जम्मू-कश्मीर में बड़ा फैसला … कश्मीरी पंडितों ने दिया था कल से पलायन का अल्टीमेटम, कुछ ही घंटे में सभी हिंदू कर्मचारियों का जिला मुख्यालयों में तबादले का आदेश
जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का फैसला किया है। हिंदू कर्मचारी मांग कर रहे थे कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए, लेकिन अभी के लिए प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय लाने की तैयारी की है। उधर, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक हिंदू शिक्षक रजनी बाला की हत्या पर आज भी विरोध प्रदर्शन जारी है। रजनी की अंतिम यात्रा के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारी बुधवार को सड़कों पर उतर आए और ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। इस बीच कश्मीरी पंडितों ने धमकी दी कि अगर प्रशासन ने उन्हें 24 घंटे के भीतर सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया तो वे घाटी छोड़ देंगे।
जानकारी के मुताबिक कश्मीरी पंडित समुदाय पलायन की तैयारी कर रहा है। कश्मीरी पंडितों की चेतावनी के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें उनके ट्रांजिट कैंपों तक सीमित कर दिया है।
मंगलवार सुबह कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में हाई स्कूल टीचर रजनी बाला की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। 36 साल की रजनी को सिर में गोलियां लगी थीं। कुलगाम की रहने वाली टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 20 दिन में दूसरी हत्या को लेकर कश्मीरी पंडित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
BJP नेता ने प्रदर्शनकारियों से बात की
जम्मू-कश्मीर में भाजपा नेता रविंदर रैना रजनी बाला के आवास पर पहुंचे। वहां हो रही नारेबाजी के बीच उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की। भाजपा नेता ने आश्वासन दिया कि रजनी की हत्या का बदला जरूर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उन सारे आतंकियों को पकड़ लेंगे, जो इस हत्या में शामिल थे। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
केजरीवाल बोले- कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हो रहीं, लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा
दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ अब वही हो रहा है, जो 1990 के दशक में उनके साथ हुआ था। उन्हें उनके घरों, दफ्तरों और सड़कों पर निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें मारा जा रहा है, उनकी हत्याएं की जा रही हैं। यह मानवता और देश के खिलाफ है और इसे रोकने के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है।
घाटी में 18 दिनों से चल रहा कश्मीरी पंडितों का आंदोलन
घाटी में 18 दिनों से कश्मीरी पंडितों का आंदोलन चल रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले पंडित काम का बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये घाटी में सबसे लंबे समय तक चलने वाला प्रदर्शन बन चुका है। रेवेन्यू विभाग के कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुआ था। काम करने वाले कश्मीरी पंडितों की मांग है कि हमें कश्मीर के बाहर पोस्टिंग दी जाए।
आर्टिकल 370 हटने के बाद 4 कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदुओं की हत्या
कश्मीर में टारगेट किलिंग अक्टूबर में शुरू हुई। यहां पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए। इनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और प्रवासी हिंदू शामिल है, जो नौकरी की तलाश में आए थे। 14 अप्रैल को आतंकियों ने सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अब राहुल की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़ा हो गया है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद 4 कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदू आतंकी हमलों में मारे गए। गृह मंत्रालय ने संसद में इसकी जानकारी दी थी।