कुंडेश्वर महादेव  का जलाभिषेक, राजा स्वरूप में हआ दिव्य शृंगार

शहर के कुंडेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने शनिवार को भगवान भोलेनाथ का दिव्य शृंगार किया। इस दौरान शिवभक्तों ने महादेव के जयकारे लगाए। भगवान के शृंगार से पहले कुंडेश्वर महादेव का जल से अभिषेक किया गया।

मंत्रोच्चार के साथ दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद रजत के आभूषणों और भांग, चंदन, सूखे मेवे से राजा स्वरूप में दिव्य शृंगार किया गया।

300 वर्ष पुराना है कुंडेश्वर मंदिर
मंदिर के पुजारी पंडित विजय महाराज ने बताया कि यह मंदिर 300 वर्ष पुराना है। मुगल शासन काल के दौरान औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ दिया था। उस समय पुजारियों ने मंदिर के शिवलिंग को खंडित होने से बचाने के लिए जमीन के अंदर एक कुंड में दबा दिया था। जब कई वर्षों बाद इस शिवलिंग को कुंड से बाहर निकाला गया तभी से श्रद्धालु इस शिवलिंग को कुंडेश्वर महादेव के नाम से पुकारते आ रहे हैं।

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