ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट हास्टल में छात्रों के साथ किस प्रकार से जानवरों जैसा सलूक किया जा रहा है, इसका भंडाफोड़ हो चुका है। लेकिन बावजूद इसके जेयू के किसी भी अधिकारी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। ना तो कोई अधिकारी हास्टल पहुंचकर छात्रों की सुध ले रहा है ना ही उनकी समस्या का समाधान करवाने में आगे आ रहा है। लिहाजा छात्र लगातार समस्याओं से घिरे होने के कारण परेशान ही हो रहे हैं। वहीं जब जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन से इस बारे में सवाल जवाब किए गए तो किसी के पास कोई संतुष्टि जनक जवाब नहीं था।

खाने में निकल रहे कीड़े

जीवाजी विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट हास्टल में छात्रों को जो खाना परोसा जाता है उसमें कीड़े निकलना आम बात हो गई है | छात्रों के भोजन के लिए जो मेन्यू निर्धारित किया गया है, उसका भी पालन नहीं हो रहा है। जब छात्रों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यहां हफ्ते में कभी एक आधा दिन अच्छा खाना बने तो बन जाए नहीं तो जानवरों जैसा खाना दिया जाता है।

तुके बयान

जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारी भी इस बारे में बेतुके बयान ही दे रहे हैं। उनका कहना है कि छात्रों को हमने मजबूर नहीं किया है। अगर उनकी इच्छा नहीं है तो उन्हें हास्टल में रहने की जरूरत नहीं है।