अवैध कॉलोनियां शहरी विकास में बाधक … भोपाल में 5 साल में 3.81 लाख रजिस्ट्री, इनमें 1.40 लाख प्रॉपर्टी री-सेल वाली और 25373 नई बिकीं; बाकी 2.16 लाख प्रॉपर्टी अवैध कॉलोनियों में

भदभदा के पास सूरज नगर के एक खेत में इस तरह प्लॉटिंग हो रही है …

इसी साल 26 अप्रैल को एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कुकुरमुत्तों की तरह पनप रहीं अवैध कॉलोनियां शहरी विकास में बाधक हैं। भोपाल भी इन्हीं काॅलोनियों का शहर बनता जा रहा है। यहां आसपास 20 किमी के दायरे में 70% खेती की जमीन पर अवैध कॉलोनियां बन गई हैं। यहां न बिजली है, न पानी, क्योंकि ये अवैध हैं और बिना सरकारी अनुमति के बनी हैं। खुद प्रशासन के एक सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि खेती की 400 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 593 अवैध कॉलोनियां बसी हैं।

इससे भी हैरानी की बात यह है कि सर्वे में अवैध कॉलोनियों की पूरी फेहरिस्त बनी, इसके बावजूद प्रशासन ने सिर्फ 100 किसानों पर कार्रवाई करके फाइल ठंडे बस्ते में रख दी। शहर में 2017 से अब तक 3 लाख 81 हजार 709 रजिस्ट्रियां हुईं, लेकिन भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में 388 प्रोजेक्ट की 25 हजार 373 यूनिट्स की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज है, जबकि रजिस्ट्रार कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक इन्हीं पांच साल में शहर में 1.40 लाख रजिस्ट्री पुरानी प्रॉपर्टी की हुईं। इसमें खेती की जमीन के अलावा वयीसत, पार्टनरशिप डीड, लोन, मॉडगेज आदि की रजिस्ट्री भी शामिल हैं। नई 25373 और 1.40 लाख पुरानी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियां जोड़ें तो 165373 होती हैं और इन्हें कुल 381709 में से घटा दें तो उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2 लाख 16 हजार 336 प्रॉपर्टी आज भी अवैध कॉलोनियों में हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) भोपाल के मुताबिक नगर निगम सीमा और उसके बाहर हर साल 30 से 40% खेती की जमीनों पर प्लाटिंग हो रही है। कम कीमत में लोग यहां पर प्लॉट खरीदते हैं। बाद में परेशान होते हैं। सरकार को इन पर अंकुश लगाना चाहिए, लेकिन इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।

किस साल कितनी रजिस्ट्री

  • 2017-50053
  • 2018-60083
  • 2019-65099
  • 2020-62801
  • 2021-67208
  • 2022-76465

इन 91 इलाकों में अवैध तरीके से बेची जा रही प्रॉपर्टी

भौंरी, बकानिया, बरखेड़ानाथू, छापरी, अरवलिया, अरहेड़ी, गोलखेड़ी, सिकंदराबाद, मुगालियाछाप, चौपड़ा, बंगरसिया, लंबाखेड़ा, परवलिया साहनी, इस्लामनगर, गोल गांव, भानपुर, ट्रांसपोर्ट नगर के पास, कृष्णा नगर, बीनापुर, अचारपुरा, पलासिया, विदिशा रोड, सूखी सेवनिया सड़क इलाके। जमुनिया, कोलुआ कलां, बैरागढ़ कलां, थुआखेड़ा, दीपड़ी, नीलबड़, रातीबड़, पिपलिया धाकड़, खजूरी सड़क, मुगालिया छाप, बीलखेड़ा, बरखेड़ा सालम, बरखेड़ा नाथू, बरखेड़ा, बड़झिरी, सूरज नगर, गोरा गांव, कलखेड़ा, फतेहपुर डोबरा, मेंडोरा, मेंडोरी, गोल, कालापानी, पिपलिया बेरखेड़ी, भैरोपुर, नरेला हनुमंत, सुरैया नगर, रतनपुर सड़क, छान, रतनपुर सड़क, पिपलिया धाकड़, रापड़िया, समर्धा गांव, पिपलिया कुंजनगढ़, बगरौदा, झागरिया, अमझरा, खजूरी कलां, आमदपुर छावनी, कोलुआ कलां, बिलखिरिया, मुगालिया कोट, रुसल्ली, घासीपुरा, ईंटखेड़ी सड़क, गोलखेड़ी, अचारपुरा, हज्जामपुरा, प्रेमपुरा, चांदपुर, कुराना, चंदूखेड़ी, मुबारकपुर, खेतलाखेड़ी, खामला खेड़ी, जाटखेड़ी, साईस्ताखेड़ी, फंदा कलां, कल्याणपुर, सिकंदराबाद, समसगढ़, मालीखेड़ी, रोलूखेड़ी, रसूलिया गोसाईं आदि।

200 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां तोड़ीं

जिला प्रशासन ने सर्वे कराकर 100 से ज्यादा कॉलोनी संचालकों पर केस किया है। 200 से ज्यादा कॉलोनियां तोड़ी हैं। इसमें से ज्यादातर के मालिक किसान हैं। उनका आरोप है कि उन्होंने जमीन बिल्डर को बेची थी। प्रशासन की कार्रवाई के एक सप्ताह बाद ही इन जमीनों पर फिर से प्लॉटिंग शुरू हो गई है।

57 हजार यूनिट्स तैयार होनी थी, हुई सिर्फ आधी

रेरा में अप्रूव्ड प्रोजेक्ट्स के तहत बिल्डर्स ने दावा किया था कि वो 57 हजार 205 यूनिट्स तैयार करेंगे, लेकिन 5 साल में 25 हजार 373 यूनिट्स की ही खरीद-फरोख्त हुई। इसमें 9 हजार 295 अपार्टमेंट, 898 कमर्शियल, 4 हजार 302 इंडिविजुअल, 10 हजार 503 प्लॉट्स, 380 अन्य प्रॉपर्टी हैं। शेष 31 हजार 827 यूनिट्स बन रही हैं।

किस एसडीएम के क्षेत्र में कितनी अवैध कॉलोनियां

तहसील क्षेत्र अवैध कॉलोनी

  • हुजूर तहसील 390
  • कोलार 65
  • टीटी नगर सर्किल 67
  • बैरागढ़ सर्किल 30
  • गोविंदपुरा 12
  • शहर सर्किल 0
  • एमपी नगर सर्किल 19
  • बैरसिया तहसील 10

अवैध कॉलोनियां रोकने के लिए कब-किसने क्या किया
– जनवरी 2020 में तत्काली कलेक्टर तरुण पिथड़े ने शहर में अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी, इसके बाद रजिस्ट्रियों की घटती संख्या को देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती ने अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्रियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए कहा था। इसके पीछे राज्य सरकार को राजस्व के नुकसान होने का हवाला दिया गया था।
– तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सितंबर-2016 में 2156 से छोटे प्लॉट्स के नामांतरण पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि इसके पीछे अवैध कॉलोनियों में होने वाली रजिस्ट्रियों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया था।
– 2018 में तत्कालीन कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े द्वारा 2156 से छोटे प्लॉट्स के नामांतरण पर लगी रोक को शासन के विधि विभाग के मार्गदर्शन के बाद रोक को हटाने का प्रस्ताव संभागायुक्त को भेजा था। इसके बाद ये रोक हटा दी गई थी।

हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं

भोपाल में अलग-अलग इलाकों में हमारी टीमों ने अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की है। शहर की ज्यादातर अवैध कॉलोनियां चिह्नित की जा चुकी हैं। अब तक 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। बीते कुछ साल में रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ी है, इनमें कई रीसेल वाली प्रॉपर्टी रहती हैं।
– अविनाश लवानिया, कलेक्टर, भोपाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *