कालाधन छिपाने के लिए अमेरिका सबसे मुफीद …..

​​​​​​​टैक्स जस्टिस नेटवर्क की रिसर्च में खुलासा- काली कमाई छिपाने में अमेरिका सबसे ज्यादा मददगार…

कालेधन को छिपाने के लिए स्विट्जरलैंड दुनियाभर में लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता रहा है। हालांकि, अब स्विट्जरलैंड नहीं, अमेरिका ज्यादा मददगार बन गया है। अमेरिका में 2020 के बाद से दुनिया को फाइनेंशियल सिक्रेसी में लगभग एक तिहाई की बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी एडवाजरी ग्रुप टैक्स जस्टिस नेटवर्क (TJN) की ताजा रिसर्च से सामने आई है। इसके मुताबिक संपत्ति का मालिकान हक छिपाने में वित्तीय और कानूनी मदद अमेरिका से बेहतर कहीं नहीं मिलती है।

TJN साल 2009 से ज्यादाद के मालिकाना हक को छिपाने में फाइनेंशियल सिस्टम और कानून कितना मददगार है, इस आधार पर अलग-अलग देशों की रैंकिंग जारी कर रहा है। ताजा रैंकिंग में इसने अमेरिका को टॉप पोजिशन पर रखा है। यह इसकी अब तक की सबसे खराब रैंकिंग है।

दुनिया के सात अमीर देशों में G-7 में से पांच- अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली फाइनेंशियल सिक्रेसी के मुकाबले आधे से अधिक ग्लोबल प्रोग्रेस रोकने के लिए जिम्मेदार हैं। जर्मनी 18 मई को G-7 देशों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। हालांकि, ट्रांसपेरेंट कानूनों को लागू करने में जर्मनी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इसलिए रैंकिंग में जर्मनी को सातवीं पायदान पर रखा गया है।

टैक्स बचाने के लिए नियम बदलता रहा है G-7
टैक्स जस्टिस नेटवर्क के प्रमुख रिसर्चर मोरन हरारी के मुताबिक, G-7 धनी देशों का एक छोटा समूह है, जो फाइनेंशियल सीक्रेसी और टैक्स बचाने के वैश्विक नियमों में बदलाव करता रहता है। दशकों से ये धनी G-7 देश अरबपतियों को लुभाते रहे हैं।

इन प्रमुख देशों के टैक्स विभागों में आपस में खराब तालमेल होना है। सिर्फ अमेरिका अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल से काम करे तो दुनिया में फाइनेंशियल सीक्रेसी 40% तक कम हो सकती है और ट्रांसपेरेंसी इतनी ही बढ़ सकती है।

स्विट्जरलैंड और केमैन आईलैंड की लोकप्रियता घटी
स्विट्जरलैंड का स्थान अब इस रैंकिंग में फिसलकर दूसरी पायदान पर आ गया है। यहां अमेरिका की तुलना में फाइनेंशियल सीक्रेसी की सुविधा आधी है। केमैन आईलैंड जो कभी पहले स्थान पर हुआ करता था, अब वह 14वीं पायदान पर आ गया है। इसका कारण फाइनेंशियल सर्विसेज के स्तर में आई गिरावट है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *