बिहार में हिंसक हुआ ‘अग्निपथ’ आंदोलन … ?

छपरा-कैमूर में आग का गोला बनी 4 ट्रेनें….

अग्निपथ योजना के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन बढ़तार जा रहा है। बिहार के कई शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन के साथ-साथ हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, छपरा जंक्शन के पास एक पैसेंजर ट्रेन समेत 3 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है।

नई दिल्ली ….सेना में भर्ती के लिए लाई गई केंद्र सरकार की अग्‍न‍िपथ योजना के विरोध में बिहार में प्रदर्शन अब उग्र हो गया है। जानकारी के मुताबिक 4 ट्रेनों को निशाना बनाया गया है। इस दौरान कई ट्रेनों पर पथराव भी किया गया है। छपरा जंक्शन पर करीब 12 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। छपरा में ही 3 ट्रेनों को फूंक दिया गया, तो वहीं कैमूर में भी पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी गई है। गनीमत यह रही कि जब ट्रेन में आग लगायी गयी तो उसमें कोई भी यात्री मौजूद नहीं था। अग्निपथ योजना के विरोध ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया है।

आरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने प्लेटफॉर्म पर तोड़फोड़ की। यहां स्टेशन की दुकानों से सामान भी लूट लिए गए। ट्रेनों को फूंका जा रहा है, ट्रैक को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं कई जगहों पर आगजनी करके ट्रेन मार्ग-सड़क मार्ग को रोक दिया गया। वहीं ट्रेनों में आग लगने की सुचना मिलते ही प्रशासन ने आग को बुझाया और अभ्यर्थियों को रेल ट्रैक से हटाने की कोशिश की। प्रदर्शन के कारण रेल यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।

आरा में पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं नावादा में बीजेपी ऑफिस में ही आग लगा दी गई। खबर है कि जहानाबाद, बक्सर और नवादा में ट्रेन रोकी गई। छपरा और मुंगेर में सड़क पर आगजनी के बाद जमकर प्रदर्शन हो रहा है। बिहार में इस योजना के विरोध में कुल 15 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। योजना के विरोध में युवाओं ने बुधवार को भी मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, आरा, बक्सर और बेगूसराय में प्रदर्शन किया था।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार अपना फैसला वापस ले। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्‍न‍िवीरों के लिए अग्‍न‍िपथ योजना की 14 जून को घोषणा की गई थी। सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है। जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी।

चार साल पूरे होने पर उनमें से 25 फीसदी को पूर्णकालिक सैन्य सेवा में ले लिया जाएगा ,जबकि बाकी 75 फीसदी सेवामुक्त मान लिए जाएंगे। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। सरकार की इस योजना से नाराज छात्रों का कहाना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी। उनका कहना है की चार साल पूरा होने के बाद हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है।

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि 4 साल की नौकरी के बाद हम कहां जाएंगे? 4 साल की सर्विस के बाद हम बेघर हो जाएंगे। वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है, हमारा 4 साल में क्या होगा? हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है, 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे। ये कहा का न्याय है?

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