बिना एनओसी चल रहे 200 ईंट भट्टे, एनजीटी के नियमों को दिखा रहे ठेंगा

आबादी के निकट एवं स्टेट व नेशनल हाईवे किनारे संचालित हो रहे ईंट भट्टे

बिना एनओसी चल रहे 200 ईंट भट्टे, एनजीटी के नियमों को दिखा रहे ठेंगा

भिण्ड. जिले भर में संचालित करीब 500 ईंट भट्टों में से 200 से ज्यादा एनजीटी से बिना एनओसी लिए चल रहे हैं। जबकि एनओसी लेकर ईंट भट्टा चला रहे संचालक भी एनजीटी के नियमों को दरकिनार करते आ रहे हैं। हैरानी की बात ये है प्रशासनिक स्तर पर ईंट भट्टों का लंबे अर्से से निरीक्षण तक नहीं किया गया है।

भिंड सर्किल में 85 से अधिक भट्टे

उल्लेखनीय है कि भिण्ड सर्किल में 85 से ज्यादा ईंट भट्टे चल रहे हैं। जबकि अटेर में 80, मेहगांव क्षेत्र में 125, लहार में 115, गोहद विकास खण्ड अंतर्गत 95 ईंट भट्टे चल रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियम के मुताबिक 150 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में ईंटा संचालित नहीं किया जा सकता। एनजीटी के नियमानुसार नेशनल हाईवे से 200 मीटर दायरे में ईंट भट्टा नहीं होना चाहिए। स्टेट हाईवे से ईंट भट्टे की दूरी न्यूनतम 100 मीटर होनी चाहिए। एकभ्भट्टे से दूसरे भट्टे की दूरी 800 मीटर होनी चाहिए। इससे पूर्व ईंट भट्टा संचालन के लिए एनजीटी से एनओसी लिया जाना आवश्यक है। इसके अलावा किसी भी बगीचे से ईंट भट्टे की दूरी 800 मीटर होनी चाहिए। लेकिन ईंट भट्टा संचालकों द्वारा ज्यादातर सभी नियमों की अनदेखी की जा रही है। विदित हो कि जिले भर में एक दर्जन स्टेट हाईवे पर सडक़ के दोनों ओर ईंट भट्टे संचालित किए जा रहे हैं। वहीं नेशनल हाईवे किनारे भी कई ईंट भट्टे चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ ईंट भट्टे बाग व बगीचों के पास चल रहे हैं तो कुछ आबादी के निकट संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं एक ही परिसर में दो से तीन भट्टे भी ईंट पकाने का काम कर रहे हैं। चिंतनीय विषय ये है कि प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं किया जा रहा है।

जवासा तिराहे के पास स्टेट हाईवे किनारे संचालित ईंट …..

ईंट भट्टों पर हो रही बाल मजदूरी, कई परिवार बंधुआ बनकर भी कर रहे काम

ईंट भट्टों पर ईंट थापने का काम करने वाले मजदूरों में 12 से 17 वर्ष तक आयु के लडक़े व लड़कियां तक काम करते देखे जा रहे हैं। बाल मजदूरी कराने के अपराध के अलावा ईंट भट्टों पर कई परिवार बंधुआ मजदूरी भी कर रहे हैं। नियमानुसार न तो कोई ईंट भट्टा संचालक बाल मजदूरी करा सकता है और ना ही किसी से बंधुआ मजदूरी। बेरोजगारी व तंगहाली के भंवर में पिस रहे परिवार मजबूरन ईंट भट्टा संचालकों से काम करने से पूर्व अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज ले लेते हैं। उसके बाद उनका शोषण शुरू हो जाता है। ज्यादातर परिवार लिए गए कर्ज के ब्याज में ही काम कर रहे हैं।

धुएं से बीमार हो रहे लोग

बतादें कि मेहगांव क्षेत्र के सिलौली, अटेर के मुरलीपुरा, उदोतपुरा, भिण्ड सर्किल में अकोड़ा, ऊमरी तथा नेशनल हाईवे किनारे ग्राम पुर, मेहगांव, गोहद चौराहा, भारौली रोड पर ईंट भट्टे आवासीय इलाके के निकट ही चल रहे हैं। ऐसे में उपरोक्त गांवों के लोग दमा जैसी बीमारी से ग्रसित होते जा रहे हैं। ईंट भट्टा संचालकों की दबंगई के चलते स्थानीय ग्रामीणजन शिकायत की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं।

नियम विरुद्ध संचालित ईंट भट्टों के संचालन के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जिले भर में चल रहे ईंट भट्टों का निरीक्षण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।

डॉ. सतीश कुमार एसकलेक्टर भिण्ड

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *