पंचायत चुनाव 2022- MP का ये अंचल संवेदनशील, हर गांव में पुलिस रखेगी 4-4 मुखबिर

चुनाव की चिंता… शांतिपूर्ण मतदान के लिए कवायद

ग्वालियर ….चायत चुनाव सबसे ज्यादा संवेदनशील रहते हैं। इन चुनावों में झगड़े, विवादों की घटनाएं ज्यादा होती हैं। पंचायत चुनाव में दावेदारी करने वाले अभी पूरी तरह सामने नहीं आए हैं, लेकिन पुलिस ने चुनाव को लेकर रणनीति बना ली है। किस गांव में अंदर क्या चल रहा है, पता लगाने के लिए पुलिस गांव, गांव का फेरा लगाएगी। वहां चौपाल पर बैठकर भांपेगी कौन किसका दोस्त और दुश्मन है।

इसके लिए हर गांव से पुलिस को 4 राजदार बनाने का टास्क दिया गया है। जो गांव के अंदर बैठकर वहां पनप रही हर प्लानिंग को पुलिस तक पहुंचाएंगे। दरअसल पुलिस अधिकारी मान रहे हैं पंचायत चुनाव में आपसी टकराव की आशंका ज्यादा रहती है। गांव में पुलिस को नेटवर्क मजबूत होगा तब ही माहौल बिगाड़ने वालों पर काबू होगा।

पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस ने 5 बिंदुओं की प्लानिंग की है। उसका पहला फोकस गांव में लोगों से तालमेल बढ़ाने का है, इसलिए देहात में पुलिस अधिकारियों को टास्क दिया गया है वह गांव, गांव घूमें। चौपाल पर बैठे लोगों से मेलजोल बढ़ाएं। इससे पब्लिक और पुलिस में नजदीकि बढ़ेगी तो जाहिर है खुराफात करने वालों की हरकत पल भर में पुलिस के पास होगी।

चुनाव के दौरान माहौल काबू रखने के लिए पिछले 10 साल में हुए लोकसभा, विधानसभा के अलावा पंचायत और कमेटी स्तर के चुनाव तक का होमवर्क किया है। उनमें किस बात से कब और कहां विवाद पनपना था उसे भी समझा गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुराने रिकॉर्ड से विवाद की वजह के साथ उन लोगों की भी पहचान आसान हुई है जो माहौल बिगाड़ने में शामिल रहे हैं। ऐसे लोगों को मतदान से पहले ही चिह्नित किया जाएगा।

घुसपैठ के रास्ते, कैसे होगा काबू
पंचायत चुनाव के दौरान बाहरी लोगों की आवाजाही रोकना बढ़ा टास्क है। मेन रास्तों के अलावा गांव के किन अंदरूनी रास्तों से बाहरी लोगों की आवाजाही होती है, इसका भी ब्यौरा लिया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर पड़ोसी जिलों से बॉर्डर मीटिंग होगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक घाटीगांव से मोहना तक का इलाके में बाहरी लोगों की आवाजाही रोकना कठिन रहा है, क्योंकि इलाका जंगली है।

एक तरफ मुरेना और दूसरी शिवपुरी और श्योपुर जिले के रास्ते खुले हैं। इनकी निगरानी के लिए मुरेना, शिवपुरी, श्योपुर जिले के पुलिस अफसरों के साथ बॉर्डर मीटिंग की जाएगी। इसी तरह दतिया और भिंड जिला पुलिस के साथ भी बैठक होगी।

7 दिन मेें जमा करो हथियार
एएसपी देहात जयराज कुबेर ने बताया देहात में लाइसेंसी हथियार थाने में जमा कराए जा रहे हैं। शस्त्र धारकों से कहा 7 दिन के अंदर लाइसेंसी हथियार पुलिस को थमा दें।

पुलिस अधिकारियों को गांव-गांव जाकर संपर्क करने का टास्क दिया है। पुराने चुनाव में गांव में क्या स्थिति रही है। कब और किस बात पर विवाद या माहौल बिगड़ा है। उन कारणों का पता लगाकर इन खामियों को पूरा किया जा रहा है।
– अमित सांघी, एसएसपी ग्वालियर

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