ग्वालियर … वैध से ज्यादा अवैध कॉलोनियों में हो रहीं रजिस्ट्री, क्योंकि.. रजिस्ट्रेशन एक्ट में ऐसा करने पर रोक नहीं
प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार जहां एक ओर प्रशासन अवैध कॉलोनियों पर तेजी से कार्रवाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रोजाना होने वाली रजिस्ट्रियों की संख्या इन कॉलोनियों में ही ज्यादा है। रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों की माने तो कुछ दिन पहले तक रोजाना होने वाली रजिस्ट्रियों में 65 से 70 फीसदी रजिस्ट्रियां अवैध कॉलोनियों की ही होती थीं। हालांकि लगातार हो रही तोड़फोड़ के बाद इनकी संख्या में कुछ कमी आई है। गुरुवार को अवैध कॉलोनियों वाले 7 वार्डों में 49 रजिस्ट्री हुईं ताे वहीं शाुक्रवार काे इन्हीं क्षेत्राें में 28 रजिस्ट्रियां की गईं।
शहरी क्षेत्र में जो 443 अवैध कॉलोनियां हैं उनमें सर्वाधिक 7 वार्ड की 11 लोकेशन पर हैं। इनमें वार्ड 60 से 66 तक का क्षेत्र शामिल है। कुछ कॉलोनियां लश्कर क्षेत्र के वार्ड 52 में भी हैं। उक्त अवैध कॉलोनियों में संपत्ति के खरीददारों की संख्या काफी अधिक थी।
गुरुवार को वृत-2 में कुल 37 रजिस्ट्री हुईं थीं। वृत-1 में 12 रजिस्ट्री हुईं। शुक्रवार को वृत्त-2 में 19 और वृत्त-1 में 9 रजिस्ट्रियां हुईं। उक्त सात वार्ड क्षेत्र में पुरानी छावनी, खुरैरी, बड़ागांव, सैंथरी, भदरौली, विक्रमपुर, गिरगांव, अजयपुर, वीरपुर सहित कुछ अन्य हिस्से आते हैं। यहीं पर सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां बस रही हैं।
एक्सपर्ट- डीएन दोहरे, रिटायर्ड वरिष्ठ जिला पंजीयक
संपत्ति के क्रय विक्रय में अवैध काॅलोनी का जिक्र नहीं
रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोई पंजीयन अधिकारी अवैध कालोनी में दस्तावेजों के पंजीयन को रोक दे। इस संबंध में पूरनसिंह नरवरिया के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय भी 2013 में निर्णय दे चुका है। इसमें भी पंजीयन अधिकारी के कर्तव्यों को स्पष्ट किया गया है। संपत्ति के क्रय विक्रय के लिए संपत्ति अंतरण अधिनियम में क्रेता विक्रेता की जवाबदारी निश्चित की गई है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम साक्ष्य का निर्माण करता है।
जांच करें, दस्तावेज देखें फिर खरीदें प्लाट
नगर निगम आयुक्त किशोेर कन्याल के मुताबिक कॉलोनी वैध या अवैध है, यह जांच करने के बाद ही प्लाट-मकान खरीदें। खरीददार कॉलोनाइजर से लाइसेंस, खसरा, डायवर्सन, रजिस्ट्री, नजूल एनओसी, विकास अनुज्ञा पत्र, नक्शे की मांग कर उसे जांच ले। कॉलोनी में सीसी रोड, सीवर व पानी, बिजली की लाइन, नाली, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट है कि नहीं यह भी देखें। शंका हो तो सिटी प्लानर पवन सिंघल (96444-05830) से संपर्क किया जा सकता है।