आजमगढ़-रामपुर उपचुनाव में क्या होगा, आंकड़ों से जानिए भाजपा, सपा और बसपा में कौन ज्यादा मजबूत?

देश की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर 23 जून को उपचुनाव होने हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट की हो रही है। ये दोनों सीटें 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खाते में गईं थीं।
आजमगढ़ से सपा मुखिया अखिलेश यादव तो रामपुर से आजम खां सांसद चुने गए थे। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद दोनों ने अपनी लोकसभा सीटें छोड़ दी थीं।

अब एक तरफ सपा के सामने दोनों सीटों को फिर से जीतने की चुनौती है तो दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा इन सीटों पर जीत दर्ज करने की पूरी कोशिश कर रही है।  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आजमगढ़ से अपना प्रत्याशी उतारा है, हालांकि रामपुर उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।

अब देखना दिलचस्प है कि इस उपचुनाव में कौन जीत हासिल करता है? क्या सपा अपनी सीटों को बरकरार रखने में कामयाब होगी या भाजपा पड़ेगी भारी? दोनों लोकसभा क्षेत्रों के आंकड़े क्या कहते हैं? आइए जानते हैं…

आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव
पहले चुनाव और सीटों के बारे में जान लीजिए
23 जून को देश की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। जिन तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर, जबकि पंजाब की संगरूर सीट है। आजमगढ़ सीट से 2019 में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने चुनाव जीता था। रामपुर से सपा के दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खां विजेता हुए थे। इसी तरह पंजाब की संगरूर सीट से आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान सिंह सांसद चुने गए थे। मान सिंह अब पंजाब के मुख्यमंत्री हैं, वहीं अखिलेश यादव और आजम खां ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इसके चलते तीनों सीटें खाली हुईं।

जिन सात विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें त्रिपुरा की अगरतला, टाउन बोरडोवाली, सुरमा और जुबराजनगर सीट शामिल है। इसके अलावा दिल्ली की राजेंद्र नगर, झारखंड की मंदारी और आंध्र प्रदेश की आत्मकुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होने हैं। इसके लिए 30 मई को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था और सात जून तक नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।

उपचुनाव के लिए प्रत्याशी
आजमगढ़ और रामपुर से कौन-कौन लड़ रहा चुनाव? 
पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली उम्मीदवार हैं।

रामपुर से भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। लोधी कभी आजम खां के करीबी थे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, सपा ने आजम के ही करीबी आसिम रजा का मैदान में उतारा है। बसपा ने रामपुर उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। वहीं, कांग्रेस ने आजमगढ़ और रामपुर दोनों जगहों से ही अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। ऐसे में रामपुर सीट के लिए सीधी टक्कर भाजपा और सपा के बीच है।

आजमगढ़ उपचुनाव
आजमगढ़ सीट पर किसकी दावेदारी कितनी मजबूत? 
ये जानने के लिए पहले हम हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डाल लेते हैं। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर सपा उम्मीदवारों को जीत मिली थी।

पांचों विधानसभा सीटों पर सपा को करीब चार लाख 36 हजार वोट मिले थे। वहीं, भाजपा उम्मीदवारों को करीब तीन लाख 30 हजार वोट मिले थे। यानी, सपा को भाजपा के मुकाबले एक लाख से भी ज्यादा वोट मिले। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले सपा और भाजपा दोनों के वोटों में कमी आई है। सपा के वोट करीब दो लाख वोट कम मिले वहीं, भाजपा को 2019 के मुकाबले करीब  30 हजार वोट का नुकसान होगा।

अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो इस सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को ढाई लाख से अधिक वोट से हराया था। अखिलेश को छह लाख 21 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं, निहरुआ तीन लाख 61 हजार से ज्यादा वोट पाने में सफल रहे थे।

लोकसभा उपचुनाव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *