महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट ….? गुवाहाटी में दिक्कत आई तो इंफाल जाने की तैयारी ….
सब सही रहा तो हिमंता बिस्वा सरमा होंगे किंगमेकर….
अचानक से असम की राजधानी गुवाहाटी सुर्खियों में आ गई। महाराष्ट्र सरकार की सियासत में आए तूफान का केंद्र गुवाहाटी बन गया। मंगलवार को शिवसेना के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के साथ सूरत से यहां पहुंचे हैं। सारे विधायक होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे हैं। होटल के बाहर और अंदर असम पुलिस का पहरा है। CRPF के जवान भी होटल के बाहर मौजूद हैं। मीडिया को भी एक इंच यहां से वहां नहीं होने दिया जा रहा। हर आने-जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। होटल के अंदर से सिर्फ पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां ही निकल सकती है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर राज्यपाल से जुड़ेंगे विधायक
होटल के अंदर एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ मीटिंग ले रहे हैं। शाम होने तक मीटिंग के नतीजों का सभी को इंतजार है। शिंदे का दावा है कि उनके पास अभी 40 विधायक हैं और शाम तक 50 विधायक होने की उम्मीद है। इन सभी 40 विधायकों से साइन करवा लिए गए हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। यह लेटर महाराष्ट् के राज्यपाल को भेजा जाएगा। शाम को सभी विधायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यपाल से जुड़ेंगे।
जानते हैं कि क्यों महाराष्ट्र के विधायक पहुंचे असम?
गुवाहाटी लाने की कुछ वजहें…
- यहां सरकार भाजपा की है।
- गुवाहाटी का एयरपोर्ट बहुत छोटा है, किसी भी तरह की हलचल का फौरन पता लग जाएगा।
- शिवसेना की मौजूदगी नहीं है।
- कांग्रेस इतनी ताकतवर नहीं है कि सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर सके।
क्या है भाजपा का प्लान-बी
भाजपा ने यहां तक तैयारी कर रखी है कि अगर यहां कोई दिक्कत आती है तो प्लान-बी के तहत सारे विधायकों को गुवाहाटी से इंफाल ले जाया जाएगा।
नॉर्थ ईस्ट की राजनीति के लिए यह घटना अहम
इस पूरे घटनाक्रम को मुमकिन बनाने की जिम्मेदारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को दी गई है। इस जिम्मेदारी में महत्वपूर्ण टास्क हिमंता के पास यह है कि किसी भी विधायक का महाराष्ट्र सरकार या कांग्रेस के नेताओं से संपर्क न हो पाए। अगर हिमंता विधायकों की सुरक्षा और मामले को सफल हो जाते हैं तो इस सफलता का सेहरा CM उनके सिर पर सजेगा।
विधायकों को गुवाहाटी लाने का निर्णय नॉर्थ ईस्ट की राजनीति के लिए बहुत अहम माना जा रहा है। असम में तो दूसरी दफा भाजपा की सरकार है। नॉर्थ ईस्ट के बाकी राज्यों में भी भाजपा की स्थिति बहुत मजबूत है। यह घटना और असम भाजपा की भूमिका इन राज्यों में भाजपा की स्थिति को और मजबूत बनाएंगे।