मासूम से रेप, 85 की महिला को भी बनाया शिकार …. क्यों बढ़ रहा महिलाओं के खिलाफ क्राइम, क्या अपराधियों को नहीं सताता कानून का डर?

साल-दर-साल महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि दुधमुंही बच्चियों से लेकर उम्रदराज महिलाओं के साथ रेप हो रहे हैं। मानसिक और वैचारिक रूप से बीमार व्यक्ति के लिए महिला, बुजुर्ग और बच्ची मात्र एक शरीर हैं। अपनी हवस की आग को बुझाने के लिए वह ना रिश्तो की मर्यादा देख पाता है ना ही महिला की उम्र। हाल ही में बिहार के सुपौल में एक 4 साल की बच्ची से दरिंदगी की गई तो वहीं मोतिहारी में 85 साल की बुजुर्ग का रेप किया। समाज में बढ़ती यह मानसिक विक्षिप्तता न सिर्फ समाज के लिए घातक है बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।

आखिर, महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के पीछे कारण क्या है? क्या अपराध करने वालों को कानून का डर नहीं सताता? पढ़िए, इस तरह के कुछ सवालों को टटोलती भास्कर वुमन की रिपोर्ट….

एक बच्ची, एक दादी..दोनों के साथ दरिंदगी
पिछले हफ्ते बिहार के सुपौल जिले में 4 साल की मासूम से ट्यूशन टीचर ने दरिंदगी की। बच्ची घर लौटी तो उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। मां के पूछने पर डरी-सहमी नन्ही जान ने पूरी बात बताई। घटना बीते शुक्रवार छातापुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। मां की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। वहीं मोतिहारी जिले के ढाका क्षेत्र के एक गांव की 85 साल की महिला के साथ 20 वर्षीय युवक ने रेप किया। आरोप है कि पीड़ित बुजुर्ग रात में अपने खलिहान में बने झोपड़ीनुमा घर में सो रही थी। आधी रात में आरोपी विकास पासवान घर में घुसा और महिला का मुंह और हाथ बांध जबरन दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी को उसके मामा के घर से गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी भूल गए उम्र और रिश्ता…

केस-1: राजधानी दिल्ली में 87 साल की बुजुर्ग महिला का रेप
15 फरवरी, 2020 को देश की राजधानी दिल्ली के तिलक नगर में 87 साल की बुजुर्ग महिला से 30 साल के सफाईकर्मी ने रेप किया। पुलिस ने बताया कि चोरी का विरोध करने पर आरोपी ने बुजुर्ग महिला की मारपीट की और फिर इस शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया। पुलिस की 20 टीमों ने 57 सीसीटीवी की फुटेज खंगालनी। 35 लोगों से पूछताछ की। इसके बाद आरोपी अंकित को गिरफ्तार किया। आरोपी नशे का आदी है।

केस-2: आगरा में 98 साल की महिला से जबरदस्ती
30 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश के बलिया से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई थी। 98 साल की बुजुर्ग महिला से 20 वर्षीय लड़के ने बलात्कार की कोशिश की। हैरानी की बात यह है कि आरोपी महिला का रिश्तेदार था। महिला रात में अपने घर में सो रही थी। इस दौरान आरोपी ने जबरदस्ती करने की कोशिश की। वृद्ध महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

केस-3: झारखंड में 9 माह की बच्ची से दरिंदगी
18 सितंबर, 2021 को झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ में नौ महीने की बच्ची से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया। घर वाले करम पर्व मना रहे थे। इसी दौरान आरोपी सोमनाथ उरांव बच्ची को उठाकर ले गया। बहुत देर तक नहीं लौटने पर परिवार वालों ने ढूढ़ना शुरू किया। आरोपी बच्ची को लेकर जंगल से लौट रहा था। पीड़िता के परिवार को देखते ही आरोपी खून से लथपथ बेहोश बच्ची को छोड़कर भाग गया। परिजन बच्ची को बालूमाथ सरकारी अस्पताल ले गए, जहां उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया।

 

प्रतीकात्मक तस्वीर। एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्ची, बुजुर्ग महिला या फिर किसी को भी टॉर्चर कर जिन लोगों को खुशी मिलती है, वे लोग एक तरह की मानसिक बीमारी से ग्रस्त होते हैं। इसे सैडिस्टिक प्लेजर कहते हैं।

केस-4: लखनऊ में दुधमुंही बच्ची से दुष्कर्म
14 नवंबर, 2021 को यूपी की राजधानी लखनऊ के सआदतगंज में दुधमुंही बच्ची से दुष्कर्म की घटना सामने आई। मूलरूप से पटना निवासी एक परिवार यहां किराये पर रहता है और चूड़ी बेचकर अपना घर चलाता है। छह माह की बच्ची की मां खाना बना रहीं थी। तभी बच्ची रोने लगी तो पड़ोस में रहने वाला सनी उसे खिलाने के लिए उठा ले गया। थोड़ी देर बाद बच्ची की चीख-पुकार और रोना सुनकर परिवार वाले दौड़े तो खून से सनी बच्ची को छोड़कर भागा। वहां मौजूद लोगों ने उसे दबोच लिया। नाजुक हालत में मिली बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

क्रिमिनल मानसिक बीमारी से पीड़ित, उकसाती हैं क्राइम सीरीज
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), नोएडा के अध्यक्ष और मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील अवाना बताते हैं कि बच्ची या बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म करने का ख्याल कभी भी किसी मानसिक तौर पर फिट इंसान के मन में नहीं आता है। आम इंसान के मन में बच्ची को दुलारने और बुजुर्ग महिलाओं की इज्जत का ख्याल आएगा, जबकि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के मन में बच्ची और बुजुर्ग महिला को टॉर्चर करने का ख्याल आएगा। इसे सैडिस्टिक प्लेजर कहते हैं। इस मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों को क्राइम पर बनी वेब सीरीज और फिल्में उकसाने का काम करती हैं। उन्हें लगता है कि वे क्राइम करेंगे। कानून को ठेंगा दिखाएंगे और हीरो बन जाएंगे।

क्या है सैडिस्टिक प्लेजर?
किसी के साथ क्रूरता करने या किसी को दर्द पहुंचाने पर खुशी मिले तो इसे सैडिस्टिक प्लेजर कहते हैं। यह एक तरीके का मनोरोग है। इससे पीड़ित व्यक्ति को किसी का रेप कर, घायल कर या हत्या कर, मारपीट या अन्य तरीके से टॉर्चर करने में खुशी मिलती है।

कानून सजा देता है, मेंटल ट्रीटमेंट नहीं
क्या अपराध करने वालों को कानून का डर नहीं सताता? इसके जवाब में डॉ. अवाना कहते हैं कि कोई भी शख्स अपराधी एक दिन में नहीं बन जाता। सैडिस्टिक प्लेजर लेने वाले लोग इस तरह की छोटी-मोटी गतिविधियां करते रहे हैं और उनके इस कृत्य से परिवार, रिश्तेदार और पड़ोसी वाकिफ होते हैं, लेकिन वे यह बात बताते नहीं हैं। यही वजह है कि बाद में चलकर ये लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं। पुलिस गिरफ्तार करती है और आरोपियों को सजा भी मिलती है, लेकिन जेल से छूटने के बाद वे फिर से क्राइम करते हैं। इसकी वजह है कि मानसिक रोगी कानून और इमोशंस के बारे में सोचने में सक्षम नहीं होते हैं, इसलिए जरूरी है कि ऐसे लोगों की मेंटल हेल्थ का भी इलाज किया जाए।

क्यों सैडिस्टिक प्लेजर को करने लगते हैं एंजॉय ?
जिन लोगों को बचपन में प्यार नहीं मिलता। पिता बच्चे और उसकी मां को शराब पीकर पीटता हो। किसी अपने को बुरी स्थिति में देखा हो। मां या फिर अन्य प्रियजन की किसी क्राइम में मौत हुई हो। बचपन में टॉचर या फिर यौन शोषण हुआ हो..ऐसे लोग ही बड़े होकर क्रूरता को एंजॉय करने लगते हैं। उन्हें दूसरों को टॉर्चर करने में मजा आने लगता है।

बजट में मेंटल हेल्थ के लिए प्रोग्राम लॉन्च करने का प्रस्ताव
डॉ. सुनील अवाना ने बताया कि आईएमए की ओर से कई दफा केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को मेंटल हेल्थ को लेकर लोगों को अवेयर करने के लिए लिखा गया, क्योंकि हमारे लोग मेंटल हेल्थ को हल्के में ले लेते हैं। इस पर बहुत ज्यादा मुहिम तो नहीं चली, लेकिन इस साल के बजट में मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया गया।

सरकार ने शुरू की मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन
लॉकडाउन के दौरान लोगों में मानसिक तनाव, गुस्सा और अवसाद बढ़ने की समस्या देखी गई। घरेलू हिंसा और सुसाइड के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने टोल-फ्री मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन किरण (1800-599-0019) शुरू की, जहां मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों को 24×7 काउंसलिंग सेवा दी जाती है। अगर किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर परेशानी है तो वह इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकता है।

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