सुमन होंगी महापौर प्रत्याशी…:सिंधिया पर भारी पड़े तोमर …?

10 दिन में 12 बैठक, ग्वालियर से दिल्ली तक दौड़ तब घोषित हुआ नाम, सिंधिया पर भारी पड़े तोमर….

ग्वालियर में भाजपा की ओर से महापौर प्रत्याशी कौन होगा यह साफ हो गया है। करीब 10 दिन में ग्वालियर से लेकर दिल्ली तक संगठन की एक दर्जन बैठकें और माथापच्ची के बाद यह नाम सामने आया है। ग्वालियर से सुमन शर्मा को महापौर के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। इस नाम के साथ ही सिंधिया पर भाजपा के दिग्गज नरेन्द्र सिंह तोमर भारी पड़े हैं। ब्राहम्ण प्रत्याशी होने की चाल भी नरेन्द्र सिंह तोमर ने ही चली थी। जिसके बाद यह नाम यह हुआ हैं।अंचल में टाइगर पर बॉस भारी पड़े हं।

वरिष्ठ नेताओं ने ग्वालियर में इस नाम को सामने लाकर गुटबाजी को कम करने का प्रयास किया गया है। यह नाम संगठन की ओर से रखा गया था, लेकिन इस पर केन्द्रीय नरेन्द्र सिंह तोमर की सहमति के बाद बल मिला और माया सिंह की उम्र उनके आड़े हाथ आ गई। बाद में सिंधिया ने भी सुमन शर्मा के नाम पर सहमति जताई है जिसके बाद ही इसे फाइनल किया गया है। अब देखना होगा कि भाजपा की महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा कांग्रेस की शोभा सतीश सिकरवार की कितनी कड़ी टक्कर होती है। माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों को बाहर से ज्यादा भीतरघात की चिंता सताए जा रही है। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर महापौर प्रत्याशी का नाम घोषित करने में भाजपा को 10 दिन से ज्यादा समय लग गया है। एक सप्ताह पहले कांग्रेस ग्वालियर-पूर्व से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को हराकर विधायक बनने वाले सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का नाम महापौर के लिए घोषित कर चुकी है, लेकिन भाजपा में यह नाम तय करने में 10 दिन से ज्यादा समय लग गया है। इसकी वजह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर में वर्चस्व की लड़ाई थी। दोनों के बीच शीत युद्ध चल रहा है। दोनों अपने-अपने दावेदारों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे। यही कारण है कि दो दिन पहले तीन फाइनल नामों की लिस्ट लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे थे और यहां केन्द्रीय नेतृत्व के सामने पूरे मामले को रखा है। जिसके बाद वहां से लौटकर महापौर प्रत्याशी की घोषणा हुई है।

कौन है सुमन शर्मा
59 वर्षीय सुमन यशवीर शर्मा, BA ओनर ऑफ फिलॉसफी में टॉपर रही हैं और MA हिस्ट्री से किया है। बीजेपी में मंत्री रही हैं, केआरजी कॉलेज में जनभागीदारी अध्यक्ष रहते हुए 6 साल तक काफी सराहनीय कार्य किए हैं। महिला कार्यसमिति में रही हैं, प्रदेश महिला मोर्चे में प्रदेश महामंत्री रही हैं, फिल्म सेंसर बोर्ड की कार्य सदस्य हैं। अभी वर्तमान में कार्यसमिति सदस्य है। वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं। संगठन की ओर से उनका नाम चला है और काफी दमदार नेता हैं।

राजनीतिक घराने से संबंध

सुमन शर्मा के ससुर डॉ. धर्मवीर पहले महापौर रह चुके हैं। वह ग्वालियर से विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। उनके परिवार से सुमन शर्मा ताल्लुक रखती हैँ। संगठन की नेता हैं और संघ की भी खास मानी जाती रही हैं।अभी संगठन से नाम आने के बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह ने उनका नाम आगे बढ़ाया और सहमति दी।

2018 से नाराज ब्राहम्ण वोटर को मनाने की कोशिश

2 अप्रैल 2018 में जातिगत हिंसा के बाद सीएम के माई का लाल वाले बयान पर ब्राहम्ण वोटर नाराज हो गए थे। उसकी कीमत भी चुनाव हारकर चुकानी पड़ी थी। सुमन शर्मा के कार्ड से ब्राहम्ण वोटर्स को भी मनाया गया है।

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