बिहार में शराबियों की ट्रैकिंग ….पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छूट तो जाएंगे, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में जिंदगीभर शराबी रहेंगे

यारा ओ यारा…दारू ने मारा….हो गया मैं तो अब बदनाम…! जी हां, बिहार में शराब पीने वालों का अब यही हश्र होगा। भले भूल-चूक और मौज लेने के चक्कर में पहली बार ही क्यों न पीजिए, बदनाम तो ताउम्र रहेंगे। दरअसल बिहार में शराब पीते पहली बार पकड़े जाने वाले लोगों का डेटा अब CCTNS यानी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम में एंटर करने का निर्देश दिया गया है।

इसके मायने यह हैं कि बिहार के किसी थाना क्षेत्र में अगर आप शराब पीते पकड़े गए, तो आपका पूरा ब्यौरा CCTNS में दर्ज होगा। दरअसल राज्य सरकार ने हाल ही में शराबबंदी कानून में संशोधन किया है। इसे बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2022 का नाम दिया गया है। यह 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी हो गया है। इसकी धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा।

शराबबंदी के बाद बिहार के सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे धारा 37 का उल्लंघन करने वालों का ब्योरा रिकॉर्ड में डालें।
शराबबंदी के बाद बिहार के सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे धारा 37 का उल्लंघन करने वालों का ब्योरा रिकॉर्ड में डालें।

दूसरी बार कानून तोड़ा तो तुरंत पता लगा लेगी पुलिस
शराब पीते पकड़े जाने पर पुलिस संबंधित व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी और फिर जुर्माने की राशि लेकर उसे छोड़ दिया जाएगा। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल हो सकती है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद सबसे बड़ी समस्या यह पता लगाने की थी कि किस व्यक्ति ने पहली बार शराबंबदी कानून का उल्लंघन किया है और वह जुर्माना देकर छूटा है। पुलिस के लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती थी।

शराबबंदी लागू करने वाले राज्यों में पुलिस के सामने शराब पीने वालों की पहचान की ही सबसे बड़ी समस्या होती है। इसी को देखते हुए अब ऐसे लोगों का ब्यौरा CCTNS में फीड करने का निर्णय लिया गया है। इससे पता चल जाएगा कि पहली बार शराब पीते पकड़े गए लोग दूसरी बार कानून तोड़ रहे हैं या नहीं।

शराब पीने वालें के नाम असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में होंगे
बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी SSP, SP और रेल SP को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे सभी व्यक्ति का ब्यौरा CCTNS में डाले जिन्होंने धारा-37 का पहली बार उल्लंघन किया है। हालांकि CCTNS ​​​​​में इसकी एंट्री असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में की जाएगी, यानी इन्हें अपराधियों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। CCTNS में ऐसे व्यक्तियों को नॉन कॉग्निजेबल एंट्री के सेक्शन में रखा जाएगा। इनकी एंट्री ऑनलाइन होगी।

दोबारा गलती की तो देशभर में जानकारी मिल जाएगी
CCTNS एक ऐसा सिस्टम है जो पूरी तरह ऑनलाइन है और बिहार ही नहीं देशभर के लगभग सभी राज्य इस सिस्टम से जुड़े हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति पटना में पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है और जुर्माना देकर छूटता है तो उसकी एंट्री संबंधित थाने की पुलिस CCTNS में करेगी।

बाद में अगर वह व्यक्ति बिहार के किसी दूसरे जिले में शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो वहां की पुलिस CCTNS नेटवर्क के जरिए यह पता लगा सकेगी कि संबंधित व्यक्ति ने पहली बार कानून का उल्लंघन किया है या इसके पहले भी कर चुका है। अगर उसका ब्यौरा CCTNS में उपलब्ध होगा तो उसे सेकेंड ऑफेंडर माना जाएगा और पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है।

शराब पीते पकड़े गए लोगों को क्या होगा नुकसान
पुलिस के पास ऐसे लोगों का ब्यौरा हमेशा उपलब्ध रहेगा कि संबंधित व्यक्ति एक बार शराब पीते हुए पकड़ा गया है। यानी पुलिस की रिकार्ड में उसका नाम हमेशा दर्ज रहेगा। यह अलग बात है कि उसे अपराधियों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। अगर वह व्यक्ति किसी दूसरे राज्य में किसी मामले में पकड़ा जाता है तो वहां की पुलिस भी उसकी पहचान कर सकती है।

शराब पीने के लिए न्यूनतम आयुसीमा भी है
देश के सभी राज्यों में शराब पीने के लिए न्यूनतम उम्र तय की गई है। राजस्थान, हिमाचल, आंध्र प्रदेश, गोवा, सिक्किम और पुडुचेरी में यह 18 साल है। महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में यह उम्र 25 साल है। केरल में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 23 साल है, जबकि देश के बाकी राज्यों में यह 21 साल है।

शराब खपत के मामले में दुनिया में सातवें नंबर पर भारत
भारत शराब की खपत के मामले में दुनिया में सातवें नंबर पर है। नीचे दिए ग्राफिक से आप समझ सकते हैं कि देश में शराब की खपत का ट्रेंड क्या है और देश का कौन सा हिस्सा शराब की सबसे ज्यादा खपत करता है।

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