिल पाया। हालांकि, इन आंकड़ों में 2020 में अस्पतालों में होने वाली मौतों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। इन मौतों का आंकड़ा 32.1% से घटकर 28% हो गया। यह आंकड़ा अब तक की सबसे तेज गिरावट दर्शाता है।
2011 में इलाज न मिलने से 10% लोगों की मौत
मेडिकल सुविधाओं के अभाव में और अस्पतालों में होने वाली मौतों के आंकड़े में यह अंतर नया नहीं है। पिछले 10 साल के अंदर मेडिकल सुविधाओं के अभाव में होने वाली मौतें का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। वहीं, मेडिकल संस्थानों में होने वाली मौतें तेजी से घटी हैं।
साल 2011 में मेडिकल सुविधा के अभाव में केवल 10% ही मौतें हुई थी। हालांकि, उस दौरान केवल 67% मौतें ही दर्ज की जाती थीं। संस्थानों में होने वाली मौतें उस दौरान बढ़ीं, क्योंकि ये मौतें रजिस्टर की जाती थीं। जैसे-जैसे मौतें रजिस्टर होने लगीं वैसे ही मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा।
दो साल में यह अंतर न के बराबर
2017 और 2018 में मेडिकल सुविधाओं के अभाव में और मेडिकल फैसिलिटी में होने वाली मौतों का आंकड़ा लगभग बराबर था। ये आंकड़े देश भर में होने वाली कुल मौतों के एक तिहाई थे। बाकी के एक तिहाई मौतें किस वजह से हुई, इसकी जानकारी नहीं दर्ज हो पाई।
साल 2019 में मेडिकल सुविधाओं के अभाव में होने वाली मौतें, मेडिकल संस्थानों में होने वाली मौतों से अधिक थीं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से 2020 में अभाव में होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है। ट्रेंड के मुताबिक 2021 में भी यह आंकड़ा और बढ़ेगा, क्योंकि महामारी के दौरान बड़ी आबादी को अस्पतालों की सुविधा नहीं मिल पाई थी।