Water crisis– नहर बंदी से पानी का संकट: बूंद-बूंद को तरस रहे गांव के लोग
सरदारशहर. जल संकट ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है बूंद बूंद पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है तब कहीं जाकर प्यास बुझ रही है यही हाल ग्रामीण अंचलों में हो रहा है बल्कि शहरी क्षेत्र में भी जल संकट आसानी से देखा जा सकता है। शहर के कई घरों की हालत ऐसी है कि पिछले एक महीने से नल में पानी भी नहीं टपका जिसके कारण लोगों में हाहाकार मचा हुआ है ….
चूरू. जल संकट ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है बूंद बूंद पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है तब कहीं जाकर प्यास बुझ रही है यही हाल ग्रामीण अंचलों में हो रहा है बल्कि शहरी क्षेत्र में भी जल संकट देखा जा सकता है। शहर के कई घरों की हालत ऐसी है कि पिछले एक महीने से नल में पानी भी नहीं टपका जिसके कारण लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।
दूर-दूर से पानी लाकर बुझा रहे है प्यास
मई में जल संकट का सामना शहर ही नहीं ग्राम वासियों को भी करना पड़ रहा है। गांव में छोटे से लेकर बड़े तक सुबह से लेकर शाम तक पानी की जुगाड़ में लगे रहते हैं। लोग ऊंट गाड़ी, बैलगाड़ी, ट्रेक्टर आदि साधनों से पानी दूर से पानी ला रहे है। पैसे वाले ऊंचे दामों में टेंकर से पानी मंगवा रहे है। गांवों की हालत ऐसी है कि पशुओं के लिए बनी खेळ सुखी पड़ी है। जिसके कारण बेसहारा पशु पानी के लिए तड़प रहे है।
नहर बंदी होते ही पानी का संकट गहराया
नहर बंदी होते ही ऊंचाई वाले घरों में पानी नहीं आ रहा है। लोग मोटरों का प्रयोग करने से ऊंचाई वाले घरों के नलों में बूंद भी नहीं टपक रही है। जिसके कारण शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वैसे जलदाय विभाग टेंकरों के माध्यम से पानी आपूर्ति का दावा कर रहा है। लेकिन आमजन को बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। शहर के अधिकांश वार्डो एवं गांवों के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गृहणी सुनीता शेखावत ने बताया कि वार्ड 4 में पानी का संकट गहराया हुआ है। जलदाय विभाग के सहायक अभियंता को कई बार अवगत कराया गया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बूंद बूंद पानी के लिए सब काम छोड़कर भटकना पड़ रहा है। घरों में हालत ऐसी है कि आटा गुंदने के लिए पानी नहीं है। लोगों को खारा एवं फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए है। विभाग के एईएन विकास यादव ने बताया कि 28 मई तक पानी संकट का समाधान होगा। वर्तमान में शहर में करीब 60 व ग्रामीण क्षेत्र में 28 टेंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है।
दूर-दूर से पानी लाकर बुझा रहे है प्यास
मई में जल संकट का सामना शहर ही नहीं ग्राम वासियों को भी करना पड़ रहा है। गांव में छोटे से लेकर बड़े तक सुबह से लेकर शाम तक पानी की जुगाड़ में लगे रहते हैं। लोग ऊंट गाड़ी, बैलगाड़ी, ट्रेक्टर आदि साधनों से पानी दूर से पानी ला रहे है। पैसे वाले ऊंचे दामों में टेंकर से पानी मंगवा रहे है। गांवों की हालत ऐसी है कि पशुओं के लिए बनी खेळ सुखी पड़ी है। जिसके कारण बेसहारा पशु पानी के लिए तड़प रहे है।
नहर बंदी होते ही पानी का संकट गहराया
नहर बंदी होते ही ऊंचाई वाले घरों में पानी नहीं आ रहा है। लोग मोटरों का प्रयोग करने से ऊंचाई वाले घरों के नलों में बूंद भी नहीं टपक रही है। जिसके कारण शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वैसे जलदाय विभाग टेंकरों के माध्यम से पानी आपूर्ति का दावा कर रहा है। लेकिन आमजन को बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। शहर के अधिकांश वार्डो एवं गांवों के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गृहणी सुनीता शेखावत ने बताया कि वार्ड 4 में पानी का संकट गहराया हुआ है। जलदाय विभाग के सहायक अभियंता को कई बार अवगत कराया गया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बूंद बूंद पानी के लिए सब काम छोड़कर भटकना पड़ रहा है। घरों में हालत ऐसी है कि आटा गुंदने के लिए पानी नहीं है। लोगों को खारा एवं फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए है। विभाग के एईएन विकास यादव ने बताया कि 28 मई तक पानी संकट का समाधान होगा। वर्तमान में शहर में करीब 60 व ग्रामीण क्षेत्र में 28 टेंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है।
Water crisis– नहर बंदी से पानी का संकट: बूंद-बूंद को तरस रहे गांव के लोग