समर कैंप:पहले बच्चे ‘मुफ्त’ में सीखते थे खेल की बारीकियां, दो साल बाद खेल विभाग आज से लगा रहा समर कैंप; फीस तय की
- एसएसपी की अध्यक्षता में कैंप की तैयारियों को लेकर हुई बैठक, 20 से 15 खेलों का शुरू होना कैंप
- जिला खेल परिसर में लगने वाले 15 खेलों के इस कैंप में उक्त खेलों की अलग-अलग फीस तय की गई
मप्र खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष नि:शुल्क समर कैंप आयोजित किया जाता था, लेकिन कोरोना काल के चलते दो साल बाद शुक्रवार से शुरू होने वाले कैंप में इस बार खिलाड़ियों से फीस लेना तय किया गया है। हालांकि एसएसपी अमित सांघी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैंप की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में फीस को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। जिला खेल परिसर में लगने वाले 15 खेलों के इस कैंप में उक्त खेलों की अलग-अलग फीस तय की गई है। जिससे प्रशिक्षक के साथ खिलाड़ी भी कैंप को लेकर चिंतित हो गए हैं। क्योंकि ऐसा पहली बार होने जा रहा है।
बैठक में एसएसपी सांघी ने प्रशिक्षकों और जिला खेल अधिकारी जोसफ बक्सला से चर्चा करते हुए कहा कि अभी जो फीस के मानक बनाए गए हैं उनकी मॉनिटरिंग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कोच इस बार का ख्याल रखें कि बच्चों से ली जाने वाली फीस उन पर ही खर्च की जाए। इसके अलावा कोच को यह भी तय करना होगा कि उनके खेल से 5 श्रेष्ठ खिलाड़ी ऐसे चुनने होंगे जिन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके खेल का आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि आरआई के साथ पुलिस का एक अधिकारी समय-समय पर कैंप का निरीक्षण भी करेगा। इस दौरान यदि कैंप में किसी प्रकार की असुविधा या कमी पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
अभी यह तय की गई है फीस
बास्केटबॉल 500 रुपए, वालीबॉल 200 रुपए, क्रिकेट 200 रुपए, कराते 300 रुपए, हॉकी 100 रुपए, बॉक्सिंग 500 रुपए, मलखंब 100 रुपए, योगा 500 रुपए और बैडमिंटन 1000 रुपए।
एक समान फीस पर चर्चा करेंगे
अगर पिछले वर्षों तक कैंप में फीस नहीं ली गई है तो हम इस बार भी ऐसा करने के लिए अधिकारियों से चर्चा करेंगे। अभी फीस तय नहीं की गई है। अगर कैंप के लिए बाहरी प्रशिक्षक हायर करेंगे तो भी एक समान नॉमिनल फीस ही लेंगे।
-अमित सांघी, एसएसपी
फीस को लेकर डीएसओ से बात करता हूं
अगर विभागीय कोच ट्रेनिंग देंगे तो मैं जिला खेल अधिकारी से फीस के विषय पर चर्चा करूंगा। सभी खेलों में एक जैसी फीस हो इस पर जल्द ही निर्णय लेंगे।
-रवि कुमार गुप्ता, निदेशक, मप्र खेल एवं युवा कल्याण विभाग