UPSC-2021 में MP के होनहारों का परचम:

उज्जैन के ऐश्वर्य वर्मा को चौथी रैंक; जानिए भावी अफसरों की सक्सेस स्टोरी…..

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2021 का रिजल्ट सोमवार को जारी किया गया। इसमें मध्यप्रदेश के होनहारों ने भी सफलता हासिल की है। उज्जैन के रहने वाले ऐश्वर्य वर्मा ने चौथी रैंक हासिल की है। ऐश्वर्य को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बधाई दी है। वहीं, गुना के विशाल धाकड़ ने 39वीं रैंक पाई है। धार की ट्विंकल जैन को 138वीं रैंक मिली है। खास बात यह है कि ट्विंकल ने बिना कोचिंग ये सक्सेस हासिल की है। इंदौर की अनन्या अवस्थी को 135वीं रैंक मिली है। भोपाल की लिपि नगाइच ने 140वीं रैंक हासिल की। आइए जानते हैं प्रदेश के भविष्य के अफसरों की सक्सेस स्टोरी….

ऐश्वर्य बोले-पढ़ाई पर रहा फोकस

उज्जैन के महानंदा में रहने वाले ऐश्वर्य वर्मा ने UPSC में चौथी रैंक हासिल की है। ये उनका चौथा प्रयास था। ऐश्वर्य 2017 से दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी में जुटे थे। पिता विवेक वर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत हैं। ऐश्वर्य ने गोविंद वल्लभपंत विश्वविद्यालय पंथ नगर उत्तराखंड से बीटेक किया है। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण उज्जैन आकर तैयारी की। फिलहाल वे पिता के पास बरेली में हैं। पढ़ाई के लिए उन्होंने मोबाइल का भी सहारा लिया। उनका कहना है कि कई बार दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने भी गए, लेकिन फोकस पढ़ाई पर था। एग्जाम के लिए एकाग्रता के साथ दोस्तों का सपोर्ट जरूरी है।

उज्जैन के ऐश्वर्य ने चौथे प्रयास में सफलता पाई।
उज्जैन के ऐश्वर्य ने चौथे प्रयास में सफलता पाई।

गुना में विशाल डॉक्टरी का सपना छोड़कर बने अफसर

UPSC में 39वीं रैंक हासिल करने वाले गुना के विशाल धाकड़ के पिता मोटर बाइंडिंग की दुकान चलाते हैं। पिछली बार विशाल की 569वी रैंक थी। विशाल डॉक्टर बनना चाहता था, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। बाद में तय किया कि वह सरकारी नौकरी की तैयारी करेगा। दिल्ली से BA और फिर MA किया। यहीं से UPSC की तैयारी में जुट गया। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में रैंक से संतुष्ट नहीं हुए। इस बार उनका तीसरा प्रयास था।

विशाल के पिता मोटर बाइंडिंग की दुकान चलाते हैं।
विशाल के पिता मोटर बाइंडिंग की दुकान चलाते हैं।

भोपाल की 23 साल की लिपि बनेंगी IPS

शिवाजी नगर में रहने वाली लिपि नगाइच ने यूपीएससी में 140वीं रैंक हासिल की है। लिपि 23 साल की उम्र में आईपीएस अफसर बनेंगी। उनके नाना ने बचपन से उसे आईपीएस अफसर बनाने का सपना देखा था। लिपि ने भोपाल में प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और यूपीएससी की तैयारी की। दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल की। लिपि के पिता डॉ. उमाशंकर नगाइच जवाहर बाल भवन के डायरेक्टर हैं। लिपि की मां नीलिमा ने बताया कि लिपि का जन्म उसके ननिहाल नरसिंहपुर के करेली तहसील के कोसम खेड़ा गांव में हुआ था। जब उसके नाना ने पंडितजी से उसकी कुंडली बनवाई, तो उसमें गृह-नक्षत्रों के आधार पर बताया गया था कि 24 साल की उम्र तक वह उच्च पद पर पहुंचेगी।

भोपाल की लिपि नगाइच के पिता जवाहर बाल भवन के डायरेक्टर हैं।
भोपाल की लिपि नगाइच के पिता जवाहर बाल भवन के डायरेक्टर हैं।

धार की ट्विंकल ने सेल्फ स्टडी पर किया फोकस

धार की बेटी ट्विंकल जैन ने 138वीं रैंक हासिल की है। ट्विंकल ने दूसरे प्रयास में सफलता पाई है। पिता दीपक जैन की इलेक्ट्रॉनिक्स शाॅप है, जबकि मां सीमा जैन हाउस वाइफ हैं। ट्विंकल ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई धार में की। इसके बाद इंदौर के डीएवीवी से बीकॉम ऑनर्स किया। इसी दौरान CA की भी तैयारी शुरू कर दी। दाे स्टेज भी क्लियर की, लेकिन बचपन से ही सपना प्रशासनिक सेवा की ओर था। तीन साल पहले 2018 में दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी शुरू कर दी। हॉस्टल में ग्रुप स्टडी शुरू की। सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। ऑनलाइन स्टडी ने भी मदद मिली।

धार की ट्विंकल ने 138वीं रैंक हासिल की है।
धार की ट्विंकल ने 138वीं रैंक हासिल की है।

बचपन में कलेक्टर से मिलाया था हाथ

ट्विंकल ने बताया कि सुबह की शुरुआत नाश्ते के साथ नया कुछ पढ़ने की ओर होता था। इसके बाद 4 बजे तक पढ़ाई करती थी। एक घंटे के ब्रेक के बाद रिवीजन होता था। स्पोर्ट्स से माइंड काे रिलेक्स करती थी। ट्विंकल की मां सीमा बताती हैं कि जब ट्विंकल 6 साल की थी, तब वह धार के कलेक्टर से मिली थी, तब से ही उसने कलेक्टर बनने का सपना देख लिया था। बचपन में जब परिवार के लोग बच्ची से पूछते थे कि बड़े होकर क्या बनना है, तो बेटी का कहना होता था कि इंदौर कलेक्टर बनना है।

इंदौर की अनन्या ने चौथे प्रयास में पाई सफलता

UPSC सिविल सर्विसेस में इंदौर से अनन्या अवस्थी की 135वीं रैंक आई है। अनन्या ने स्कूली शिक्षा सत्य सांई विद्या विहार से पूरी की है। 2019 में अनन्या की 335वीं रैंक थी। वह रिटायर्ड आईएएस आशुतोष अवस्थी की बेटी है। अनन्या को इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज मिला था। वह लखनऊ के भारतीय रेल प्रबंध संस्थान में ट्रेनिंग ले रही हैं। अनन्या का कहना है कि मेहनत के साथ ही परिवार के सहयोग से यहां तक पहुंची हैं।

इंदौर की अनन्या अवस्थी की 2019 में 335वीं रैंक आई थी।
इंदौर की अनन्या अवस्थी की 2019 में 335वीं रैंक आई थी।

दतिया के मृदुल ने पहले प्रयास में पाई सफलता

दतिया के बुंदेला कॉलोनी के रहने वाले मृदुल शिवहरे को 247वीं रैंक मिली है। मृदुल के पिता पेशे से टीचर हैं। शुरुआती एजुकेशन दतिया में हुई। इसके बाद इंदौर के अरिहंत कॉलेज से इंजीनियरिंग की। मृदुल स्टेट लेवल पर क्रिकेट भी खेल चुका है। वह रोजाना 16 से 17 घंटे पढ़ाई करता था।

दतिया के मृदुल शिवहरे को 247वीं रैंक मिली है।
दतिया के मृदुल शिवहरे को 247वीं रैंक मिली है।

अनूपपुर की श्रेया की UPSC में 71वीं रैंक

अनूपपुर की श्रेया चौधरी ने 71वीं रैंक हासिल की है। पिता दिनेश चौधरी इंडियन बैंक में सहायक प्रबंधक हैं। श्रेया ने दूसरी बार में ये सफलता पाई है। श्रेया ने बताया कि उनकी 10वीं-12वीं की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय सिंगरौली से हुई है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से यूजी व पीजी की पढ़ाई की है। इसी दौरान सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया था। श्रेया ने बताया कि लक्ष्य दूरदर्शी रखना होगा। सोशल मीडिया से भी दूरी बनानी होगी, तब जाकर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। श्रेया कविता भी लिखती हैं।

अनूपपुर की श्रेया को कविता लिखने का भी शौक है।
अनूपपुर की श्रेया को कविता लिखने का भी शौक है।

खंडवा के कार्तिकेय जायसवाल को मिली 35वीं रैंक
कार्तिकेयन खंडवा से पहले आईएएस बने हैं। उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। बगैर कोचिंग के सफलता हासिल करने वाले कार्तिकेय ने रोजाना 15 से 18 घंटे पढ़ाई की। पिता आशीष जायसवाल बिजनेसमैन और मां मनीषा जायसवाल गृहिणी हैं। कार्तिकेयन 10वीं तक खंडवा में ही पढ़े हैं। रिजल्ट से पहले फाइनल इंटरव्यू में उनसे कई सवाल पूछे गए, जिसमें किशोर कुमार से संबंधित सवाल भी पूछा गया।

खंडवा के कार्तिक जायसवाल ने 35वीं रैंक हासिल की है।
खंडवा के कार्तिक जायसवाल ने 35वीं रैंक हासिल की है।

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