भोपाल । वर्षा में स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती है। इस समय साफ-सफाई कठिन होती है। ऐसे में भोपाल को स्वच्छता में नंवर वन बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं, प्रतिदिन सुबह साफ-सफाई को लेकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर कमजोरियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। इधर नगरीय निकायों को चलाने के लिए बड़ी समस्या फंड जुटाना होता है। इसके लिए नगर निगम को कर वसूली बढ़ाने की आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि राजस्व वसूली को बेहतर कर निगम की आर्थिक स्थिति को मतबूत करें। यह बात नगर निगम के नवनियुक्त आयुक्त फ्रेंक नोबल ए. ने नवदुनिया प्रतिनिधि से साक्षात्कार के दौरान बताई।
बता दें कि फ्रेंक नोबल 2013 बैच के आयएएस अधिकारी हैं। यहां आने से पहले गुना कलेक्टर और बालाघाट में अपर कलेक्टर के साथ अन्य पदों पर रहे चुके हैं। उन्‍होंने भोपाल नगर निगम में पदभार ग्रहण करते ही जनता की समस्याओं और नगर निगम की शाखा को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है।
प्रश्न – शहर में चारों तरफ गंदगी है। ऐसे में भोपाल को स्वच्छता में नंबर वन कैसे बनाएंगे।
उत्तर – इसके लिए प्रतिदिन सुबह उठकर शहर में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों और नाला-नाली की सफाई पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों के साथ बैठक की गई है। जोन स्तर पर सफाई की मानीटरिंग की जाएगी, जिससे जो भी कमियां हों। स्थानीय स्तर पर ही उनका समाधान किया जा सके।
प्रश्न – नगर निगम के पीएम आवास व हाउसिंग फार आल के तहत मकानों के निर्माण में देरी हो रही है। सड़क और नालियों के लिए भी लोग परेशान हो रहे हैं।
उत्तर – बुधवार को हमने अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्हें वर्तमान में चल रहे निर्माण परियोजनाओं की गति बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है। यदि ठेकेदार लापरवाही करता है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
प्रश्न – नगर निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं होते। बिजली बिल समेत अन्य देनदारियां बढ़ रही है। इसे कैसे रोकेंगे।
उत्तर – आर्थिक साख सुधारने के लिए फिजूलखर्ची में लगाम लगाने के साथ राजस्व वसूली बढ़ानी पड़ेगी। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। क्योंकि राजस्व करों से ही नगरीय निकायों का खर्च चलता है। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि समय पर कर्मचरियों को वेतन मिले और निगम की देनदारियों का भुगतान हो।
प्रश्न – राजधानी होने की वजह से अधिकारियों का तर्क होता है कि यहां राजनीतिक दबाव अधिक है। इससे कैसे निपटेंगे।
उत्तर – यदि जनता की कोई समस्या होती है, तभी जनप्रतिनिधि अधिकारियों से सिफारिश करते हैं। ये कोई गलत नहीं है।
प्रश्न – नगर निगम भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है। ऐसे में छवि कैसे सुधारेंगे।
उत्तर – अपर आयुक्त, उपायुक्त व सहायुक्त को निरंतर मानीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
प्रश्न – नगर निगम के जनप्रतिनिधिओं और अधिकारियों पर आरोप लगते रहते हैं, कि कुछ विशेष क्षेत्रों में विकास कार्य हो रहे हैं। जबकि अन्य हिस्सा इससे अछूता है।
उत्तर – शहर में जनता से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है। हमारे लिए शहर का हर एक कोना विशेष है। जहां आवश्यकता होगी, सभी जगह बराबर विकास होगा।