पेपरलेस UP विधानसभा में ‘माननीय’ कैसे करेंगे सवाल-जवाब?

विधायक कितने हैं तैयार, 13 भाषाओं वाली NeVA क्या है? पढ़िए बदलाव की पूरी कहानी…

यूपी विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 6 दिनों तक चलने वाले इस सत्र का नजारा बदला-बदला होगा। विधायकों और मंत्रियों के हाथ में अब कागज-कलम की जगह टैबलेट देखने को मिलेंगे। सरकार का दावा है कि यूपी विधानसभा अब पेपरलेस हो गई है। सदस्य अपना सारा काम-काज डिजिटली करेंगे।

दावा है कि नगालैंड के बाद यूपी विधानसभा देश में ऐसी दूसरी विधानसभा है, जहां ‘नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन’ लागू हो चुका है। अब यूपी विधानसभा के सदस्य सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करेंगे।

सरकार ने इस दावे को कैसे सच किया है?इसके लिए क्या तैयारियां हुई हैं और ये कैसे काम करेगा? NeVA नाम का एप्लिकेशन कैसे काम करता है, इसकी खासियत क्या है, आदि बातों को समझने की कोशिश करते हैं…

यूपी विधानसभा में हर विधायक की सीट के आगे कंप्यूटर स्क्रीन लगाई गई है।
यूपी विधानसभा में हर विधायक की सीट के आगे कंप्यूटर स्क्रीन लगाई गई है।

कैसे हुई पेपरलेस UP विधानसभा?
यूपी विधानसभा के अंदर सभी विधायकों की नेम प्लेट वाली सीट है। डेस्क पर टैबलेट है। इसमें लॉग-इन करने के लिए सभी सदस्यों को आई-डी और पासवर्ड दिया गया है। अपनी सीट पर बैठ कर जैसे ही विधायक लॉग-इन करेंगे या फिंगर प्रिंट लगाएंगे, उनकी अटेंडेंस लग जाएगी। टैबलेट पर विधानसभा की कार्यवाही से जुड़ी सारी जानकारी है। सदस्यों के सवाल और मंत्रियों के जवाब टैबलेट पर दिखेंगे। इसे ई-विधान कहा जा रहा है।

क्या है टैबलेट के अंदर?
दरअसल, इस टैबलेट में NeVA नाम का एक एप्लिकेशन इन्स्टॉल है। इसे ‘नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन’ कहा जाता है। इसमें विधानसभा की सारी कार्यवाही ऑनलाइन है। एप्लिकेशन में कार्यवाही, कार्यसूची, विधेयक, सदस्य, पटल पर रखे गए पत्र, वाद-विवाद, नोटिस, कैलेंडर, नोटिस, बुलेटिन, नियम, प्रशिक्षण,बजट और राज्यपाल का संबोधन दिया गया है। यानी कल तक जो कुछ कागजों में था, वह सब अब इस टैबलेट में है।

टैबलेट के बारे में जानकारी लेते विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और सीएम योगी (फाइल फोटो)।
टैबलेट के बारे में जानकारी लेते विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और सीएम योगी (फाइल फोटो)।

13 भाषाओं में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन
‘नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन’ को शॉर्ट फॉर्म में NeVA कहा जाता है। भारत सरकार ने सभी विधान मंडलों में कामकाज को पेपरलेस करने के लिए यह एप्लिकेशन तैयार किया है। इसके जरिए विधानसभा के कामकाज का ब्यौरा ऑफलाइन की बजाय ऑनलाइन रखा जाएगा। NeVA का उद्देश्य विधानसभा के सदस्यों की मदद करना है। NeVA पर अंग्रेजी और हिंदी को मिलाकर कुल 13 भाषाओं में जानकारी हासिल करने का विकल्प है।

विधायक कैसे करेंगे इस्तेमाल
हर विधायक के लिए अपना टैबलेट है। उसे साइन-इन करने के साथ ही उससे जुड़ी सारी जानकारी सामने होगी। अब विधायक को सवाल भी इस एप्लिकेशन में टाइप या पेस्ट करना होगा। उसका जवाब भी इसे ऑनलाइन इसी एप्लिकेशन पर अपलोड हो जाएगा। हालांकि सदन में उस सवाल का जवाब पढ़ा जाएगा। इतना ही नहीं, पटल पर रखे गए पत्रों और विधेयकों के अलावा कार्यवाही से जुड़ी हर जानकारी यही मौजूद होगी। स्मार्टफोन चलाने वाला हर विधायक इसका इस्तेमाल कर सकता है।

विधायकों ने कहा- टेक्नोलॉजी के साथ चलना होगा
यूपी विधानसभा के डिजिटिलाइजेशन के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती इसे इस्तेमाल करने वाले विधायकों के सामने है। इसे इस्तेमाल करने के लिए बाकायदा सदस्यों की दो दिन की ट्रेनिंग हुई है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने तकनीक की ट्रेनिंग दी है। भाजपा विधायक राजेश त्रिपाठी का कहना है कि इससे कामकाज आसान होगा। अब दुनिया डिजिटल हो रही है, तो हमें भी इसी के साथ आगे बढ़ना होगा। सदन के तमाम सदस्य इसको लेकर उत्साहित हैं।

सदन की कार्यवाही के दौरान भी मिलेगी ट्रेनिंग
सदन के कुछ सदस्य ऐसे भी हैं, जो कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन तक नहीं चलाते। उन्हें अभी दिक्कत हो रही है। कई विधायक टैबलेट चालू ही नहीं कर पा रहे हैं। लिहाजा हर ब्लॉक में एनआईसी और विधानसभा सचिवालय के कर्मचारी सहयोग के लिए मुस्तैद रखे गए हैं। सदन के दौरान भी उन्हें टेक्निकल मदद दी जाएगी।

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