MP के इस गांव में बकरी चराने वाली दलित महिला को निर्विरोध चुना गया सरपंच

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज जनपद में नवनिर्मित ग्राम पंचायत ससली में महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश की गई है. यहां बकरी चराने वाली एक दलित महिला सुलोचना बाई को निर्विरोध सरपंच चुना गया है….

भोपाल:  पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर धन बल के साथ ही बाहुबल का प्रयोग इन दिनों आम बात बन गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज जनपद में पंचायत की नवनिर्मित ग्राम पंचायत ससली में  महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश की गई है. यहां बकरी चराने वाली एक गरीब दलित महिला सुलोचना बाई को निर्विरोध  ग्राम पंचायत का सरपंच चुना गया है. इस ग्राम पंचायत में कुल 10 वार्ड हैं. यहां की सभी 10 वार्ड की महिला पंचों को भी निर्विरोध चुना गया है. इस चुनाव के बाद से ग्राम पंचायत ससली महिला सशक्तिकरण के साथ समरस पंचायत होने की वजह से पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

धुआं मुक्त घोषित हो चुका है गांव 
आपको बता दें कि ग्राम ससली सीहोर जिले का ऐसा पहला गांव है, जो धुआं मुक्त घोषित हो चुका है. गांव के धुआं मुक्त घोषित होने पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष पुरस्कार दिया था. ग्रामीणों के प्रयास की वजह से ही आज गांव को समरस पंचायत व महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है.

गरीबों के लिए काम करने का दिलाया भरोसा
वहीं, मीडिया से बात करते हुए निर्विरोध निर्वाचित महिला सरपंच सुलोचना देवी ने बताया कि वह मजदूरी करती हैं. तीन घरों की बकरी चराती हैं  और आगे भी परिवार का पालन पोषण के लिए बकरियां चराती रहेंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरपंच के पद पर रहकर गरीब मजदूरों के लिए भी काम करती रहूंगी. उन्हें आवास शौचालय और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ दिलाती रहूंगी.

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