Delhi Crime … राजधानी में हर दिन 27 झपटमारी और नौ लूट, आधे मामलों में ही पकड़े जाते हैं बदमाश

पुलिस झपटमारी के महज 54 फीसदी मामलों को ही सुलझा पाई है। बाकी मामलों में बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। वहीं लूट के आंकड़ों को देखें तो हर दिन सात लोग लूटपाट का शिकार हो रहे हैं

सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा कि देश की राजधानी में हर दिन 27 लोग झपटमारी का शिकार हो रहे हैं। सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों का दावा करने वाली दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे ही रोजाना बदमाश वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

कमाल की बात तो यह है कि पुलिस झपटमारी के महज 54 फीसदी मामलों को ही सुलझा पाई है। बाकी मामलों में बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। वहीं लूट के आंकड़ों को देखें तो हर दिन सात लोग लूटपाट का शिकार हो रहे हैं। अलबत्ता लूटपाट की वारदातों को सुलझाने में पुलिस का ग्राफ थोड़ा ऊंचा है। लगभग 92 फीसदी लूट की वारदातों को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि कोविड के बाद झपटमारी का ग्राफ अचानक बढ़ा है। वर्ष 2019 में एक साल में झपटमारी के महज 6,266 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं वर्ष 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 9,383 तक पहुंच गया।

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो एक जनवरी 2022 से 31 मई 2022 के बीच झपटमारी की 4,074 वारदातें हुई। इसका हर दिन के हिसाब से औसत निकालते हैं तो रोजाना करीब 26.98 वारदात हुईं। पिछले साल हर दिन का यह आंकड़ा 25.70 फीसदी था। जहां तक झपटमारी के केस को सुलझाने की बात है तो इस साल पुलिस महज 54.71 फीसदी मामलों को ही सुलझा पाई है। वहीं पिछले साल वारदातों को सुलझाने का आंकड़ा 54.77 फीसदी रहा था।

दिन हो या रात, बदमाश अपना शिकार ढूंढकर लोगों को निशाना बना ही लेते हैं। दूसरी ओर लूटपाट की इसी समय अवधि में 1,058 वारदात हुईं। यानी हर दिन लूट की सात वारदातें। पिछले साल के आंकड़े पर गौर करें तो वर्ष 2021 में पूरे साल में लूटपाट की 2,333 वारदात हुई थीं। इस आंकड़े के अनुसार हर दिन 6.39 वारदात हुईं।

वारदात को सुलझाने का आंकड़ा 92.71 फीसदी रहा। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि झपटमारी को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली के हर जिले में एंटी स्नैचिंग सेल का गठन किया हुआ है। इसके अलावा साइबर पुलिस थाना भी झपटमारों को ढूंढने अपना योगदान देती है।

लूटपाट और झपटमारी के हॉट स्पाट
द्वारका, पश्चिम विहार, यमुना विहार, आनंद विहार, विवेक विहार, शाहदरा, प्रीत विहार, मंडावली, आईपी एक्सटेंशन, करोल बाग, मयूर विहार, कृष्णा नगर, गीता कालोनी, सीमापुरी, तिमारपुर समेत दूसरे इलाके।
चार सालों के आंकड़े…
 वारदात      2022——–2021———2020——–2019
 लूटपाट——1058——–2333———1963——–1956
 झपटमार—–4074——–9383———7965——–6266
(नोट: वर्ष 2022 के सभी आंकड़े एक जनवरी से लेकर 31 मई के बीच के हैं)

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