राष्ट्रपति का चश्मा बचाने को लगाए 6 लंगूर …?

प्रशासन को था डर- कहीं बंदर महामहिम और मेहमानों को नुकसान न पहुंचा दें…

मथुरा में सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दौरे पर थे। इस दौरान बंदरों का इतना खौफ था कि प्रशासन को सुरक्षा के लिए लंगूर का सहारा लेना पड़ा। बंदर महामहिम और मेहमानों का कोई सामान जैसे चश्मा या खाने की कोई चीज न ले जाएं। इसके लिए 6 लंगूर लगाए गए थे।

राष्ट्रपति कोविंद सोमवार को वृंदावन में महिला आश्रय सदन के अलावा बांके बिहारी मंदिर भी गए। मंदिर के आसपास बंदरों का काफी आतंक है। यहां बड़ी संख्या में मौजूद बंदर लोगों से चश्मा, पर्स, मोबाइल छीन कर ले जाते हैं।

बंदर राष्ट्रपति के दौरे के दौरान किसी तरह की गड़बड़ न कर दें, इसके लिए मंदिर के आसपास ट्रेंड लंगूर तैनात किए गए।

बांके बिहारी मंदिर की छत पर बैठा बंदर एक भक्त का चश्मा तोड़ते हुए। मंदिर के आसपास इस तरह की फोटो आपको अक्सर नजर आ जाएगी।
बांके बिहारी मंदिर की छत पर बैठा बंदर एक भक्त का चश्मा तोड़ते हुए। मंदिर के आसपास इस तरह की फोटो आपको अक्सर नजर आ जाएगी।

ट्रेनर के साथ लाए गए थे लंगूर
बांके बिहारी मंदिर, वीआईपी रोड पर लंगूर की तैनाती की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई थी। वन विभाग ने भ्रतिया गांव के रहने वाले रामनिवास से 6 लंगूर मंगाए। ट्रेनर राम निवास के साथ लाए गए ये लंगूर पूरी तरह से ट्रेंड हैं। इन लंगूरों को देखकर सड़कों पर उतर कर समान ले जाने वाले बंदर दूर ही छतों पर रहे।

यह फोटो सोमवार को राष्ट्रपति के दौरे के दौरान की है। बंदरों को भगाने के लिए बांके बिहारी मंदिर की छत पर बैठा लंगूर।
यह फोटो सोमवार को राष्ट्रपति के दौरे के दौरान की है। बंदरों को भगाने के लिए बांके बिहारी मंदिर की छत पर बैठा लंगूर।

घर से लाठी-डंडे लेकर निकलते हैं लोग
मथुरा-वृंदावन में बंदर बड़ी समस्या बन गए हैं। लोग घरों से लाठी-डंडे लेकर निकलते हैं।लोगों की शिकायतों के बाद नगर निगम ने मार्च महीने में 2 हजार बंदर पकड़े थे। लेकिन, उसके बावजूद लोगों को कोई राहत नहीं मिली। बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक मथुरा के चौबिया पड़ा में है।

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