सरकारी योजनाओं में हो सकता है बदलाव:सिस्टम में कहां दिक्कत, 52 कलेक्टरों के छह ग्रुप से सरकार ने मांगी रिपोर्ट

धानसभा चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं में हो सकता है बदलाव

सरकारी योजनाओं को कैसे और बेहतर बना सकते हैं, इसके लिए सरकार ने प्रदेश 52 कलेक्टरों से उनकी राय पूछी है। इसके लिए छह ग्रुप बनाए गए हैंं, हर ग्रुप का मुखिया बड़े जिलों के कलेक्टर बनाए गए हैं। ऐसा समझा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार जनता से जुड़ी कुछ योजनाओं में कलेक्टरों के फीडबैक के आधार पर सुधार करेगी।

प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार की प्राथमिकता क्रम में सभी 6 ग्रुप को अलग-अलग जिम्मा सौंपा है। सबसे पहला बिंदु सुशासन का है। इसमें आम जनता को मिलने वाली सुविधा व उनकी परेशानी के खात्मे पर सुझाव मांगे गए हैं।

ऐसे ही दूसरे नंबर पर स्वास्थ्य-शिक्षा को रखा गया है और तीसरे नंबर पर महिला एवं बच्चों के कल्याण की योजनाओं को, चौथे नंबर पर कृषि एवं संबंधित क्षेत्र तथा पांचवे नंबर पर रोजगार और स्वरोजगार को लिया गया है। अंतिम और छंठवें बिंदु के लिए, जो टीम बनी है उसे निर्धन, कमजोर वर्ग से संबंधित योजनाओं की कमी पर काम करने को कहा गया है।

हम योजनाओं के संचालन की दिक्कतें बताएंगे

हां, मुझे निर्धन एवं कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए बने समूह का संयोजक बनाया गया है। इस समूह में आठ जिलों के कलेक्टर शामिल हैं। सभी ग्रुप अगली कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में इन योजनाओं के संचालन में आने वाली दिक्कत पर प्रजेंटेशन प्रस्तुत करेंगे। कॉन्फ्रेंस की तारीख अभी तय नहीं है।-कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, ग्वालियर

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