ग्वालियर … आरक्षण … बड़े नेताओं की सांसें अटकीं निगाह महापौर के आरक्षण पर
महापौर का चुनाव सीधे जनता से होने के कारण जहां छोटे दावेदारों को झटका लगा है, वहीं बड़े नेताओं की सांसें अटक गई हैं। उनकी निगाह अब 30 मई को महापौर पद के लिए होने वाले आरक्षण पर है। दूसरी ओर पार्टियां भी नए चेहरे के रूप में बेदाग छवि वाले प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के मूड में हैं।
इससे इतर, विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने या हार जाने वाले दोनों पार्टियों के नेता अब महापौर चुनाव के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। दो साल पहले नगरीय निकाय चुनाव के लिए किए गए आरक्षण में ग्वालियर के महापौर की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो गई है। उसी को आधार बनाकर भाजपा और कांग्रेस में सामान्य महिला दावेदारों ने गोटियां बिठाना शुरू कर दी हैं।
भाजपा: पूर्व मंत्रियाें सहित निगम से जुड़े पुराने चेहरे हाे सकते हैं दावेदार
भाजपा में महिला सीट को लेकर प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री माया सिंह को माना जा रहा है। उनके साथ सामान्य महिला दावेदार के रूप में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुमन शर्मा, मंजू सिकरवार, पूर्व पार्षद हेमलता भदौरिया और अंजलि रायजादा के नाम सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर चर्चाओं के दौर जारी हैं।
चूंकि ओबीसी वर्ग को लेकर चर्चा जोरों पर है, ऐसे में इस वर्ग से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व पार्षद और ग्वालियर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह राजपूत, पूर्व सभापति गंगाराम बघेल और रमेश पठारिया भी दावेदार माने जा रहे हैं।
कांग्रेस: विधायक, शहर अध्यक्ष की पत्नी व दूसरे नेताओं के नाम चर्चा में
कांग्रेस में सामान्य वर्ग की महिलाओं में पार्टी अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा की पत्नी रीमा शर्मा, विधायक डाॅ. सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार, विधायक प्रवीण पाठक की पत्नी संध्या व अल्का सुनील शर्मा के नाम की चर्चा है। महिला कांग्रेस की प्रदेश पदाधिकारी रश्मि पंवार शर्मा का नाम भी प्रबल दावेदारों में है।
गुरुवार को सोशल मीडिया पर रश्मि की पोस्ट भी चर्चित रही, इसे दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछड़े वर्ग से प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में अभी गंभीरता नहीं है। महापाैर का पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हाेने पर भी दो नाम अशोक सिंह, रामसेवक बाबूजी चर्चा में हैं।